Sunday, February 28, 2010

हर नज़र को एक नज़र की तलाश है,

हर नज़र को एक नज़र की तलाश है,

हर चेहरे में कुछ तोह एह्साह है,

आपसे दोस्ती हम यूँ ही नहीं कर बैठे,

क्या करे हमारी पसंद ही कुछ खास है . .

चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता,

तोह चाँद की चाहत किसे होती.

कट सकती अगर अकेले जिंदगी,

तो दोस्ती नाम की चीज़ ही न होती.

कभी किसी से जीकर इ जुदाई मत करना,

इस दोस्त से कभी रुसवाई मत करना,

जब दिल उठ जाये हमसे तोह बता देना,

न बताकर बेवफाई मत करना.

दोस्ती सची हो तो वक्त रुक जाता है

अस्मा लाख ऊँचा हो मगर झुक जाता है

दोस्ती में दुनिया लाख बने रुकावट,

अगर दोस्त साचा हो तो खुदा बी झुक जाता है.

दोस्ती वोह एहसास है जोह मिट ता नहीं.

दोस्ती पर्वत है वोह, जोह झुकता नहीं,

इसकी कीमत क्या है पुचो हमसे,

यह वोह अनमोल मोती है जोह बिकता नहीं . . .

सची है दोस्ती आजमा के देखो,

करके यकीं मुझेपे मेरे पास आके देखो,

बदलता नहीं कभी सोना अपना रंग,

चाहे जितनी बार आग में जला के देखो.....

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