Friday, June 13, 2008

बिखर रही है मेरी जात उससे कह देना,

बिखर रही है मेरी जात उससे कह देना,
कही मिले तो ये बात उससे कह देना.

उससे कहना की बिन उसके दिन कटता नही,
सिसक के कटती है हर रात उससे कह देना,

वो साथ था,जमाना था हमसफ़र मेरा,
मगर अब कोई नही साथ उससे कह देना.

वो जिस को सुन को पलट आये मेरी दुनिया में,
हवाओं ऐसी कोई बात उससे कह देना,

अगर वो फिर भी न लौटे तो,मेहरबान कशिद,
हमारी जीस्त के हालत उससे कह देना.

हर एक जीत उसके नाम कर रहा हूँ मैं,
मैं मानता हूँ अपनी मात उससे कह देना.

बरस-बरस के निगाहें भी हो गयीं पत्थर,
पड़ी है गम की अजब रात उससे कह देना.



--
........raj.........

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