Sunday, February 7, 2010

लव शायरी

मुझे सुलाने की खातिर जब रात आती है,
मैं सो नहीं पाता रात सो जाती है,
पूछने पर दिल से आवाज़ आती है,
आज याद करलो रात तो रोज़ आती है.
तेरे प्यार की हमे जरुरत बहुत थी,
पर तुझे पाने की कीमत बहुत थी ,
आखिरी साँस तक तेरा इंतजार किया था हमने
पर तुझे वादा करके भूल जाने की आदत बहुत थी …
उनका वादा है की वो लौट आएंगे,
इसी उम्मीद पर हम जिए जायेंगे,
यह इंतज़ार भी उन्ही की तरह प्यारा है,
कर रहे है और किये जायेंगे.
कभी मिलते ख़ुशी से झूम उठते थे,
आज दूर तक कही वो नज़र नहीं आते,
कैसे कहे की वो हमे भूल जायेंगे,
वो तो कभी मेरे बिन रह भी नहीं पाते …
सितम को हमने बेरुखी समझा,
प्यार को हमने बंदगी समझा,
तुम चाहे हमे जो भी समझो,
पर हमने तो तुम्हे अपनी जिन्दगी समझा.

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