Wednesday, June 4, 2008

रह-रह के उनकी याद सताए - हिन्दी एस.एम.एस

रह-रह के उनकी याद सताए तो क्या करे
उनकी याद दिल से ना जाए तो क्या करे,
सोचा था ख्वाबों में मुलाकात होगी,लेकिन
जब नींद ही ना आए तो क्या करे!

मत देख की कोई गुनहगार कितना है
ये देख तेरे साथ वफादार कितना है,
मत सोच की उसे कुछ लोंगो से नफरत है
ये सोच की उसे तुझसे प्यार कितना है!

एक लम्हें में तुम ने जिन्दगी सवार दी
एक लम्हें में तुमने जिन्दगी उजार दी,
कसूर तुम्हारा नही मेरा था
जो इन दो लम्हों में हमने जिन्दगी गुजार दी!

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