Sunday, February 7, 2010

सोचा न था तेरी उल्फत

सोचा न था तेरी उल्फत मे ऐसी ठोकर खाएँगे
प्यार की दुनिया मे सांस लेने से पहले ही मर जायेंगे
अब पता चला की इश्क एक खेल है कोई जस्बात नहीं
और कितनी दिल यहाँ जीते और हारे जायेंगे
चाहता तो हु मगर आसान नहीं तुझे भूलना
तेरी यादों के सहारे युही दिन कटते जायेंगे

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