Monday, November 15, 2010

रोमांटिक शायरी

मत कर मेरे दोस्त हसीनो से मोहब्बत
वो आँखों से वार करती हैं
मैंने इन्ही आँखों से देखा है
की वो कितनो से प्यार करती हैं

आपकी हर अदा में है शरारत सनम
बातों में है बेपनाह मोहब्बत सनम
न करो फ़िक्र लम्बी जुदाई की मेरे सनम
जुदा होकर भूल जाए ऐसी नही हमारी मोहब्बत सनम

आसमान आज फ़िर से रोया है,
नाकाम आशिकों के हार में एक और मोती पिरोया है,
कोई तो बताये कहाँ मेरा महबूब खोया है,
मोहब्बत की कब्र में मेरा ये प्यार सोया है

उनकी मोहब्बत के अभी निशान बाकी है,
नाम लब पर है और जान बाकी है
क्या हुआ अगर देख कर मुह फेर लेते है,
तसल्ली है की शकल की पहचान बाकी है

पैगाम मोहब्बत लाया है सावन,
झूम उठे है धरती और गगन ,
तू पास नही तो क्या गम,
यादों का है मौसम

नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली ,
रहे दोनों खामोश पर बात करली,
मोहब्बत की फिजा को जब खुश पाया,
इन आंखों ने रो रो के बरसात कर ली

तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है,
एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है,
पहले नही सोचा था अब सोचने लगे है हम,
जिंदगी के हर लम्हों में तेरी ज़रूरत सी लगती है

1 comment:

  1. wo toh lut gaye tere pyar me,
    warna hamari v kuch alag baat thi,
    laga tumhe jeet jayenge duniya,
    aur tumse jo mili wo meri pehli aur akhiri maat thi,
    avi puchti ho ki meri aukaat kya hai,
    are hamari harek hasrat ki tumse jyaada aukaat thi.

    ReplyDelete

1