Friday, June 13, 2008

मज़ेदार हिन्दी शायरी

वो आँख बड़ी प्यारी थी,
जो हमने उसे मरी थी,
वो संदले बड़ी भारी थी,
जो उसने हमे मरी थी,
मुफ्त में ही पिट गए यार,
हमें तो आँख की बीमारी थी.
सोच समझ के ना की शादी जिसने,
उसने जीवन बिगाड़ लिया..
और चतुराई से की जिसने शादी,
उसने भी क्या उखाड़ लिया..
मेरी जानेमन क्या बताऊँ
कैसे सितम भाती हैं
मेरी जानेमन क्या बताऊँ

--
........raj.........

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