संता और बंता के बीच जायदाद का झगड़ा था। मामला अदालत में था।
संता ने अपने वकील से कहा - ''यदि मैं यह केस हार गया तो बर्बाद हो जाऊंगा।''
वकील ने कहा - ''तुम्हारा केस काफी कमजोर है। मैं तुम्हारी ज्यादा मदद नहीं कर सकता। अब सब कुछ जज के हाथों में है।''
संता ने कहा - ''अगर मैं जज को मिठाई का डिब्बा भेजूं तो कुछ काम बनेगा ?''
''ऐसी गलती मत करना। यह जज बहुत सख्त है। अगर तुमने ऐसा किया तो तुम निश्चित ही केस हार जाओगे।'' वकील ने चेतावनी दी।
कुछ दिनों बाद केस का फैसला संता के हक में हो गया। संता वकील के घर मिठाई लेकर पहुंचा और बोला - ''आपकी सलाह काम कर गई। मिठाई के डिब्बे ने मेरा काम बना दिया।''
''मेरी सलाह ? लेकिन मैंने तो मिठाई का डिब्बा न भेजने की सलाह दी थी ?'' वकील ने आश्चर्य प्रकट करते हुये कहा ।
''हां, आपने यही कहा था।'' संता ने कहा ।
''फिर तुमने मिठाई का डिब्बा क्यों भेजा ? जज नाराज नहीं हुआ ?'' वकील ने पूछा ।
''नाराज हुआ न! तभी तो मैं केस जीता ! दरअसल मैंने मिठाई के डिब्बे पर लिखा ''बंता ंसिंह की तरफ से श्रीमानजी के लिये भेंट''! '' संता ने मुस्कुराते हुये जवाब दिया।
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