Friday, November 26, 2010

अभी तो रात चल रही है

अभी तो रात चल रही है
हवा जो साथ चल रही है/तो समझो बात चल रही है/
जो कल तक थी फासले से/वो थामे हाथ चल रही है
वहां भीगे हैं कुछ सपने/वहीं डूबे हैं कुछ मंजर/
इन आँखों में ग़जब सूखा/वहां बरसात चल रही है
हमारे बुत के बारे मे वो कुछ जाने या ना जाने /
मगर आँसू बहाते वो औ मिट्टी अपनी गल रही है /
मुझे अपने भी मिलते हैं/तो रखता फासले दरम्यां/
किसी का अब भरोसा क्या/अभी तो घात चल रही है
कभी तो हम भी समझेंगे/तुम्हे लायक भरोसे के/
अभी से कैसे कुछ कह दे/अभी शुरवात चल रही है
तुम्हारे घर मै पहुंचा था/की जानु इस सच्चाई को
/है सचमुच इश्क मुझसे या/कि खुराफात चल रही है
भरी दुपहर में दिखते हैं/यहाँ साये अँधेरे के/
कभी फुरसत में आ जाना/अभी तो रात चल रही है
कभी तो आयेन्गे छुप कर मेरे गम के अंधेरे मे /
शमा इस आस कि शायद सुकूने दिल मे जल रही है /
शरारत थी तो छोटी सी मगर कुछ है असर ऐसा /
कि गुज़री मुद्दते फिर भी वो गुस्से से उबल रही है /
न रहना इस भरोसे में/कि आयेंगे जनाजे में/
अभी तो नाचेंगे जमकर/अभी बारात चल रही है
कभी मरने पे सोचेन्गे कि दोजखः है बला कैसी /
अभी तो ज़िदग़ी मेरी बडी रफ़्तार चल रही है /
हवा जो साथ चल रहीहै/तो समझो बात चल रही है

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