Wednesday, June 4, 2008

खून के आंसू रुलाता है वही मुझको,

खून के आंसू रुलाता है वही मुझको,
कि जिसकी खातिर खूने दिल बहाया था,
ना मुझ से पूछो मेरे गम की दास्तां,
कि मैने हर कदम पर ज़ख्म खाया है.



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ज़िन्दगी इश्क मे तबाह हो गई मेरी,
क्यो ऐसा मनहूस कदम मैने उठाया था,
तडप किसी सूरत दिल की मिटती नही,
उफ! क्यो उस बेवफा को अपना बनाया था.



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तुझे कितनी शिद्दत से प्यार किया था,
रातों को जागकर तुम्हारा इन्तज़ार किया था,
लेकिन अब होश आ गया है 'प्यारे' को,
कि एक बेवफा से उम्रभर का इकरार किया था.



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तुम्हारी चाहत मे क्या से क्या हो गया,
मैने चाहा था क्या और ये क्या हो गया,
तुमने यूं फेर ली मुझसे आंखें सनम बेवफा,
मानो मुझ से कोई बहुत बडा गुनाह हो गया.



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रुस्वाई ज़िंदगी का मुकद्दर हो गयी,
मेरे दिल की देवी पत्थर हो गयी,
जिसे रात दिन पाने के ख्वाब देखे,
वो बेवफा किसी और की हमसफर हो गई.



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नज़र जब मिली तो फसाना हो गया,
एक पल मे दिल तेरा दिवाना हो गया,
जब से वह आए हैं मेरी ज़िन्दगी मे,
अंदाज़ 'प्यार' का शायराना हो गया,

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