Wednesday, June 4, 2008

पत्थर से दिल लगा कर बर्बाद हो गए,

पत्थर से दिल लगा कर बर्बाद हो गए,

दिल शाद था मगर अब नाशाद हो गाए,

जिनके वफाओं पर ऐतबार था 'आज़ाद',

करके हमे तबाह वह खुद आबाद हो गए।


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बात मुद्दत के मुस्कुराने की रात आयी है,

हर एक वादा निभाने की रात आयी है,

वह जो दूर रहा करते थे साये से भी कभी,

सीने से उनको लगाने की रात आई हैं.


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किसी परी की जवानी लगी थी तुम,

प्यार की एक कहानी लगी थी तुम,

सबूत तूम ही थी कुदरत के नूर का,

जीती जागती कोई निशानी लगी थी,


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ज़िन्दगी हो गई हंसी तुम तो मिल गए मुझे,

हर एक पल को सजाने की रात आई है,

बरसो तडफाया था 'आज़ाद' को जिसने यारो,

आज उसी शोख को तडफाने की रात आई है,


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तेरे प्यार को, तेरे चाहत तो सलाम,

कदमो को तेरे, तेरी आहट को सलाम.

जिस प्यार से तुने सवारी जिंदगी मेरी,

ऐ मेरे यार तेरी इस इनायत को सलाम.


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वक्‍त के साथ हालात बदल जाते हैं,

अपनो तक के ख्यालात बद्ल जाते हैं,

जब बुरा वक्‍त आता है 'प्यारे'

खुद अपने ही ज़्ज़बात बदल जाते हैं.

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