Thursday, April 24, 2008

फनी एस एम् एस-1

बेताब तमन्नावो की कसक रहने दो,
मंजिल को पाने की ललक रहने दो,
आप रहे भले नजरो से दूर,
पर इन बंद आंखो मे अपनी झलक रहने दो.

सफर बहुत लम्बा है दोस्त बनाते चलो,
दिल मिले ना मिले हाथ मिलाते चलो.
ताजमहल मत बनाना,हो सके तो,
हर जगह मुमताज बनाते चलो.

करोगे याद गुजरे ज़माने को,
तरसोगे हमारे साथ एक पल बिताने को,
फिर आवाज दोगे हमे वापस आने को,
और हम कहेगे दरवाजा नही है,कब्र से बाहर आने को.

हसरत है सिर्फ उन्हें पाने की,
और कोई ख्वाईस नही है इस दीवाने की.
शिकवा मुझे तुमसे नही किसी और से है,
क्या जरूरत थी इतना खूबसूरत बनाने की.

बोलती है दोस्ती,चुप रहते है प्यार!
हंसती है दोस्ती,रुलाते है प्यार !
मिलती है दोस्ती,जुदा करता है प्यार,
फिर भी क्यो दोस्ती छोड़कर लोग करते है प्यार.

बन कर किसी का प्यार ना खुद पर इतराओ,
खुद वफ़ा करो इतनी किसी का गूरुर बन जाओ,
ऐसा ना हो की वक्त हो जाये बेवफा,
और तुम अपनों से दूर हो जाओ.

याद आये कभी तो आँखे बंद मत करना,
हम ना भी मिले तो गम मत करना,
ज़रूरी तो नही के हम साथ ही रहे,
मगर प्यार का एहसास कभी कम मत करना.

बाग़ की बात माली ही समझे,
फूल का दर्द झुकी डाली ही समझे.
क्या रीत बनायीं दुनिया वालो ने,
दियाँ का दिल जले और लोग दीवाली समझे.



वफावो मे मेरी इतना असर हो जाये,
जिन्हें खोजती है नजरे वो नजर तो आ जाये,
हम आ जायेंगे पलक झुकने से पहले,
तुमने याद किया ये खबर तो आ जाये.

मेरी पलको मे ख्वाब रख गया कोई,
मेरी साँसों पे नाम लिख गया कोई,
चलो वादा रहा तुमसे भूल जाना हमे,
अगर हमसे अच्छा दोस्त मिल जाये कोई.

कोई क्यों हमारा इंतजार करेगा,
अपनी जिंदगी हमारे लिए बेकरार करेगा,
हम कौन से किसी के लिए खास है,
क्या सोचकर कोई हमे याद करेगा.

हम वो इश्क है जो दिल बनकर धड़कते है,
हम वो खुशबू है जो बागों मे महकते है,
हम से मुँह न मोड़ना ऐ दोस्त,
हम वो दर्द है जो आंखो से टपकते है.

कितना हँसीं चाद का चेहरा है,
उस पे सुबह का रंग गहरा है,
खुदा को भी यकिं न था वफ़ा पे,
तभी टू ये चाँद पे हजारो तारो का पहरा है.

मौत के गाडी मे जिस दिन सोना होगा,
ना कोई तकिया ना बिछोना होगा,
साथ होगी आप जैसे दोस्त की मीठी यादे,
और कब्रिस्तान का कोना होगा.

वो नदिया नही आंसू थे मेरे,
जिनपर वो कश्ती चलते चले गए,
मंजिल मिले उन्हें ख्वाईस थी मेरी,
इसलिए आँसू बहाते चले गए.

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