Monday, March 8, 2010

होली एस एम् एस--1

मुँह लाल गुलाबी आँखें हों
और हाथों में पिचकारी हो
उस रंग भरी पिचकारी को
अँगिया पर तककर मारी हो
सीनों से रंग ढलकते हों
तब देख बहारें होली की

परियों के रंग दमकते हों
खूं शीशे जाम छलकते हों
महबूब नशे में छकते हों
जब फागुन रंग झमकते हों
तब देख बहारें होली की

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