Sunday, April 6, 2008

बंता निकला सवा सेर

बंता निकला सवा सेर

बंता और एक बंगाली बाबू अपने-अपने राज्य के स्वतंत्रता सेनानियों की बात कर रहे थे। दोनों अपने-अपने राज्य से ज्यादा से ज्यादा स्वतंत्रता सेनानियों के होने की बात करने लगे। उनकी बहस बढ़ती चली गई।

अंत में उनमें एक समझौता हुआ। दोनों बारी-बारी से अपने राज्य के स्वतंत्रता सेनानी का नाम बोलेंगे और अपने प्रतिद्वंदी के सिर से एक बाल उखाड़ लेंगे। दोनों ने इस शर्त पर काम करना शुरू कर दिया।

“भगत सिंह”, बंता ने कहा और एक बाल बंगाली बाबू के सिर से तोड़कर रख लिया।

बंगाली बाबू ने कहा, “नेताजी” और एक बाल तोड़कर रख लिया।

दोनों कुछ मिनट तक ऐसा करते रहे। थोड़ी देर में बंता अपने राज्य के सभी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम भूल गया।

बंगाली चालाक था, उसने मौके का फायदा उठाते हुए कई नाम अपने मन से बनाकर बोल दिया।

बंता बड़ा उलझा हुआ महसूस कर रहा था। उसे पंजाब के दूसरे स्वतंत्रता सेनानियों के नाम याद ही नहीं आ रहे थे। उसने कुछ पल गम्भीरता से सोचा और बंगाली के सिर पर कूद पड़ा। उसके सारे बाल उखाड़ते हुए उसने चिल्लाकर कहा, “जलियां वाला बाग।”

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