Hamesha Deir Kar daita Hoon ..
Hamesha deir kar daita hoon mein
hur kaam karney mein
Zaroori baat kehni ho
koi wada nibhana ho
Usay awaz daini ho
usay wapis bulana ho
Hamesha deir kar daita hoon mein
Madad karni ho us ki,
Yaar ki dharas bandhana ho
Boohat dareena rastoon per
kisi sai milna jana ho
Hamesha deir kar daita hoon mein
Badaltay mosamoom ki sair mein
dil ko lagana ho
Kisi ko yaad rakhna ho,
kisi ko bhool jana ho
Hamesha deir kar daita hoon mein
Kisi ko muat sai pehlay
Kisi gham sai bachana ho
Haqeeqat aur thi kuch
Us ko ja kay batana ho
Hamesha deir kar daita hoon mein
Monday, April 28, 2008
Hamesha Deir Kar daita Hoon ..
Tumhein Jab Kabi Mile Fursatein
Tumhein Jab Kabi Mile Fursatein
Tumhein jab kabi mile Fursatein Mere Dil se Bojh utar do
Mai boht dino se Udaas hoon, Mujhe koi Shaam udhar do
Mujhe apne Roop ki Dhoop do, K Chamat sakey Mere Khad-o-Khaal
Mujhe apne Rang mai rang do, Mere sare Zang utar do
Kisi aur ko Mere Haal se, na garz hai na koi Wasta
Mai Bikhar gaya hoon Samet lo, Bigar gaya hon Sanwaar lo
Meri Wehshaton ko barha dya hai Judaiyon k Azab ne
Mere Dil pe Haath rakho zara, Meri Dharkano ko Qarar do
Wahan Ghar mai Kon hai Muntazir, Kise Fikar Dair Sawer ki
Bari Mukhtasar si yeh Raat hai, ise Chandni mai Guzar lo
Tumhein jab kabi mile Fursatein Mere Dil se Bojh utar do
Mai boht dino se Udaas hoon, Mujhe koi Shaam udhar do
Mujhe apne Roop ki Dhoop do, K Chamat sakey Mere Khad-o-Khaal
Mujhe apne Rang mai rang do, Mere sare Zang utar do
Kisi aur ko Mere Haal se, na garz hai na koi Wasta
Mai Bikhar gaya hoon Samet lo, Bigar gaya hon Sanwaar lo
Meri Wehshaton ko barha dya hai Judaiyon k Azab ne
Mere Dil pe Haath rakho zara, Meri Dharkano ko Qarar do
Wahan Ghar mai Kon hai Muntazir, Kise Fikar Dair Sawer ki
Bari Mukhtasar si yeh Raat hai, ise Chandni mai Guzar lo
*~Tum jaa to rahe ho Ghazal~*
*~Tum jaa to rahe ho Ghazal~*
tum jaa to rahe ho par itna to bata do
is dil se kya kahun ise kaise samjaun
is ke totne ki awaz to na ayegi tumhe
par uske tukdon ko le kar mai kahan jaoon
tum jaa to rahe ho par itna to bata do
un yaadon ka mai kya karun
tumhare likhe khaton ko main kahan jalaun
kisey baar baar sataoon kisey manaoon
tum jaa to rahe ho par itna to bata do
meri siskiyon mein bhi tumhara hi naam hai
in ashkon ko mai kahan chhupaun
tum shumaar ho abhi tak pardanasheeno mein
log sabab puchenge to bolo mai kya bataun
tum jaa to rahe ho par itna to bata do
tujhe bhulaane ke kaunse tareeke apnaoon
meri dhadkan, har saans ki rawangi ho tum
tujhe bhoolane ki koshish mein kahin mar na jaoon
is dil se kya kahun ise kaise samjaun
is ke totne ki awaz to na ayegi tumhe
par uske tukdon ko le kar mai kahan jaoon
tum jaa to rahe ho par itna to bata do
un yaadon ka mai kya karun
tumhare likhe khaton ko main kahan jalaun
kisey baar baar sataoon kisey manaoon
tum jaa to rahe ho par itna to bata do
meri siskiyon mein bhi tumhara hi naam hai
in ashkon ko mai kahan chhupaun
tum shumaar ho abhi tak pardanasheeno mein
log sabab puchenge to bolo mai kya bataun
tum jaa to rahe ho par itna to bata do
tujhe bhulaane ke kaunse tareeke apnaoon
meri dhadkan, har saans ki rawangi ho tum
tujhe bhoolane ki koshish mein kahin mar na jaoon
Saturday, April 26, 2008
याददा6त
याददा6त |
एक वृद्ध दंपति को लगने लगा कि उनकी याददा6त कमजोर हो चली है। यह सुनि6चित करने के लिये कि उन्हें कुछ नहीं हुआ है, वे डॉक्टर के पास गये। डॉक्टर ने बारीकी से उनका परीक्षण किया और बताया कि उन्हें कोई बीमारी नहीं है। बुढ़ापे में इस तरह के लक्षण स्वाभाविक हैं। उसने उन्हें महत्वपूर्ण कार्यों को लिखकर रखने की सलाह दी ताकि वे कोई जरूरी काम न भूलें। वृद्ध दंपति ने डॉक्टर का धन्यवाद किया और घर चले गये। उस रात को टीवी देखते समय पति उठकर कहीं जाने लगा तो पत्नी ने पूछा - ''कहां जा रहे हो ?'' उसने जवाब दिया - ''रसोईघर में''। ''मेरे लिये एक कप चाय लाओगे ?'' - पत्नी ने कहा। ''ठीक है, ले आऊंगा।'' ''मेरे खयाल से तुम इसे नोट कर लो नहीं तो भूल जाओगे।'' पत्नी ने कहा। ''नहीं भूलूंगा, प्रिय'' - पति ने जवाब दिया। ''ठीक है, मेरे लिये कुछ खाने को भ्आना। जैसे अालू चिप्स'' । ''ठीक है , ले आऊंगा।'' ''मुझे लगता है तुम लिख लेते तो ठीक था। कहीं भूल न जाओ।'' पत्नी ने फिर आग्रह किया। ''नहीं भूलूंगा प्रिय । मुझे तुम्हारे लिये एक कप चाय और आलू चिप्सहै । ठीक है ऌतना तो मैं याद रख ही सकता हूं। '' लगभग आधे घण्टे बाद पति महोदय एक कटोरे में आइसक्रीम और एक प्लेट में आमलेट लेकर हाजिर हुये। पत्नी यह देखते ही आग बबूला होते हुये चिल्लाई - ''तुमसे कहा था कि लिखकर ले जाओ वरना भूल जाओगे। बताओ मेरे आलू के परांठे कहां है ?'' |
व्याज सहित वसूल --joke
व्याज सहित वसूल |
एक सेठजी बड़े कंजूस थे। एक दिन उनके बेटे ने कहा - ''पिताजी, मुझसे एक गलती हो गई है। एक लड़की मेरी वजह से मां बनने वाली है। उसका मुंह बन्द रखने के लिये या तो मुझे उसे एक लाख रूपये देने पड़ेंगे या फिर उससे शादी करनी पड़ेगी।'' सेठजी ने मजबूरीवश एक लाख रुपये उसके हवाले कर दिए। कुछ दिन बाद कमोबेश ऐसी ही स्थिति में उन्हें अपने दूसरे बेटे को भी एक लाख रुपये देने पड़े । साल भर बाद उनकी जवान बेटी रोती हुई उनके पास आई और बोली - ''पिताजी, मुझसे भूल हो गई है। मैं बिना शादी किये ही मां बनने वाली हूं। यह हरकत मेरे साथ शहर के सबसे बड़े धनवान आदमी के बेटे ने की है।'' पिता ने उसे दिलासा देते हुये कहा - ''चिन्ता न कर बेटी ! आखिर राम राम करते वह दिन आ ही गया जब मैं अपने नालायक बेटों द्वारा किया गया नुकसान व्याज सहित वसूल कर सकता हूं।'' |
आखिर आपने क्या किया था ? |
एक बंदूकधारी घुड़सवार अपनी यात्रा के दौरान एक जगह चाय पीने के लिये रुका। उसने अपना घोड़ा चाय के होटल के पास एक पेड़ से बांध दिया और अंदर चाय पीने चला गया। जब वह लौटा तो पाया कि उसका घोड़ा जगह पर नहीं है। किसी ने उसे चुरा लिया था। घुडसवार ने बंदूक से एक हवाई फायर दागा और चिल्ला चिल्ला कर कहने लगा - ''जिसने भी मेरा घोड़ा चुराया है वो सुन ले! मैं एक चाय और पीने अंदर जा रहा हूं। इस बीच अगर मेरा घोड़ा वापस जगह पर नहीं मिला तो याद रखना ....। इस जगह वही हाल करूंगा जो घोड़ा चोरी होने पर मैंने जयपुर में किया था!'' चाय पीकर जब वह लौटा तो उसका घोड़ा अपनी जगह पर वापस बंधा था। वह उसपर सवार होकर चलने लगा तभी होटलवाले ने आवाज देकर उसे रोका - ''भाई, जरा वो किस्सा तो सुनाते जाओ । जयपुर में आखिर आपने क्या किया था ?'' ''करना क्या था! वहां से पैदल ही चला गया था!'' |
तरीका |
एक सज्जन को अपने प्रिय पालतू कुत्ते को अपने भाई के पास छोड़कर कुछ दिनों के लिये बाहर जाना पड़ा । जब वे वापस लौटे तो उन्होंने अपने भाई से कुत्ते को लाने को कहा । भाई ने डरते - डरते बताया, ''भैया, कुत्ता तो कल अचानक चल बसा।'' सज्जन बहुत दुखी होते हुये अपने भाई पर नाराज हुये - ''ये कोई तरीका है बुरी खबर देने का! तुमने ये भी नहीं सोचा कि इस तरह अचानक तुम मुझे उसके मरने की खबर सुनाओगे तो मुझ पर क्या गुजरेगी! अरे, जब मैंने तुम्हें यहां से जाने के बाद पहली बार फोन किया था तब तुम कह सकते थे वह छत पर है और नीचे नहीं आ रहा है। दूसरी बार जब मैंने फोन किया तो तुम कहते कि वह जरा बीमार है और डाक्टर उसका इलाज कर रहा है। तीसरी बार जब मैंने फोन किया था तो तुम बताते कि वह गुजर गया है। इस तरह कम से कम मैं यह दुख सहने के लिये अपने आप को तैयार तो कर लेता।'' भाई को अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने माफी मांगी। ''खैर, ये बताओ मां कैसी हैं ?'' सज्जन ने पूछा। ''वे छत पर हैं और नीचे नहीं आ रही हैं!'' भाई ने जवाब दिया। |
30 साल छोटी पत्नी |
एक दंपत्ति अपनी शादी की चालीसवीं वर्षगांठ मना रहे थे। संयोग से उस दिन पत्नी का साठवां जन्मदिन भी था। उस रात उनके घर में एक परी प्रकट हुई। उसने उन दोनों से कहा कि वे दोनों इतने लम्बे समय से बड़े प्यार से रह रहे हैं जिससे वह बहुत खुश है। परी ने कहा कि वे उससे एक एक वरदान मांग सकते हैं। पत्नी, जो कि अपने पति से बेइंतहा प्यार करती थी, ने परी से कहा कि वह अपने पति के साथ दुनिया की सारी मनोरम जगहों की सैर करना चाहती है, पर उसके पास इतने पैसे नहीं हैं। परी ने अपनी छड़ी घुमाई और पत्नी के हाथ में हवाई जहाज के टिकटों से भरा लिफाफा आ गया। अब मांगने की बारी पति की थी। उसने एक मिनट सोचा फिर बोला - ''ईमानदारी से कहूं, तो मैं अपने लिये अपने से 30 साल छोटी पत्नी चाहता हूं।'' परी ने अपनी छड़ी घुमाई और .......... । पति महोदय तुरंत 90 साल के हो गये। |
दो मादा और तीन नर |
एक महिला रसोई में पहुंची तो देखा कि उसका पति जाली हाथ में लिए हुए घुमा रहा था। ''ये तुम क्या कर रहे हो ?'' - पत्नी ने उससे पूछा । ''मक्खियां मार रहा हूं।'' - पति ने जवाब दिया। ''अच्छा ! एकाध मार पाये?'' - पत्नी ने पूछा। ''तीन ! दो मादा और तीन नर ।'' - पति ने कहा। विस्मित होते हुये पत्नी ने पूछा - ''ये कैसे मालूम पड़ा ?'' ''तीन शराब की बोतल पर थीं और दो फोन पर'' - पति ने जबाब दिया। |
Jab meri haqeeqat ja ja kar un ko sunai logon nay,
Jab meri haqeeqat ja ja kar un ko sunai logon nay,
Jab meri haqeeqat ja ja kar un ko sunai
logon nay,
kuchh sach bhi kaha kuch jhooth kaha kuchh baat banai
kuchh sach bhi kaha kuch jhooth kaha kuchh baat banai
logon nay,
Dhaaye hain hamesha zulm_o_sitam duniya nay mohabat waloon par,
Dou dil ko kabhi milney na diya deewaar uthai
Dhaaye hain hamesha zulm_o_sitam duniya nay mohabat waloon par,
Dou dil ko kabhi milney na diya deewaar uthai
logon nay,
Ankhon se na ansu ponch sakey honthon pe khushi dekhi na gayi,
Abaad jo dekha ghar mera aag lagai logon nay,
Tanhai ka sathi mil na saka ruswai mein shamil
Ankhon se na ansu ponch sakey honthon pe khushi dekhi na gayi,
Abaad jo dekha ghar mera aag lagai logon nay,
Tanhai ka sathi mil na saka ruswai mein shamil
sehar hua,
Pehley tou mera dil tod diya phir eid manai logon nay
Iss daor mein jeena mushkil hai ae ashq koi asaan nhin,
Har ik qadam par marney ki abb rasm chalai
Pehley tou mera dil tod diya phir eid manai logon nay
Iss daor mein jeena mushkil hai ae ashq koi asaan nhin,
Har ik qadam par marney ki abb rasm chalai
logon nay,
Tum na mano yeh hakikat hai,
Tum na mano yeh hakikat hai,
Dosti insaan ki zarurat hai,
Kisi din aao hamari mehfil me
jan jaoge zindagi kitni khubsurat hai
Likhte-2 raat guzar jayegi,
shabdo k zariye dil ki baat nikal jayegi,
or na kaho humse dil k zakhm dikhane ko,
varna ankho me chupi ansuo ki barsat nikal jayegi.
Raat hogi toh neend aayegi,
Neend aayegi toh khawab aayenge,
Khawab aayenge toh aap aayenge,
Aap aayenge toh saath mein aapke baap aayenge,
Phir na neend ayegi, na khawab aayenge..... ..
1mulla ki shaadi nhi ho rahi they,
wo mannat mangne gya.
Waha uski maa khai me gir gyi,
Mulla bola-Ya Khuda teri khudai...... .
Apni to mili nhi-abbaa ki bhi Gawai....... ....
Takdeer Ne Chaha Takdeer Ne Bataya
Takdeer Ne Aapko aur Humko Milaya
Khushnasib the hum ya woh pal jab
aap jaisa Anmol dost is jindagi me aaya......
woh chand hai magar aapse pyara to nahi
dost ka dost k bina guzara to nahi
meerey dil ney sunni hai ek meethi c awaz
kahin aap ne pyar se pukara to nahi.
Jo Pal pal chalti woh Zindagi
Jo Pal pal Jalti rahi wo Roshni
Jo har pal khilti rahi wo Mohabbat
jo kisi pal sath na chorai wo DOSTI
Kuch rishte uparwal banata hai...
Kuch Rishte log banate hai...
Par Kuch log bina kisi rishte k hi
rishte nibhate hai...
Shyad wohi dost kehlate hai..
KAANCH KE TUKDO PE CHALA NAI KARTE,
DIL KI BAAT HAR EK KO KAHA NAI KARTE,
AASHIQ BHI JALTE HAI HAMARI DOSTI DEKHKAR,
KYUNKE HUM JAISE DOST HAR EK KO MILA NAI KARTE...
dard kafi hai bekhudi k lie
mot zaruri hai zindagi k lie.
kon marta hai yahan kisi k lie
hum to zinda hain aap jaisy"dost"ki dosti k lie
Dosti toh sirf ek ittefaaq hai,
Yeh toh dilon ki mulaakaat hai,
Dosti nahi dekhti yeh din hai ki raat hai,
Isme toh sirf wafaadaari aur jasbaat hai !
samandr k kinarebetha kroo,
koi na koi lehar to aye gi,
kismat na badli to kaya how,
kam se kam SHAKAL hi dul jay ge.
Dosti insaan ki zarurat hai,
Kisi din aao hamari mehfil me
jan jaoge zindagi kitni khubsurat hai
Likhte-2 raat guzar jayegi,
shabdo k zariye dil ki baat nikal jayegi,
or na kaho humse dil k zakhm dikhane ko,
varna ankho me chupi ansuo ki barsat nikal jayegi.
Raat hogi toh neend aayegi,
Neend aayegi toh khawab aayenge,
Khawab aayenge toh aap aayenge,
Aap aayenge toh saath mein aapke baap aayenge,
Phir na neend ayegi, na khawab aayenge..... ..
1mulla ki shaadi nhi ho rahi they,
wo mannat mangne gya.
Waha uski maa khai me gir gyi,
Mulla bola-Ya Khuda teri khudai...... .
Apni to mili nhi-abbaa ki bhi Gawai....... ....
Takdeer Ne Chaha Takdeer Ne Bataya
Takdeer Ne Aapko aur Humko Milaya
Khushnasib the hum ya woh pal jab
aap jaisa Anmol dost is jindagi me aaya......
woh chand hai magar aapse pyara to nahi
dost ka dost k bina guzara to nahi
meerey dil ney sunni hai ek meethi c awaz
kahin aap ne pyar se pukara to nahi.
Jo Pal pal chalti woh Zindagi
Jo Pal pal Jalti rahi wo Roshni
Jo har pal khilti rahi wo Mohabbat
jo kisi pal sath na chorai wo DOSTI
Kuch rishte uparwal banata hai...
Kuch Rishte log banate hai...
Par Kuch log bina kisi rishte k hi
rishte nibhate hai...
Shyad wohi dost kehlate hai..
KAANCH KE TUKDO PE CHALA NAI KARTE,
DIL KI BAAT HAR EK KO KAHA NAI KARTE,
AASHIQ BHI JALTE HAI HAMARI DOSTI DEKHKAR,
KYUNKE HUM JAISE DOST HAR EK KO MILA NAI KARTE...
dard kafi hai bekhudi k lie
mot zaruri hai zindagi k lie.
kon marta hai yahan kisi k lie
hum to zinda hain aap jaisy"dost"ki dosti k lie
Dosti toh sirf ek ittefaaq hai,
Yeh toh dilon ki mulaakaat hai,
Dosti nahi dekhti yeh din hai ki raat hai,
Isme toh sirf wafaadaari aur jasbaat hai !
samandr k kinarebetha kroo,
koi na koi lehar to aye gi,
kismat na badli to kaya how,
kam se kam SHAKAL hi dul jay ge.
Sunoo Acha Nahin Lagta ... !
Sunoo Acha Nahin Lagta ... !
Suno Acha Nahi Lagta
Kay Koi Doosra Daikhay
Tumhari Sharbati Aankhain
Lab-o-Rukhsaar Aur Palkain
Siyah Lambi Ghanee Zulfain
Sarahay Doosra Koi
Mujhay Acha Nahi Lagta -----
Suno Acha Nahi Lagta
Karay Jab Tazkara Koi
Karay Jab Tabsara Koi
Tumhari Zaat Ko Khoojay
Tumhari Baat Ko Soochay
Mujhay Acha Nahi Lagta -----
Suno Acha Nahi Lagta
Tumhari Muskurahat Per
Hazaroon Loag Martay Hoon
Tumhari Aik Aahat Par
Hazaroon Dil Dharaktay Hoon
Kise Ka Tum Pe Yuun Marna
Mujhay Acha Nahi Lagta -----
Suno Acha Nahi Lagta
Hawa Guzray Tumhain Choo Kar
Na Hoga Zabt Yeh Mujh say
Karayy Koi Tumsay Gustakhi
Tumhari Zulfain Bikhar Ja-ain
Tumharay Lams Pi Ja-ain
Mujhay Acha Nahi Lagta -----
Suno Acha Nahi Lagta
Kay Tum Ko Phool Bhi Dakhain
Tumharay Paas Say Mehkain
Ya Chanda Ki Guzarish Hoo
Kay Apni Roshni Bakhshoon
Rukh-e-Jana Koi Daikhay
Mujhay Acha Nahi Lagta
Suno Acha Nahi Lagta
Kay Koi Doosra Daikhay
Tumhari Sharbati Aankhain
Lab-o-Rukhsaar Aur Palkain
Siyah Lambi Ghanee Zulfain
Sarahay Doosra Koi
Mujhay Acha Nahi Lagta -----
Suno Acha Nahi Lagta
Karay Jab Tazkara Koi
Karay Jab Tabsara Koi
Tumhari Zaat Ko Khoojay
Tumhari Baat Ko Soochay
Mujhay Acha Nahi Lagta -----
Suno Acha Nahi Lagta
Tumhari Muskurahat Per
Hazaroon Loag Martay Hoon
Tumhari Aik Aahat Par
Hazaroon Dil Dharaktay Hoon
Kise Ka Tum Pe Yuun Marna
Mujhay Acha Nahi Lagta -----
Suno Acha Nahi Lagta
Hawa Guzray Tumhain Choo Kar
Na Hoga Zabt Yeh Mujh say
Karayy Koi Tumsay Gustakhi
Tumhari Zulfain Bikhar Ja-ain
Tumharay Lams Pi Ja-ain
Mujhay Acha Nahi Lagta -----
Suno Acha Nahi Lagta
Kay Tum Ko Phool Bhi Dakhain
Tumharay Paas Say Mehkain
Ya Chanda Ki Guzarish Hoo
Kay Apni Roshni Bakhshoon
Rukh-e-Jana Koi Daikhay
Mujhay Acha Nahi Lagta
खुशी का राज
खुशी का राज |
एक आदमी, जो किसी दुर्घटना में अपना एक हाथ गंवा बैठा था, अपनी जिंदगी से बहुत निराश हो गया। उसने आत्महत्या करने की ठान ली । एक दिन, वह एक इमारत की बीसवीं मंजिल पर चढ़ गया और नीचे कूदने की तैयारी में था कि तभी उसने नीचे एक आदमी को जाते देखा जिसके दोनों हाथ कटे हुये थे। उसने देखा कि अचानक उस आदमी ने गली में नाचना शुरू कर दिया। यह दृश्य देखकर वह ठिठक गया। उसे अपने ऊपर बहुत शर्म आई। वह सोचने लगा कि जिस आदमी के दोनों हाथ कटे हुये हैं वह कितनी मस्ती में नाच रहा है और एक मैं हूं एक हाथ साबुत होते हुये भी आत्महत्या करने जा रहा हूं। अपने आपको धिक्कारता हुआ वह नीचे उतर आया और उस बिना हाथ वाले आदमी के पास पहुंचकर बोला - ''दोस्त, अभी मैं उस बीसवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने वाला था क्योंकि मेरे एक ही हाथ बचा है! और एक तुम हो कि जिसके एक भी हाथ नहीं है इस तरह नाच रहे हो! तुम्हारी खुशी का राज क्या है ?'' दोनों हाथ कटे हुये वाला आदमी बोला - ''अरेऽऽ ! .... मैं कोई खुशी में नहीं नाच रहा हूं......! मेरी नाक में बड़ी तेज खुजली हो रही है .....! |
संता और बंता के बीच जायदाद
संता और बंता के बीच जायदाद का झगड़ा था। मामला अदालत में था।
संता ने अपने वकील से कहा - ''यदि मैं यह केस हार गया तो बर्बाद हो जाऊंगा।''
वकील ने कहा - ''तुम्हारा केस काफी कमजोर है। मैं तुम्हारी ज्यादा मदद नहीं कर सकता। अब सब कुछ जज के हाथों में है।''
संता ने कहा - ''अगर मैं जज को मिठाई का डिब्बा भेजूं तो कुछ काम बनेगा ?''
''ऐसी गलती मत करना। यह जज बहुत सख्त है। अगर तुमने ऐसा किया तो तुम निश्चित ही केस हार जाओगे।'' वकील ने चेतावनी दी।
कुछ दिनों बाद केस का फैसला संता के हक में हो गया। संता वकील के घर मिठाई लेकर पहुंचा और बोला - ''आपकी सलाह काम कर गई। मिठाई के डिब्बे ने मेरा काम बना दिया।''
''मेरी सलाह ? लेकिन मैंने तो मिठाई का डिब्बा न भेजने की सलाह दी थी ?'' वकील ने आश्चर्य प्रकट करते हुये कहा ।
''हां, आपने यही कहा था।'' संता ने कहा ।
''फिर तुमने मिठाई का डिब्बा क्यों भेजा ? जज नाराज नहीं हुआ ?'' वकील ने पूछा ।
''नाराज हुआ न! तभी तो मैं केस जीता ! दरअसल मैंने मिठाई के डिब्बे पर लिखा ''बंता ंसिंह की तरफ से श्रीमानजी के लिये भेंट''! '' संता ने मुस्कुराते हुये जवाब दिया।
संता ने अपने वकील से कहा - ''यदि मैं यह केस हार गया तो बर्बाद हो जाऊंगा।''
वकील ने कहा - ''तुम्हारा केस काफी कमजोर है। मैं तुम्हारी ज्यादा मदद नहीं कर सकता। अब सब कुछ जज के हाथों में है।''
संता ने कहा - ''अगर मैं जज को मिठाई का डिब्बा भेजूं तो कुछ काम बनेगा ?''
''ऐसी गलती मत करना। यह जज बहुत सख्त है। अगर तुमने ऐसा किया तो तुम निश्चित ही केस हार जाओगे।'' वकील ने चेतावनी दी।
कुछ दिनों बाद केस का फैसला संता के हक में हो गया। संता वकील के घर मिठाई लेकर पहुंचा और बोला - ''आपकी सलाह काम कर गई। मिठाई के डिब्बे ने मेरा काम बना दिया।''
''मेरी सलाह ? लेकिन मैंने तो मिठाई का डिब्बा न भेजने की सलाह दी थी ?'' वकील ने आश्चर्य प्रकट करते हुये कहा ।
''हां, आपने यही कहा था।'' संता ने कहा ।
''फिर तुमने मिठाई का डिब्बा क्यों भेजा ? जज नाराज नहीं हुआ ?'' वकील ने पूछा ।
''नाराज हुआ न! तभी तो मैं केस जीता ! दरअसल मैंने मिठाई के डिब्बे पर लिखा ''बंता ंसिंह की तरफ से श्रीमानजी के लिये भेंट''! '' संता ने मुस्कुराते हुये जवाब दिया।
Thursday, April 24, 2008
दोस्ती एस एम् एस
इस कदर खूब है दिल्लगी आपकी.
आज भी दिल में है दोस्ती आपकी,
जब भी फुरसत के लम्हे हमे है मिले,
दिल ने महसूस की है कमी आपकी.
वो मौत भी बड़ी सुहानी होगी.
जो तेरी दोस्ती में आनीं होगी
वादा रहा तुमसे पहले हम जायेंगे,
क्योंकि तुम्हारे स्वागत की रस्म भी तो निभानी होगी.
कब्र की मिटटी उठा ले गया कोई
इसी बहाने हमे छूकर गया कोई
तन्हाई और अँधेरे में खुश थे हम तो लेकिन,
फिर से इंतज़ार करने की वज़ह दे गया कोई.
हमारी आंखो में जो नमी छाई है
वो आपके दूर होने की गवाही है
याद इतना न किया करो हमे
हिचकियाँ ले ले के मेरी जान पे बन आयी है.
आँखों की सजा तब तक जब तक दीदार न हो,दिल की सजा तब तक जब तक प्यार ना हो !
ये जिंदगी भी एक सजा है ,जब तक आप जैसा यार ना हो !
आप भी जनाब बातें कमाल करते हो ,कैसे -कैसे हम से सवाल करते हो ,
उठाते नही मोबाइल जब करते है काल हम ,उल्टा मेरे सर पे चढ़ के धमाल करते हो .
ओह्ह कंजूस कभी तुम भी करो डायल , वैसे तो बातें बड़ी बेमिसाल करते हो !
आप हर मंजिल को मुश्किल समझते है, हम आपको मंजिल समझते है ,
बडा फर्क है आपके और हमारे नजरिये में ,आप सपना और हम आपको अपना समझते है !
आप को मिस करना रोज़ की बात है ,याद करना आदत की बात है ,
आप से दूर रहना क़यामत की बात है ,मगर आपको झेलना हिम्मत की बात है !
आप समझते है हमने आपको भुला रक्खा है , आप नही जानते की दिल में बसा रक्खा है ,
देख ना ले कोई आप को हमारी आँखों में , इसलिए पलको को इस कदर झुका रक्खा है !
आसमान को नींद आये तो सुलाऊ कहाँ ? धरती को मौत आये तो दफनाऊ कहाँ ?
सागर में लहर आये तो छुपाऊ कहाँ ? जब तेरी याद आये तो जाऊ कहाँ ?
आज भी दिल में है दोस्ती आपकी,
जब भी फुरसत के लम्हे हमे है मिले,
दिल ने महसूस की है कमी आपकी.
वो मौत भी बड़ी सुहानी होगी.
जो तेरी दोस्ती में आनीं होगी
वादा रहा तुमसे पहले हम जायेंगे,
क्योंकि तुम्हारे स्वागत की रस्म भी तो निभानी होगी.
कब्र की मिटटी उठा ले गया कोई
इसी बहाने हमे छूकर गया कोई
तन्हाई और अँधेरे में खुश थे हम तो लेकिन,
फिर से इंतज़ार करने की वज़ह दे गया कोई.
हमारी आंखो में जो नमी छाई है
वो आपके दूर होने की गवाही है
याद इतना न किया करो हमे
हिचकियाँ ले ले के मेरी जान पे बन आयी है.
आँखों की सजा तब तक जब तक दीदार न हो,दिल की सजा तब तक जब तक प्यार ना हो !
ये जिंदगी भी एक सजा है ,जब तक आप जैसा यार ना हो !
आप भी जनाब बातें कमाल करते हो ,कैसे -कैसे हम से सवाल करते हो ,
उठाते नही मोबाइल जब करते है काल हम ,उल्टा मेरे सर पे चढ़ के धमाल करते हो .
ओह्ह कंजूस कभी तुम भी करो डायल , वैसे तो बातें बड़ी बेमिसाल करते हो !
आप हर मंजिल को मुश्किल समझते है, हम आपको मंजिल समझते है ,
बडा फर्क है आपके और हमारे नजरिये में ,आप सपना और हम आपको अपना समझते है !
आप को मिस करना रोज़ की बात है ,याद करना आदत की बात है ,
आप से दूर रहना क़यामत की बात है ,मगर आपको झेलना हिम्मत की बात है !
आप समझते है हमने आपको भुला रक्खा है , आप नही जानते की दिल में बसा रक्खा है ,
देख ना ले कोई आप को हमारी आँखों में , इसलिए पलको को इस कदर झुका रक्खा है !
आसमान को नींद आये तो सुलाऊ कहाँ ? धरती को मौत आये तो दफनाऊ कहाँ ?
सागर में लहर आये तो छुपाऊ कहाँ ? जब तेरी याद आये तो जाऊ कहाँ ?
फनी एस एम् एस-1
बेताब तमन्नावो की कसक रहने दो,
मंजिल को पाने की ललक रहने दो,
आप रहे भले नजरो से दूर,
पर इन बंद आंखो मे अपनी झलक रहने दो.
सफर बहुत लम्बा है दोस्त बनाते चलो,
दिल मिले ना मिले हाथ मिलाते चलो.
ताजमहल मत बनाना,हो सके तो,
हर जगह मुमताज बनाते चलो.
करोगे याद गुजरे ज़माने को,
तरसोगे हमारे साथ एक पल बिताने को,
फिर आवाज दोगे हमे वापस आने को,
और हम कहेगे दरवाजा नही है,कब्र से बाहर आने को.
हसरत है सिर्फ उन्हें पाने की,
और कोई ख्वाईस नही है इस दीवाने की.
शिकवा मुझे तुमसे नही किसी और से है,
क्या जरूरत थी इतना खूबसूरत बनाने की.
बोलती है दोस्ती,चुप रहते है प्यार!
हंसती है दोस्ती,रुलाते है प्यार !
मिलती है दोस्ती,जुदा करता है प्यार,
फिर भी क्यो दोस्ती छोड़कर लोग करते है प्यार.
बन कर किसी का प्यार ना खुद पर इतराओ,
खुद वफ़ा करो इतनी किसी का गूरुर बन जाओ,
ऐसा ना हो की वक्त हो जाये बेवफा,
और तुम अपनों से दूर हो जाओ.
याद आये कभी तो आँखे बंद मत करना,
हम ना भी मिले तो गम मत करना,
ज़रूरी तो नही के हम साथ ही रहे,
मगर प्यार का एहसास कभी कम मत करना.
बाग़ की बात माली ही समझे,
फूल का दर्द झुकी डाली ही समझे.
क्या रीत बनायीं दुनिया वालो ने,
दियाँ का दिल जले और लोग दीवाली समझे.
वफावो मे मेरी इतना असर हो जाये,
जिन्हें खोजती है नजरे वो नजर तो आ जाये,
हम आ जायेंगे पलक झुकने से पहले,
तुमने याद किया ये खबर तो आ जाये.
मेरी पलको मे ख्वाब रख गया कोई,
मेरी साँसों पे नाम लिख गया कोई,
चलो वादा रहा तुमसे भूल जाना हमे,
अगर हमसे अच्छा दोस्त मिल जाये कोई.
कोई क्यों हमारा इंतजार करेगा,
अपनी जिंदगी हमारे लिए बेकरार करेगा,
हम कौन से किसी के लिए खास है,
क्या सोचकर कोई हमे याद करेगा.
हम वो इश्क है जो दिल बनकर धड़कते है,
हम वो खुशबू है जो बागों मे महकते है,
हम से मुँह न मोड़ना ऐ दोस्त,
हम वो दर्द है जो आंखो से टपकते है.
कितना हँसीं चाद का चेहरा है,
उस पे सुबह का रंग गहरा है,
खुदा को भी यकिं न था वफ़ा पे,
तभी टू ये चाँद पे हजारो तारो का पहरा है.
मौत के गाडी मे जिस दिन सोना होगा,
ना कोई तकिया ना बिछोना होगा,
साथ होगी आप जैसे दोस्त की मीठी यादे,
और कब्रिस्तान का कोना होगा.
वो नदिया नही आंसू थे मेरे,
जिनपर वो कश्ती चलते चले गए,
मंजिल मिले उन्हें ख्वाईस थी मेरी,
इसलिए आँसू बहाते चले गए.
मंजिल को पाने की ललक रहने दो,
आप रहे भले नजरो से दूर,
पर इन बंद आंखो मे अपनी झलक रहने दो.
सफर बहुत लम्बा है दोस्त बनाते चलो,
दिल मिले ना मिले हाथ मिलाते चलो.
ताजमहल मत बनाना,हो सके तो,
हर जगह मुमताज बनाते चलो.
करोगे याद गुजरे ज़माने को,
तरसोगे हमारे साथ एक पल बिताने को,
फिर आवाज दोगे हमे वापस आने को,
और हम कहेगे दरवाजा नही है,कब्र से बाहर आने को.
हसरत है सिर्फ उन्हें पाने की,
और कोई ख्वाईस नही है इस दीवाने की.
शिकवा मुझे तुमसे नही किसी और से है,
क्या जरूरत थी इतना खूबसूरत बनाने की.
बोलती है दोस्ती,चुप रहते है प्यार!
हंसती है दोस्ती,रुलाते है प्यार !
मिलती है दोस्ती,जुदा करता है प्यार,
फिर भी क्यो दोस्ती छोड़कर लोग करते है प्यार.
बन कर किसी का प्यार ना खुद पर इतराओ,
खुद वफ़ा करो इतनी किसी का गूरुर बन जाओ,
ऐसा ना हो की वक्त हो जाये बेवफा,
और तुम अपनों से दूर हो जाओ.
याद आये कभी तो आँखे बंद मत करना,
हम ना भी मिले तो गम मत करना,
ज़रूरी तो नही के हम साथ ही रहे,
मगर प्यार का एहसास कभी कम मत करना.
बाग़ की बात माली ही समझे,
फूल का दर्द झुकी डाली ही समझे.
क्या रीत बनायीं दुनिया वालो ने,
दियाँ का दिल जले और लोग दीवाली समझे.
वफावो मे मेरी इतना असर हो जाये,
जिन्हें खोजती है नजरे वो नजर तो आ जाये,
हम आ जायेंगे पलक झुकने से पहले,
तुमने याद किया ये खबर तो आ जाये.
मेरी पलको मे ख्वाब रख गया कोई,
मेरी साँसों पे नाम लिख गया कोई,
चलो वादा रहा तुमसे भूल जाना हमे,
अगर हमसे अच्छा दोस्त मिल जाये कोई.
कोई क्यों हमारा इंतजार करेगा,
अपनी जिंदगी हमारे लिए बेकरार करेगा,
हम कौन से किसी के लिए खास है,
क्या सोचकर कोई हमे याद करेगा.
हम वो इश्क है जो दिल बनकर धड़कते है,
हम वो खुशबू है जो बागों मे महकते है,
हम से मुँह न मोड़ना ऐ दोस्त,
हम वो दर्द है जो आंखो से टपकते है.
कितना हँसीं चाद का चेहरा है,
उस पे सुबह का रंग गहरा है,
खुदा को भी यकिं न था वफ़ा पे,
तभी टू ये चाँद पे हजारो तारो का पहरा है.
मौत के गाडी मे जिस दिन सोना होगा,
ना कोई तकिया ना बिछोना होगा,
साथ होगी आप जैसे दोस्त की मीठी यादे,
और कब्रिस्तान का कोना होगा.
वो नदिया नही आंसू थे मेरे,
जिनपर वो कश्ती चलते चले गए,
मंजिल मिले उन्हें ख्वाईस थी मेरी,
इसलिए आँसू बहाते चले गए.
फनी एस एम् एस
घोर कलयुग का सबूत,
लड़का : क्या मैं तुम्हारा हाथ चूम सकता हूँ?
लड़की : क्यों कुत्ते- कमीने , जालिम इन्शान
क्या मेरे होठो पे जहर लगा है.
ये दोस्ती मेरी नही हमारी है,
इसलिए तो सब रिश्तो से प्यारी है,
मुमकिन तो नही दोस्तो का रोज़ मिलना,
तभी तो sms का सिलसिला जरी है.
इस दिल की है एक कंडीशन,
जिसमे नही किसी को परमिशन,
सिर्फ आप जैसे दोस्त को है एडमिशन ,
वो भी बिना डोनेशन.
जाओ sms जाओ!मेरे प्यारे से दोस्त के
पास जाओ,धीरे से जाना, शोर मत मचाना,
बिजी होंगे तो कुछ मत कहना, फ्री होंगे तो
मिसिंग यू कहना.
यू नजरो की बात की और दिल चुरा गए ,
अंधेरो के साये मे धड़कन सुना गए,
हम तो समझे थे अजनबी उन्हें,
पर वो तो हमे अपना बहाना गए.
जाम हम पीते है,इल्जाम शराब को दीया जाता है,
इसमे कसूर शराब का नही उनका है.
जिनका चेहरा हमे शराब मे नजर आता है.
लड़का : क्या मैं तुम्हारा हाथ चूम सकता हूँ?
लड़की : क्यों कुत्ते- कमीने , जालिम इन्शान
क्या मेरे होठो पे जहर लगा है.
ये दोस्ती मेरी नही हमारी है,
इसलिए तो सब रिश्तो से प्यारी है,
मुमकिन तो नही दोस्तो का रोज़ मिलना,
तभी तो sms का सिलसिला जरी है.
इस दिल की है एक कंडीशन,
जिसमे नही किसी को परमिशन,
सिर्फ आप जैसे दोस्त को है एडमिशन ,
वो भी बिना डोनेशन.
जाओ sms जाओ!मेरे प्यारे से दोस्त के
पास जाओ,धीरे से जाना, शोर मत मचाना,
बिजी होंगे तो कुछ मत कहना, फ्री होंगे तो
मिसिंग यू कहना.
यू नजरो की बात की और दिल चुरा गए ,
अंधेरो के साये मे धड़कन सुना गए,
हम तो समझे थे अजनबी उन्हें,
पर वो तो हमे अपना बहाना गए.
जाम हम पीते है,इल्जाम शराब को दीया जाता है,
इसमे कसूर शराब का नही उनका है.
जिनका चेहरा हमे शराब मे नजर आता है.
क्या प्यार में ऐसा होता है ????
क्या प्यार में ऐसा होता है ????
के जिससे दिल चाहे उसपे मर जाने को.
दिल चाहता है उसके आंसू पी जाने को,
दिल चाहता है उसके हर गम मिटा देने को,
दिल चाहता है उसको हर पल मुस्कराता हुआ देखने को.
दिल चाहता है उसपे ज़िंदगी लुटा देने को,
दिल चाहता है उसका हाथ पकड़ के उड़ जाने को,
दिल चाहता हैं उसकी आंखों में खो जाने को,
दिल चाहता हैं उसकी बातों को हर पल सुनने को .
दिल चाहता है,उसको हर चोट से महफूज़ रखने को,
दिल चाहता है उसको छुपा लेने को,
दिल चाहता है उसको हर पल सपनो में रखने को.
क्या प्यार में ऐसा होता है………….
के जिससे दिल चाहे उसपे मर जाने को.
दिल चाहता है उसके आंसू पी जाने को,
दिल चाहता है उसके हर गम मिटा देने को,
दिल चाहता है उसको हर पल मुस्कराता हुआ देखने को.
दिल चाहता है उसपे ज़िंदगी लुटा देने को,
दिल चाहता है उसका हाथ पकड़ के उड़ जाने को,
दिल चाहता हैं उसकी आंखों में खो जाने को,
दिल चाहता हैं उसकी बातों को हर पल सुनने को .
दिल चाहता है,उसको हर चोट से महफूज़ रखने को,
दिल चाहता है उसको छुपा लेने को,
दिल चाहता है उसको हर पल सपनो में रखने को.
क्या प्यार में ऐसा होता है………….
उल्फत का अधूरा अफसाना कुछ भूल गए कुछ याद भी है
उल्फत का अधूरा अफसाना कुछ भूल गए कुछ याद भी है,
साहिल से लहर का टकराना कुछ भूल गए कुछ याद भी है.
तेरे अहदे वफ़ा ने काम किया मेरा शौके जूनून बढ़ता ही गया,
अफ़सोस बुलंदी पर ला कर खुद तुने मुझको गिरा दिया,
लिपटा के गले यूं ठुकराना कुछ भूल गए कुछ याद भी है.
उल्फत का अधूरा अफसाना कुछ भूल गए कुछ याद भी है.
हम आग से खेले जल भी गए,वो आँख चुरा कर चल भी दिए,
हम उनको भुलायेंगे कैसे,जो पल भर में यूं बदल गए,
इक दर्द मिला है नजराना कुछ भूल गए कुछ याद भी है.
उल्फत का अधूरा अफसाना कुछ भूल गए कुछ याद भी है.
साहिल से लहर का टकराना कुछ भूल गए कुछ याद भी है.
साहिल से लहर का टकराना कुछ भूल गए कुछ याद भी है.
तेरे अहदे वफ़ा ने काम किया मेरा शौके जूनून बढ़ता ही गया,
अफ़सोस बुलंदी पर ला कर खुद तुने मुझको गिरा दिया,
लिपटा के गले यूं ठुकराना कुछ भूल गए कुछ याद भी है.
उल्फत का अधूरा अफसाना कुछ भूल गए कुछ याद भी है.
हम आग से खेले जल भी गए,वो आँख चुरा कर चल भी दिए,
हम उनको भुलायेंगे कैसे,जो पल भर में यूं बदल गए,
इक दर्द मिला है नजराना कुछ भूल गए कुछ याद भी है.
उल्फत का अधूरा अफसाना कुछ भूल गए कुछ याद भी है.
साहिल से लहर का टकराना कुछ भूल गए कुछ याद भी है.
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यों हैं.
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं.
मैं न जुगनू हूँ दिया हूँ न कोई तारा हूँ
रौशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यूँ हैं .
नींद से मेरा ताल्लुक ही नहीं बरसों से
ख्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यों हैं
मोड़ होता है जवानी का संभलने के लिए
और सब लोग यहीं आके फिसलते क्यों हैं.
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ ,
पहले से मरासिम न सही फिर भी कभी तो
रस्म -ओ -रहे दुनिया ही निभाने के लिए आ
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से खफा है तो ज़माने के लिए आ.
कुछ तो मेरे पिंदार -ए -मुहब्बत का भरम रख
तू भी तो कभी मुझ को मनाने के लिए आ.
एक उम्र से हूँ लाज्ज़त -ए -गिरिया से भी महरूम
ऐ राहत -ए -जान मुझ को रुलाने के लिए आ .
अब तक दिल -ए -खुश फहम को तुझ से हैं उम्मीद
ये आखिरी शम्मा भी बुझाने के लिए आ
जैसे तुझे आते हैं न आने के बहाने
ऐसे ही किसी रोज़ न जाने के लिए आ.
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं.
मैं न जुगनू हूँ दिया हूँ न कोई तारा हूँ
रौशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यूँ हैं .
नींद से मेरा ताल्लुक ही नहीं बरसों से
ख्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यों हैं
मोड़ होता है जवानी का संभलने के लिए
और सब लोग यहीं आके फिसलते क्यों हैं.
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ ,
पहले से मरासिम न सही फिर भी कभी तो
रस्म -ओ -रहे दुनिया ही निभाने के लिए आ
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से खफा है तो ज़माने के लिए आ.
कुछ तो मेरे पिंदार -ए -मुहब्बत का भरम रख
तू भी तो कभी मुझ को मनाने के लिए आ.
एक उम्र से हूँ लाज्ज़त -ए -गिरिया से भी महरूम
ऐ राहत -ए -जान मुझ को रुलाने के लिए आ .
अब तक दिल -ए -खुश फहम को तुझ से हैं उम्मीद
ये आखिरी शम्मा भी बुझाने के लिए आ
जैसे तुझे आते हैं न आने के बहाने
ऐसे ही किसी रोज़ न जाने के लिए आ.
मुझे जो कुछ भी कहना था अभी मैं कह नही पाया,
मुझे जो कुछ भी कहना था अभी मैं कह नही पाया,
मेरे तहरीर की ज़द में अभी तो कुछ नही आया,
अभी भी करब लिखना है जिसे महसूस करता हूँ
अभी वो ख्वाब लिखने हैं जो आँखों में पलते हैं ,
मुझे उनको भी लिखना है जिन्हें मैं ढूंढ न पाया
अभी वो लोग लिखने हैं जो खो कर हाथ मलते हैं
अभी वो अश्क लिखना है कभी जो बह नही पाया
मेरे तहरीर की ज़द में अभी भी कुछ नही आया ..
अभी तो मौसमों की शोखियाँ तहरीर करनी हैं
अभी वो फूल कलियाँ और सेहे-ए-शबनम भी लिखनी हैं ,
उठाने हैं अभी दरिया से मुझको प्यास के पहरे
अभी तो खुश्क पैरों पे मुझे रिम झिम भी लिखनी हैं
कहीं पे धुप लिखनी है कहीं पे तीरगी छाया
मेरे तहरीर की ज़द में अभी भी कुछ नही आया ..
अभी तो मुझ को लिखनी है किसी की रेशमी जुल्फें
किसी की सुरमईं पलकें किसी की आंख का काजल
किसी का टूटता बादल किसी के प्यार की क़सम
किसी की अनकही बातें मचा दें दिल में जो हलचल
अभी वो सब लिखना है जो मेरा इश्क कहलाया
मेरे तहरीर की ज़द में अभी भी कुछ नही आया ..
अभी तो वो सफर लिखना है जो दरपेश हैं मुझपे
अभी तो तुमको अपनी प्यास का सेहरा दिखाना है,
अभी तो हिज्र की लिखनी हैं सारी मातमी रातें
अभी तो ऐसे लम्हों का भी तुमको लुत्फ़ सुनना है,
के जिन से अश्क आँखों में मगर इस दिल को बहलाया
मेरे तहरीर की ज़द में अभी भी कुछ नही आया ..
मेरे तहरीर की ज़द में अभी तो कुछ नही आया,
अभी भी करब लिखना है जिसे महसूस करता हूँ
अभी वो ख्वाब लिखने हैं जो आँखों में पलते हैं ,
मुझे उनको भी लिखना है जिन्हें मैं ढूंढ न पाया
अभी वो लोग लिखने हैं जो खो कर हाथ मलते हैं
अभी वो अश्क लिखना है कभी जो बह नही पाया
मेरे तहरीर की ज़द में अभी भी कुछ नही आया ..
अभी तो मौसमों की शोखियाँ तहरीर करनी हैं
अभी वो फूल कलियाँ और सेहे-ए-शबनम भी लिखनी हैं ,
उठाने हैं अभी दरिया से मुझको प्यास के पहरे
अभी तो खुश्क पैरों पे मुझे रिम झिम भी लिखनी हैं
कहीं पे धुप लिखनी है कहीं पे तीरगी छाया
मेरे तहरीर की ज़द में अभी भी कुछ नही आया ..
अभी तो मुझ को लिखनी है किसी की रेशमी जुल्फें
किसी की सुरमईं पलकें किसी की आंख का काजल
किसी का टूटता बादल किसी के प्यार की क़सम
किसी की अनकही बातें मचा दें दिल में जो हलचल
अभी वो सब लिखना है जो मेरा इश्क कहलाया
मेरे तहरीर की ज़द में अभी भी कुछ नही आया ..
अभी तो वो सफर लिखना है जो दरपेश हैं मुझपे
अभी तो तुमको अपनी प्यास का सेहरा दिखाना है,
अभी तो हिज्र की लिखनी हैं सारी मातमी रातें
अभी तो ऐसे लम्हों का भी तुमको लुत्फ़ सुनना है,
के जिन से अश्क आँखों में मगर इस दिल को बहलाया
मेरे तहरीर की ज़द में अभी भी कुछ नही आया ..
ख़ुद को मेरा दोस्त बनाने की जरूरत क्या है
ख़ुद को मेरा दोस्त बनाने की जरूरत क्या है ,
दोस्त बनके दगा देने की जरूरत क्या है ,
अगर कहा होता तो हम ख़ुद ही चले जाते ,
यू आपको चेहरा छुपाने की जरूरत क्या है ,
सोचा था रहेंगे एक घर बनाके बड़े सुकून से ,
न मिल सका सुकून तो महलों की जरूरत क्या है ,
है कौन मेरा जो बहाता मेरी मंजार पर अश्क ,
मुश्कुराते रहना तुम मुझे तेरे अश्को की जरूरत क्या है ,
मैं तो जान भी दे सकती थी तुझपे ऐ दोस्त ,
पर इस तरह मुझे आजमाने की जरुरत क्या है ,
दबी हूँ मिटटी में इस कदर की बड़ा दर्द है ,
मुझ पर फूल डाल कर और दबाने की जरुरत क्या है ,
मुझ से कर के दोस्ती अगर पूरा हो गया हो शौक ,
तो किसी और के जज्बातों से खेलने की जरुरत क्या है .
दोस्त बनके दगा देने की जरूरत क्या है ,
अगर कहा होता तो हम ख़ुद ही चले जाते ,
यू आपको चेहरा छुपाने की जरूरत क्या है ,
सोचा था रहेंगे एक घर बनाके बड़े सुकून से ,
न मिल सका सुकून तो महलों की जरूरत क्या है ,
है कौन मेरा जो बहाता मेरी मंजार पर अश्क ,
मुश्कुराते रहना तुम मुझे तेरे अश्को की जरूरत क्या है ,
मैं तो जान भी दे सकती थी तुझपे ऐ दोस्त ,
पर इस तरह मुझे आजमाने की जरुरत क्या है ,
दबी हूँ मिटटी में इस कदर की बड़ा दर्द है ,
मुझ पर फूल डाल कर और दबाने की जरुरत क्या है ,
मुझ से कर के दोस्ती अगर पूरा हो गया हो शौक ,
तो किसी और के जज्बातों से खेलने की जरुरत क्या है .
नोमोफोबिया
हेलो क्या आपने कभी नोमोफोबिया के बारे में सुना है? आपने भले ही कभी इस शब्द के बारे में नहीं सुना हो, लेकिन इस स्थिति से दो-चार जरूर हुए होंगे। दरअसल, नोमोफोबिया से मतलब है मोबाइल फोन के डिस्कनेक्ट हो जाने का डर। नोमोफोबिया की स्थिति में लोगों को यह डर सताता रहता है कि उसका मोबाइल फोन किसी वजह से जवाब न दे दे। ऐसी स्थिति से गुजर रहे लोग अपना मोबाइल बार बार चेक करते रहते हैं और यहां तक कि बहुत देर तक कोई कॉल या एसएमएस नहीं आए, तो मान लेते हैं कि उनका हैंड सेट खराब हो गया है या फिर नेटवर्क में कोई गड़बड़ी है। ऐसे लोग अक्सर अपना मोबाइल हैंड सेट बदलते रहते हैं। मोबाइल से चिपके रहने की वजह से ऐसे लोगों के कानों में अपना रिंग टोन गूंजता रहता है और हमेशा लगता है, जैसे कोई कॉल आई हो। दरअसल, नोमोफोबिया की मुख्य वजह है लोगों की मोबाइल पर निर्भरता। बिजनेस और करियर में कम्यूनिकेशन अब सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगा है। पहले जहां बिजनेस के तमाम डील्स आमने सामने की मुलाकात के बाद तय होते थे, वहीं अब मोबाइल ही सब कुछ हो गया है। जाहिर है, आज जिसका जितना बड़ा नेटवर्क है, उसका फोन दिन भर उतना ही घनघनाता रहता है। ऐसे में लोगों को मोबाइल की आदत सी हो गई है। जाहिर है, ऐसे में जब कभी घंटों किसी का फोन खामोश रहता है, तो यह स्थिति उसे खटकने लगती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कोई नोमोफोबिया से ग्रस्त है, तो वह खुद ही इस स्थिति से उबर सकता है, क्योंकि मोबाइल पर अपनी निर्भरता वह खुद ही कर सकता है।
Saturday, April 19, 2008
Spl nimantran
aapka dost
raj sharma
~ Shree Khaa Naa Ya Namaha~
Mrs. and Mr. Sambhar Chatni
Request the pleasure of the company of
Mrs. & Mr. Idli
On the occasion of the Marriage of their grandson,
SADA DOSA
( Son of Mrs. & Mr. Masala Dosa)
to
PANI PURI
( Daughter of Mrs. & Mr. Bhel Puri)
on 30th May 2006, 12.00 a.m. at
Dahi Wada Hall, Samosa Building,
Cham Cham Road , Opposite Papad Theatre,
Haldiram, Mumbai Rasgulla 400 000.
Res. : "Nariyal ka Chatni", Paneer Rd.
Chola Battura Avenue , Mumbai Dhokla 400 111.
Tel. 91-ooooooo
NO GIFTS PLEASE, ONLY PRESENTS.
Best wishes from : Mr. Ghee roast dosa and Mrs. Dahi puri
joke
joke
Ek baar ek Totaa (Bole to Parrot ) Ud Raha tha full speed par ....
Uske Saamne full speed me ek Ferrari aa rahi thi ...
Dono ki takkar hui ...
Totaa Behosh ...
Raste me Ek Beggar tha
Usne Tote ko uthaya aur Ghar le gaya ...
Usko Marham lagaya ..
Aur Pinjare me rakh diya ...
Jab Tote ko hosh aaya ...
Usne apne aap ko Pinjare me dekha ...
.
Bola ...
"AAILA ... JAIL .... woh Ferrari ka Driver mar gaya kya ??
Uske Saamne full speed me ek Ferrari aa rahi thi ...
Dono ki takkar hui ...
Totaa Behosh ...
Raste me Ek Beggar tha
Usne Tote ko uthaya aur Ghar le gaya ...
Usko Marham lagaya ..
Aur Pinjare me rakh diya ...
Jab Tote ko hosh aaya ...
Usne apne aap ko Pinjare me dekha ...
.
Bola ...
"AAILA ... JAIL .... woh Ferrari ka Driver mar gaya kya ??
joke
joke
Two women were talking to each other:
" Kal maine apne husband ka kaat kar phek diya!"
"My God! Kya kah rahi hai tu!!"
"Haan yaar...bahut bada tha..... kal to had hi ho gayee"
"Kya hua?"
"Main chillati rahi...dheere karo...dheere karo....it is hurting me...par usne nahi suni..."
"Fir?
"Mujhe gussa aa gaya... kab tak tolerate karti.... baahar nikaalte hi maine ek haath se pakda aur doosre haath se kaat kar pheek diya"
"Woh chillaya nahi.....?"
" Kahta raha...yeh kya kar rahi ho...par maine bhi ek nahi suni...kaatna tha so kaat diya..."
" Ab kya hoga...?"
"Arey hona kya hai....ungli ka nakhoon dobara aa jaayega!"
" Kal maine apne husband ka kaat kar phek diya!"
"My God! Kya kah rahi hai tu!!"
"Haan yaar...bahut bada tha..... kal to had hi ho gayee"
"Kya hua?"
"Main chillati rahi...dheere karo...dheere karo....it is hurting me...par usne nahi suni..."
"Fir?
"Mujhe gussa aa gaya... kab tak tolerate karti.... baahar nikaalte hi maine ek haath se pakda aur doosre haath se kaat kar pheek diya"
"Woh chillaya nahi.....?"
" Kahta raha...yeh kya kar rahi ho...par maine bhi ek nahi suni...kaatna tha so kaat diya..."
" Ab kya hoga...?"
"Arey hona kya hai....ungli ka nakhoon dobara aa jaayega!"
joke
joke
What is Common between: Krishna, Ram, Gandhi ji &
Jesus..?
pappu Replied: All are born on Government Holidays.
# Teacher to a pappu: A=B, B=C, So A=C, Give me an
example,
pappu: I Love You, You Love Your Daughter, So I
Love your daughter.
# Ek aadmi ki Biwi gum ho gayi, Woh RAM ke Mandir me
gaya,
Ram ne kaha Baju wale Hanuman Ke Mandir mai ja, Meri bhi usi ne dhundhi thi.
# pappu bought a new mobile. He called everyone from
his Phone Book & said
"My Mobile No. has changed Earlier it was Nokia
3310........ Now it is 6610"
# X & Y KO 3 live bomb mile, Police KO dene chale,
X agar koi bomb raste mai Phat jaye to..?
Y : Jhooth bol denge 2 hi mile the...!!!
# Pappu falls in Love with Nurse. She rejected him. ..
why ? ..
Because he writes a Love letter to her, "I LOVE U SISTER."
funy shayari
Aap Kya Jaano Hum aapko Kitna Yaad Karte Hai!
Mano Yaa NA Mano Har Pal Faryad Karte Hai,
Roz Khat Likhte Hai Cartoon Netwrok Ko,
Aur Bas Aapko Hi Dekhne Ki Maang Karte Hai!!! koi kahe bevafa yaar se,
tujhse vafa ki ummid laga baithe
tujhse judai ke aalam main,
milne ki ummid laga baithe
ek jaan niklene ki der hai,
tere didar ki ummid laga baithe
tu na sahi teri yaad to hai ankahi
kis dil se ishq ki ummid laga baithe Ghaayal Kiya Jab Apnno Ne
ghaayal kiya jab apnno ne,to gairon se gilla kiya kerna
uthaye hai khanjer jab apno ne,to zindgi ki tammna kiya kerna
dil tha aik kanch ka gher ,so aakhir wo bhi toot gyia
qismat main likhye hain jb gum,to khuda se gila kiya kerna
tersti rahi zindagi bher jin sacchey rishton ke liye
jab unhon ne hi thukera diya, to garon se tawqo kiya kerna
jis ko smjha tha apna, jis ko bnaya tha apna razdan
osi ne jb dil torr diya, to gaer ko apna ker kiya kerna
muskerana jo bhool gaye hont shazi,to kiya hua
gum ko bna liya hye apna, to muskera ke ab kiya kerna "KOI HUM SEY PUCHEY"
Tanhaiyon Ka Zehar Peena Kesa Lagta Hai
Koi Hum Sey puchey
Kisi Ki Yadoon Main Khoyey Rehna Kesa Lagta Hai
Koi Hum sey Puchey
Kabhi Akeley Main Apnay Aap Hi Hans Dena Kesa Lagta Hai
Koi Hum sey puchey
Kabhi Tanha Bethe Bethe Khud Hi RoLena Kesa Lagta Hai
Koi Hum Sey Puchey
Kissi Ke Intizar Ki Bechaini Main Taraptey Rehna Kesa Lagta Hai
Koi Hum Sey Puchey
Yeh Jaan Kar Bhi ke Aanay Wala Aye Ga Nahin
Us Ki Rahoon Main Palken Bichaey Baithna Kesa Lagta Hai
Koi Hum sey puchey
Neend To Ankhon Se Koson Meel Door Hai
Yeh Soch Kar Raton Ko Tarey Ginna Kesa Lagta Hai
Koi Hum Sey puchey
Kiya Pata Agli Subha "UN" Ka Deedar Naseeb Ho
Yeh Sooch Kar Khuda Sey Dua Mangtey Rehna
Ke Abhi Din Ka Ujala Ho Jaey Kesa Lagta Hai
Koi Hum Sey Puchey....!!
Mano Yaa NA Mano Har Pal Faryad Karte Hai,
Roz Khat Likhte Hai Cartoon Netwrok Ko,
Aur Bas Aapko Hi Dekhne Ki Maang Karte Hai!!! koi kahe bevafa yaar se,
tujhse vafa ki ummid laga baithe
tujhse judai ke aalam main,
milne ki ummid laga baithe
ek jaan niklene ki der hai,
tere didar ki ummid laga baithe
tu na sahi teri yaad to hai ankahi
kis dil se ishq ki ummid laga baithe Ghaayal Kiya Jab Apnno Ne
ghaayal kiya jab apnno ne,to gairon se gilla kiya kerna
uthaye hai khanjer jab apno ne,to zindgi ki tammna kiya kerna
dil tha aik kanch ka gher ,so aakhir wo bhi toot gyia
qismat main likhye hain jb gum,to khuda se gila kiya kerna
tersti rahi zindagi bher jin sacchey rishton ke liye
jab unhon ne hi thukera diya, to garon se tawqo kiya kerna
jis ko smjha tha apna, jis ko bnaya tha apna razdan
osi ne jb dil torr diya, to gaer ko apna ker kiya kerna
muskerana jo bhool gaye hont shazi,to kiya hua
gum ko bna liya hye apna, to muskera ke ab kiya kerna "KOI HUM SEY PUCHEY"
Tanhaiyon Ka Zehar Peena Kesa Lagta Hai
Koi Hum Sey puchey
Kisi Ki Yadoon Main Khoyey Rehna Kesa Lagta Hai
Koi Hum sey Puchey
Kabhi Akeley Main Apnay Aap Hi Hans Dena Kesa Lagta Hai
Koi Hum sey puchey
Kabhi Tanha Bethe Bethe Khud Hi RoLena Kesa Lagta Hai
Koi Hum Sey Puchey
Kissi Ke Intizar Ki Bechaini Main Taraptey Rehna Kesa Lagta Hai
Koi Hum Sey Puchey
Yeh Jaan Kar Bhi ke Aanay Wala Aye Ga Nahin
Us Ki Rahoon Main Palken Bichaey Baithna Kesa Lagta Hai
Koi Hum sey puchey
Neend To Ankhon Se Koson Meel Door Hai
Yeh Soch Kar Raton Ko Tarey Ginna Kesa Lagta Hai
Koi Hum Sey puchey
Kiya Pata Agli Subha "UN" Ka Deedar Naseeb Ho
Yeh Sooch Kar Khuda Sey Dua Mangtey Rehna
Ke Abhi Din Ka Ujala Ho Jaey Kesa Lagta Hai
Koi Hum Sey Puchey....!!
Ye peenay vaalay bohut hii ajiib hotay...,
Ye peenay vaalay bohut hii ajiib hotay...,
Ye peenay vaalay bohut hii ajiib hotay hain,
Jahaan say duur ye Khud kay kariib hotay hain,
Jahaan say duur ye Khud kay kariib hotay hain,
Kisii ko pyaar milay aur kisii ko rusvaayi,
Mohabbaton kay safar bhii ajiib hotay hain,
Mohabbaton kay safar bhii ajiib hotay hain,
Milaa kisii ko hai kyaa sochiye amiirii say,
Dilon kay shaah tou aksar Gariib hotay hain,
Dilon kay shaah tou aksar Gariib hotay hain,
Yahaan kay logon kii hai khaasiyat ye sab say badi,
Habiib lagtay hain lekin raqiib hotay hain,
Habiib lagtay hain lekin raqiib hotay hain,
Aap ki yaad se Mohabbat ki hai
Aap ki yaad se Mohabbat ki hai
Main aap ko kis tarah bhool sakta hun
maine aap ki yaad se mohabbat ki hai
Kabhi to aapne bhi mujhe yaad kiya hoga
maine un lamhon se mohabbat kee hai
Aur jo mehkte ho sirf aap ki hi mohabbat se
maine un jazbaat se mohabbat ki hai
Aap se milna to ab khwab sa lagta hai
maine is intezaar se mohabbat ki hai
जो हुआ सो हुआ
उठके कपड़े बदल, घर से बाहर निकल
जो हुआ सो हुआ
रात के बाद दिन, आज के बाद कल
जो हुआ सो हुआ
जब तलक साँस है, भूख है प्यास है
ये ही इतिहास है
रख के काँधे पे हल, खेत की ओर चल
जो हुआ सो हुआ
खून से तर-ब-तर, करके हर रहगुज़र
थक चुके जानवर
लकड़ियों की तरह, फिर से चूल्हे में जल
जो हुआ सो हुआ
जो मरा क्यों मरा, जो जला क्यों जला
जो लुटा क्यों लुटा
मुद्दतों से हैं गुम, इन सवालों के हल
जो हुआ सो हुआ
मन्दिरों में भजन मस्जिदों में अज़ाँ
आदमी है कहाँ ?
आदमी के लिए एक ताज़ा ग़ज़ल
जो हुआ सो हुआ
जो हुआ सो हुआ
रात के बाद दिन, आज के बाद कल
जो हुआ सो हुआ
जब तलक साँस है, भूख है प्यास है
ये ही इतिहास है
रख के काँधे पे हल, खेत की ओर चल
जो हुआ सो हुआ
खून से तर-ब-तर, करके हर रहगुज़र
थक चुके जानवर
लकड़ियों की तरह, फिर से चूल्हे में जल
जो हुआ सो हुआ
जो मरा क्यों मरा, जो जला क्यों जला
जो लुटा क्यों लुटा
मुद्दतों से हैं गुम, इन सवालों के हल
जो हुआ सो हुआ
मन्दिरों में भजन मस्जिदों में अज़ाँ
आदमी है कहाँ ?
आदमी के लिए एक ताज़ा ग़ज़ल
जो हुआ सो हुआ
गरज-बरस प्यासी धरती पर
गरज-बरस प्यासी धरती पर
फिर पानी दे मौला
चिड़ियों को दाने, बच्चो को
गुड़धानी दे मौला
दो और दो का जोड़ हमेशा
चार कहाँ होता है
सोच-समझवालों को थोड़ी
नादानी दे मौला
फिर रौशन कर ज़हर का प्याला
चमका नयी सलीबें
झूठों की दुनिया में सच को
ताबानी1 दे मौला
फिर मूरत से बाहर आकर
चारों ओर बिखर जा
फिर मन्दिर को कोई ‘मीरा’
दीवानी दे मौला
तेरे होते कोई किसी की
जान का दुश्मन क्यों हो
जीनेवालों को मरने की
आसानी दे मौला
फिर पानी दे मौला
चिड़ियों को दाने, बच्चो को
गुड़धानी दे मौला
दो और दो का जोड़ हमेशा
चार कहाँ होता है
सोच-समझवालों को थोड़ी
नादानी दे मौला
फिर रौशन कर ज़हर का प्याला
चमका नयी सलीबें
झूठों की दुनिया में सच को
ताबानी1 दे मौला
फिर मूरत से बाहर आकर
चारों ओर बिखर जा
फिर मन्दिर को कोई ‘मीरा’
दीवानी दे मौला
तेरे होते कोई किसी की
जान का दुश्मन क्यों हो
जीनेवालों को मरने की
आसानी दे मौला
तुम जैसा लगता है
कहीं-कहीं से हर चेहरा
तुम जैसा लगता है
तुमको भूल न पायेंगे हम
ऐसा लगता है
ऐसा भी इक रंग है जो
करता है बातें भी
जो भी इसको पहन ले वो
अपना-सा लगता है
तुम क्या बिछड़े भूल गये
रिश्तों की शराफ़त हम
जो भी मिलता है कुछ दिन ही
अच्छा लगता है
अब भी यूँ मिलते हैं हमसे
फूल चमेली के
जैसे इनसे अपना कोई
रिश्ता लगता है
और तो सब कुछ ठीक है लेकिन
कभी-कभी यूँ ही
चलता-फिरता शहर अचानक
तन्हा लगता है
तुम जैसा लगता है
तुमको भूल न पायेंगे हम
ऐसा लगता है
ऐसा भी इक रंग है जो
करता है बातें भी
जो भी इसको पहन ले वो
अपना-सा लगता है
तुम क्या बिछड़े भूल गये
रिश्तों की शराफ़त हम
जो भी मिलता है कुछ दिन ही
अच्छा लगता है
अब भी यूँ मिलते हैं हमसे
फूल चमेली के
जैसे इनसे अपना कोई
रिश्ता लगता है
और तो सब कुछ ठीक है लेकिन
कभी-कभी यूँ ही
चलता-फिरता शहर अचानक
तन्हा लगता है
कहीं छत थी, दीवारो-दर थे कहीं
कहीं छत थी, दीवारो-दर थे कहीं
मिला मुझको घर का पता देर से
दिया तो बहुत ज़िन्दगी ने मुझे
मगर जो दिया वो दिया देर से
हुआ न कोई काम मामूल से
गुजारे शबों-रोज़ कुछ इस तरह
कभी चाँद चमका ग़लत वक़्त पर
कभी घर में सूरज उगा देर से
कभी रुक गये राह में बेसबब
कभी वक़्त से पहले घिर आयी शब
हुए बन्द दरवाज़े खुल-खुल के सब
जहाँ भी गया मैं गया देर से
ये सब इत्तिफ़ाक़ात का खेल है
यही है जुदाई, यही मेल है
मैं मुड़-मुड़ के देखा किया दूर तक
बनी वो ख़मोशी, सदा देर से
सजा दिन भी रौशन हुई रात भी
भरे जाम लगराई बरसात भी
रहे साथ कुछ ऐसे हालात भी
जो होना था जल्दी हुआ देर से
भटकती रही यूँ ही हर बन्दगी
मिली न कहीं से कोई रौशनी
छुपा था कहीं भीड़ में आदमी
हुआ मुझमें रौशन ख़ुदा देर से
मिला मुझको घर का पता देर से
दिया तो बहुत ज़िन्दगी ने मुझे
मगर जो दिया वो दिया देर से
हुआ न कोई काम मामूल से
गुजारे शबों-रोज़ कुछ इस तरह
कभी चाँद चमका ग़लत वक़्त पर
कभी घर में सूरज उगा देर से
कभी रुक गये राह में बेसबब
कभी वक़्त से पहले घिर आयी शब
हुए बन्द दरवाज़े खुल-खुल के सब
जहाँ भी गया मैं गया देर से
ये सब इत्तिफ़ाक़ात का खेल है
यही है जुदाई, यही मेल है
मैं मुड़-मुड़ के देखा किया दूर तक
बनी वो ख़मोशी, सदा देर से
सजा दिन भी रौशन हुई रात भी
भरे जाम लगराई बरसात भी
रहे साथ कुछ ऐसे हालात भी
जो होना था जल्दी हुआ देर से
भटकती रही यूँ ही हर बन्दगी
मिली न कहीं से कोई रौशनी
छुपा था कहीं भीड़ में आदमी
हुआ मुझमें रौशन ख़ुदा देर से
तुमको इससे क्या
टूटी है मेरी नींद मगर, तुमको इससे क्या
बजते रहे हवाओं से दर, तुमको इससे क्या
तुम मौज-मौज मिस्ल-ए-सबा1 घूमते फिरो
कट जाएँ मेरी सोच के पर, तुमको इससे क्या
औरों के हाथ थामो, उन्हें रास्ता दिखाओ
मैं भूल जाऊँ अपना ही घर, तुमको इससे क्या
अब्र-ए-गुरेज़-पा2 को बरसने से क्या ग़रज़
सीपी में बन न पाए गुहर, तुमको इससे क्या
तुमने तो थक के दश्त3 में ख़ेमे लगा लिए
तनहा कटे किसी का सफ़र, तुमको इससे क्या
----------------------------------------------------------------------------------
1.मन्द समीर के समान। 2.भगोड़ा बादल। 3.अरण्य।
क़ैद में गुज़रेगी जो उम्र बड़े काम की थी
पर मैं क्या करती कि ज़ंजीर तिरे नाम की थी
जिसके माथे पे मिरे बख़्त1 का तारा चमका
चाँद के डूबने की बात उसी शाम की थी
मैंने हाथों को ही पतवार बनाया वरना
एक टूटी हुई कश्ती मेरे किस काम की थी
वो कहानी कि सभी सूईयाँ निकली भी न थीं
फ़िक्र हर शख़्स को शहज़ादी के अंजाम की थी
ये हवा कैसे उड़ा ले गई आँचल मेरा
यूँ सताने की तो आदत मेरे घनश्याम की थी
बोझ उठाए हुए फिरती है हमारा अब तक
ऐ ज़मीं माँ ! तेरी ये उम्र तो आराम की थी
-------------------------------------------------------------------------------
1.प्रारब्ध।
बजते रहे हवाओं से दर, तुमको इससे क्या
तुम मौज-मौज मिस्ल-ए-सबा1 घूमते फिरो
कट जाएँ मेरी सोच के पर, तुमको इससे क्या
औरों के हाथ थामो, उन्हें रास्ता दिखाओ
मैं भूल जाऊँ अपना ही घर, तुमको इससे क्या
अब्र-ए-गुरेज़-पा2 को बरसने से क्या ग़रज़
सीपी में बन न पाए गुहर, तुमको इससे क्या
तुमने तो थक के दश्त3 में ख़ेमे लगा लिए
तनहा कटे किसी का सफ़र, तुमको इससे क्या
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1.मन्द समीर के समान। 2.भगोड़ा बादल। 3.अरण्य।
क़ैद में गुज़रेगी जो उम्र बड़े काम की थी
पर मैं क्या करती कि ज़ंजीर तिरे नाम की थी
जिसके माथे पे मिरे बख़्त1 का तारा चमका
चाँद के डूबने की बात उसी शाम की थी
मैंने हाथों को ही पतवार बनाया वरना
एक टूटी हुई कश्ती मेरे किस काम की थी
वो कहानी कि सभी सूईयाँ निकली भी न थीं
फ़िक्र हर शख़्स को शहज़ादी के अंजाम की थी
ये हवा कैसे उड़ा ले गई आँचल मेरा
यूँ सताने की तो आदत मेरे घनश्याम की थी
बोझ उठाए हुए फिरती है हमारा अब तक
ऐ ज़मीं माँ ! तेरी ये उम्र तो आराम की थी
-------------------------------------------------------------------------------
1.प्रारब्ध।
सभी गुनाह धुल गये
सभी गुनाह धुल गये सज़ा ही और हो गयी
मिरे वजूद पर तिरी गवाही और हो गयी
रफ़ूगरान-ए-शहर1 भी कमाल लोग थे मगर
सितारासाज़ हाथ में क़बा ही और हो गई
बहुत से लोग शाम तक किवाड़ खोलकर रहे
फ़क़ीर-ए-शहर की मगर सदा ही और हो गई
अँधेरे में थे जब तलक ज़माना साजगार2 था
चिराग़ क्या जला दिया, हवा ही और हो गई।
बहुत सँभल के चलने वाली थी पर अब के बार तो
वो गुल खिले कि शोख़ी-ए-सबा3 ही और हो गई
न जाने दुश्मनों की कौन बात याद आ गई
लबों तक आते-आते बद्दुआ ही और हो गई
ये मेरे हाथ की लकीरें खिल रहीं थीं या कि खुद
शगुन की रात खुशबू-ए-हिना4 ही और हो गई
ज़रा-सी कर्गसों5 को आब-ओ-दाना की जो शह मिली
उकाब6 से ख़िताब की अदा ही और हो गई
----------------------------------------------------------------------------------
1.नगर के रफूगर। 2.अनुकूल। 3.मन्द समीर की चपलता। 4.मेहँदी की सुगन्ध। 5.गिद्ध। 6.गरुड़, एक शिकारी चिड़िया।
मिरे वजूद पर तिरी गवाही और हो गयी
रफ़ूगरान-ए-शहर1 भी कमाल लोग थे मगर
सितारासाज़ हाथ में क़बा ही और हो गई
बहुत से लोग शाम तक किवाड़ खोलकर रहे
फ़क़ीर-ए-शहर की मगर सदा ही और हो गई
अँधेरे में थे जब तलक ज़माना साजगार2 था
चिराग़ क्या जला दिया, हवा ही और हो गई।
बहुत सँभल के चलने वाली थी पर अब के बार तो
वो गुल खिले कि शोख़ी-ए-सबा3 ही और हो गई
न जाने दुश्मनों की कौन बात याद आ गई
लबों तक आते-आते बद्दुआ ही और हो गई
ये मेरे हाथ की लकीरें खिल रहीं थीं या कि खुद
शगुन की रात खुशबू-ए-हिना4 ही और हो गई
ज़रा-सी कर्गसों5 को आब-ओ-दाना की जो शह मिली
उकाब6 से ख़िताब की अदा ही और हो गई
----------------------------------------------------------------------------------
1.नगर के रफूगर। 2.अनुकूल। 3.मन्द समीर की चपलता। 4.मेहँदी की सुगन्ध। 5.गिद्ध। 6.गरुड़, एक शिकारी चिड़िया।
फूलों के तन चाक1 हो गये
बारिश हुई तो फूलों के तन चाक1 हो गये
मौसम के हाथ भीग के सफ़्फ़ाक2 हो गये
बादल को क्या ख़बर है कि बारिश की चाह में
कितने बलन्द-ओ-बाला शजर ख़ाक हो गये
जुगनू को दिन के वक़्त परखने की ज़िद करें
बच्चे हमारे अहद के चालाक हो गये
लहरा रही है बर्फ़ की चादर हटा के घास
सूरज की शह पे तिनके भी बेबाक3 हो गये
साहिल पे जितने आब-गजीदा4 थे, सब के सब
दरिया का रुख़ बदलते ही तैराक हो गये
सूरज-दिमाग लोग भी इबलाग़-ए-फ़िक्र में
ज़ुल्फ़-ए-शब-ए-फ़िराक़5 के पेचाक हो गये
जब भी ग़रीब-ए-शहर से कुछ गुफ़्तगू हुई
लहज़े हवा-ए-शाम के नमनाक6 हो गये
--------------------------------------------------------------------------------
1.विदीर्ण। 2.अत्याचारी। 3.धृष्ट,निर्लज्ज। 4.पानी से डरे। 5.वियोग की रात्रि के केश। 6.आर्द्र।
मौसम के हाथ भीग के सफ़्फ़ाक2 हो गये
बादल को क्या ख़बर है कि बारिश की चाह में
कितने बलन्द-ओ-बाला शजर ख़ाक हो गये
जुगनू को दिन के वक़्त परखने की ज़िद करें
बच्चे हमारे अहद के चालाक हो गये
लहरा रही है बर्फ़ की चादर हटा के घास
सूरज की शह पे तिनके भी बेबाक3 हो गये
साहिल पे जितने आब-गजीदा4 थे, सब के सब
दरिया का रुख़ बदलते ही तैराक हो गये
सूरज-दिमाग लोग भी इबलाग़-ए-फ़िक्र में
ज़ुल्फ़-ए-शब-ए-फ़िराक़5 के पेचाक हो गये
जब भी ग़रीब-ए-शहर से कुछ गुफ़्तगू हुई
लहज़े हवा-ए-शाम के नमनाक6 हो गये
--------------------------------------------------------------------------------
1.विदीर्ण। 2.अत्याचारी। 3.धृष्ट,निर्लज्ज। 4.पानी से डरे। 5.वियोग की रात्रि के केश। 6.आर्द्र।
पानियों-पानियों जब चाँद का हाला उतरा
पानियों-पानियों जब चाँद का हाला उतरा
नींद की झील पे एक ख़्वाब पुराना उतरा
आजमाइश में कहाँ इश्क़ भी पूरा उतरा
हुस्न1 के आगे तो तक़दीर का लिक्खा उतरा
धूप ढलने लगी, दीवार से साया उतरा
सतह हमवार2 हुई, प्यार का दरिया उतरा
याद से नाम मिटा, जेहन से चेहरा उतरा
चन्द लम्हों में नज़र से तिरी क्या-क्या उतरा
आज की शब मैं परीशाँ हूँ तो यूँ लगता है
आज महताब का चेहरा भी है उतरा-उतरा
मेरी वहशत रम-ए-आहू3 से कहीं बढ़कर थी
जब मेरी ज़ात में तनहाई का सहरा उतरा
इक शब-ए-ग़म4 के अँधेरे पे नहीं है मौकूफ़5
तूने जो जख़्म लगाया है वो गहरा उतरा
----------------------------------------------------------------------------------
1.सौंदर्य।ष 2.समतल। 3.हिरन का भागना। 4.पीड़ा की रात्रि। 5.निर्भर।
नींद की झील पे एक ख़्वाब पुराना उतरा
आजमाइश में कहाँ इश्क़ भी पूरा उतरा
हुस्न1 के आगे तो तक़दीर का लिक्खा उतरा
धूप ढलने लगी, दीवार से साया उतरा
सतह हमवार2 हुई, प्यार का दरिया उतरा
याद से नाम मिटा, जेहन से चेहरा उतरा
चन्द लम्हों में नज़र से तिरी क्या-क्या उतरा
आज की शब मैं परीशाँ हूँ तो यूँ लगता है
आज महताब का चेहरा भी है उतरा-उतरा
मेरी वहशत रम-ए-आहू3 से कहीं बढ़कर थी
जब मेरी ज़ात में तनहाई का सहरा उतरा
इक शब-ए-ग़म4 के अँधेरे पे नहीं है मौकूफ़5
तूने जो जख़्म लगाया है वो गहरा उतरा
----------------------------------------------------------------------------------
1.सौंदर्य।ष 2.समतल। 3.हिरन का भागना। 4.पीड़ा की रात्रि। 5.निर्भर।
ज़मीन से रह गया दूर आसमान कितना
ज़मीन से रह गया दूर आसमान कितना
सितारा अपने सफ़र में है खुश-गुमान कितना
परिन्दा पैकाँ-ब-दोश1 परवाज कर रहा है
रहा है उसको ख़याल-ए-सय्यादगान2 कितना
हवा का रुख़ देखकर समन्दर से पूछना है
उठाएँ अब कश्तियों पे हम बादबान3 कितना
बहार में ख़ुशबूओं का नाम-ओ-नसब4 था जिससे
वही शजर आज हो गया बेनिशान कितना
गिरे अगर आईना तो इक ख़ास जाविये5 से
वर्ना हर अक्स को रहे खुद पे मान कितना
बिना किसी आस के उसी तरह जी रहा है
बिछड़ने वालों में था कोई सख़्तजान कितना
वो लोग क्या चल सकेंगे जो उँगलियों पे सोचें
सफ़र में है धूप किस कदर, सायबान कितना
-----------------------------------------------------------------------------------
1.कन्धे पर बाण की नोक के लिए। 2.बहेलियों का ध्यान। 3.पोतपट। 4.नाम और गोत्र। 5.कोण।
सितारा अपने सफ़र में है खुश-गुमान कितना
परिन्दा पैकाँ-ब-दोश1 परवाज कर रहा है
रहा है उसको ख़याल-ए-सय्यादगान2 कितना
हवा का रुख़ देखकर समन्दर से पूछना है
उठाएँ अब कश्तियों पे हम बादबान3 कितना
बहार में ख़ुशबूओं का नाम-ओ-नसब4 था जिससे
वही शजर आज हो गया बेनिशान कितना
गिरे अगर आईना तो इक ख़ास जाविये5 से
वर्ना हर अक्स को रहे खुद पे मान कितना
बिना किसी आस के उसी तरह जी रहा है
बिछड़ने वालों में था कोई सख़्तजान कितना
वो लोग क्या चल सकेंगे जो उँगलियों पे सोचें
सफ़र में है धूप किस कदर, सायबान कितना
-----------------------------------------------------------------------------------
1.कन्धे पर बाण की नोक के लिए। 2.बहेलियों का ध्यान। 3.पोतपट। 4.नाम और गोत्र। 5.कोण।
उसी तरह से हर इक जख़्म खुशनुमा देखे
उसी तरह से हर इक जख़्म खुशनुमा देखे
वो आये तो मुझे अब भी हरा-भरा देखे
गुज़र गए हैं बहुत दिन रफ़ाक़त-ए-शब1 में
इक उम्र हो गई चेहरा वो चाँद-सा देखे
मिरे सुकूत2 से जिसको गिले रहे क्या-क्या
बिछड़ते वक़्त उन आँखों का बोलना देखे
तिरे सिवा भी कई रंग ख़ुश-नज़र थे मगर
जो तुझको देख चुका हो वो और क्या देखे
बस एक रेत का ज़र्रा बचा था आँखों में
अभी तलक जो मुसाफ़िर का रास्ता देखे
उसी से पूछे कोई दश्त3 की रफ़ाक़त4 जो
जब आँखें खोले, पहाड़ों का सिलसिला देखे
तुझे अज़ीज़ था और मैंने उसको जीत लिया
मिरी तरफ़ भी तो इक पल तिरा खुदा देखे
------------------------------------------------------------------------------------
1.रात्रि का साहचर्य। 2.मौन। 3.जंगल। 4.मैत्री।
वो आये तो मुझे अब भी हरा-भरा देखे
गुज़र गए हैं बहुत दिन रफ़ाक़त-ए-शब1 में
इक उम्र हो गई चेहरा वो चाँद-सा देखे
मिरे सुकूत2 से जिसको गिले रहे क्या-क्या
बिछड़ते वक़्त उन आँखों का बोलना देखे
तिरे सिवा भी कई रंग ख़ुश-नज़र थे मगर
जो तुझको देख चुका हो वो और क्या देखे
बस एक रेत का ज़र्रा बचा था आँखों में
अभी तलक जो मुसाफ़िर का रास्ता देखे
उसी से पूछे कोई दश्त3 की रफ़ाक़त4 जो
जब आँखें खोले, पहाड़ों का सिलसिला देखे
तुझे अज़ीज़ था और मैंने उसको जीत लिया
मिरी तरफ़ भी तो इक पल तिरा खुदा देखे
------------------------------------------------------------------------------------
1.रात्रि का साहचर्य। 2.मौन। 3.जंगल। 4.मैत्री।
खुली आँखों में सपना
खुली आँखों में सपना झाँकता है
वो सोया है कि कुछ-कुछ जागता है
तिरी चाहत के भीगे जंगलों में
मिरा तन मोर बन के नाचता है
मुझे हर कैफ़ियत1 में क्यों न समझे
वो मेरे सब हवाले जानता है
मैं उसकी दस्तरस2 में हूँ, मगर वो
मुझे मेरी रिज़ा3 से माँगता है
किसी के ध्यान में डूबा हुआ दिल
बहाने से मुझे भी टालता है
वो सोया है कि कुछ-कुछ जागता है
तिरी चाहत के भीगे जंगलों में
मिरा तन मोर बन के नाचता है
मुझे हर कैफ़ियत1 में क्यों न समझे
वो मेरे सब हवाले जानता है
मैं उसकी दस्तरस2 में हूँ, मगर वो
मुझे मेरी रिज़ा3 से माँगता है
किसी के ध्यान में डूबा हुआ दिल
बहाने से मुझे भी टालता है
किसी की खोज में
किसी की खोज में फिर खो गया कौन
गली में रोते-रोते सो गया कौन
बड़ी मुद्दत से तनहा थे मिरे दुख
खुदाया, मेरे आँसू रो गया कौन
जला आयी थी मैं तो आस्तीं तक
लहू से मेरा दामन धो गया कौन
जिधर देखूँ खड़ी है फ़स्ल-ए-गिरिया1
मिरे शहरों में आँसू बो गया कौन
अभी तक भाइयों में दुश्मनी थी
ये माँ के खूँ का प्यासा हो गया कौन
गली में रोते-रोते सो गया कौन
बड़ी मुद्दत से तनहा थे मिरे दुख
खुदाया, मेरे आँसू रो गया कौन
जला आयी थी मैं तो आस्तीं तक
लहू से मेरा दामन धो गया कौन
जिधर देखूँ खड़ी है फ़स्ल-ए-गिरिया1
मिरे शहरों में आँसू बो गया कौन
अभी तक भाइयों में दुश्मनी थी
ये माँ के खूँ का प्यासा हो गया कौन
Thursday, April 17, 2008
नज़्म
नज़्म
मुझको भी तरकीब सिखा कोई यार जुलाहे!
अक्सर तुझको देखा है के ताना बुनते,
जब कोई तागा टूट गया या ख़त्म हुआ तो,
बाँध के उसमें और सिरा कोई जोड़ के उसको
आगे बुनने लगते हो!
जब कोई तागा टूट गया या ख़त्म हुआ तो,
बाँध के उसमें और सिरा कोई जोड़ के उसको
आगे बुनने लगते हो!
तेरे इस ताने में लेकिन
इक भी गांठ गिरह-गुन्तर की
देख नहीं सकता है कोई,
इक भी गांठ गिरह-गुन्तर की
देख नहीं सकता है कोई,
मैंने तो इक बार बुना था एक ही रिश्ता,
लेकिन उसकी सारी गांठें
अब तक साफ नज़र आती है मेरे यार जुलाहे,
मुझको भी तरकीब सिखा कोई यार जुलाहे!
Complaint to Bill Gates--joke
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__,_._,___
Top 12 LOVERS OF THE YEAR ( visual joke )
__,_._,___
Top 12 LOVERS OF THE YEAR (Visual Joke)
12th PLACE GOES TO
11th PLACE GOES TO
10th PLACE GOES TO
9th PLACE GOES TO
8th PLACE GOES TO
7th PLACE GOES TO
6th PLACE GOES TO
5th PLACE GOES TO
4th PLACE GOES TO
THIRD PLACE GOES TO
THE SILVER GOES TO
THE GOLD GOES TO
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Life Cycle
Life Cycle, Getting Job to Getting Married! (Visual Joke)
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BEFORE THE INTERVIEW
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After The Interview
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Discussing it with Mom!
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Got the offer Letter!
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First day at work!
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Work Assigned
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Introduction call with the client
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Error in code, Oh God why me!
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Got it fixed, Cool
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I think I need to Marry soon!
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Horray, HR Girl has accepted to Marry Me!
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Marriage Day!
Reactions of a fresh Engineering Graduate (Visual Joke)
Reactions of a fresh Engineering Graduate (Visual Joke)
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Call Letter from company
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After Clearing the Aptitude test...
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Cleared the interview too...
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Gotta go for training
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Training days
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Time to depart
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Allocated to projects
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work... work... work
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More Work
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Yeah got Promotion... Now a Project Manager!
----raj
Thursday, April 10, 2008
गणेश
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .
माता जाकी पारवती पिता महादेवा ..
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी .
पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ..
अंधे को आँख देत कोढ़िन को काया
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया .
' सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .
माता जाकी पारवती पिता महादेवा ..
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी .
पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ..
अंधे को आँख देत कोढ़िन को काया
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया .
' सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..
दीवाली की रात
हँसी फुलझड़ी सी महलों में दीवाली की रात
कुटिया रोयी सिसक सिसक कर दीवाली की रात।
कैसे कह दें बीत गया युग ये है बात पुरानी
मर्यादा की लुटी द्रोपदी दीवाली की रात।
घर के कुछ लोगों ने मिलकर खूब मनायीं खुशियाँ
शेष जनों से दूर बहुत थी दीवाली की रात।
जुआ खेलता रहा बैठकर वह घर के तलघर में
रहे सिसकते चूल्हा चक्की दीवाली की रात।
भोला बचपन भूल गया था क्रूर काल का दंशन
फिर फिर याद दिला जाती है दीवाली की रात।
तम के ठेकेदार जेब में सूरज को बैठाये
कैद हो गई चंद घरों में दीवाली की रात।
एक दिया माटी का पूरी ताकत से हुंकारा
जल कर जगमग कर देंगे हम दीवाली की रात।
दूल्हा-दुल्हन
सुहागरात के समय दूल्हे ने अपनी पत्नी को बाँहों में लेते हुए कहा, ''आज से तुम मेरी प्रेरणा, मेरी साधना और मेरी आशा हो।''यह सुनकर दुल्हन पल-भर चौंकी और फिर बोली, ''आज से तुम मेरे राहुल, राकेश और अमन हो।''
तोते जैसे !
तोते जैसे !
एक बार एक प्रेमी हरे रंग का सूट पहनकर उस पर लाल रंग की टाई लगाकर अपनी प्रेमिका के पास पहुँचा। जब प्रेमिका ने ध्यान न दिया तो वह खुद ही बोला- डार्लिंग मेरा सूट तुम्हें कैसा लगा?- हरा है।- और टाई?
एक बार एक प्रेमी हरे रंग का सूट पहनकर उस पर लाल रंग की टाई लगाकर अपनी प्रेमिका के पास पहुँचा।
- लाल है!- और मैं कैसा लगता हूँ?- बिल्कुल तोते जैसे। *** चुंबन प्रेमी को प्रेमिका का चुंबन लेता देखकर प्रेमिका का भाई आया और क्रोध से बोला- मैं तुम्हें बताता हूँ कि मेरी बहन का चुंबन कैसे लिया जाता है। माफ कीजिए, आपने देर कर दी। ये तो मैं सीख चुका हूँ -प्रेमी बोला।
एक बार एक प्रेमी हरे रंग का सूट पहनकर उस पर लाल रंग की टाई लगाकर अपनी प्रेमिका के पास पहुँचा। जब प्रेमिका ने ध्यान न दिया तो वह खुद ही बोला- डार्लिंग मेरा सूट तुम्हें कैसा लगा?- हरा है।- और टाई?
एक बार एक प्रेमी हरे रंग का सूट पहनकर उस पर लाल रंग की टाई लगाकर अपनी प्रेमिका के पास पहुँचा।
- लाल है!- और मैं कैसा लगता हूँ?- बिल्कुल तोते जैसे। *** चुंबन प्रेमी को प्रेमिका का चुंबन लेता देखकर प्रेमिका का भाई आया और क्रोध से बोला- मैं तुम्हें बताता हूँ कि मेरी बहन का चुंबन कैसे लिया जाता है। माफ कीजिए, आपने देर कर दी। ये तो मैं सीख चुका हूँ -प्रेमी बोला।
पत्नी के हाथ में बेलन
एक बार एक पत्नी हाथ में बेलन लिए अपने पति से गुस्से में बोली- बाहर निकलो, पलंग के नीचे जाकर क्या छुप गए हो। डरपोक कहीं के। जल्दी बाहर निकलो नहीं तो सर फोड़ दूँगी।पति (हेकड़ी से)- क्यों बाहर निकलूँ? मेरा घर है मेरी जहाँ मर्जी आएगी वहाँ रहूँगा। तुम्हारे बाप का क्या जाता है!!
पियक्कड़ का दावा
एक पियक्कड़ का दावा था कि वो आँख बंद करके न केवल किसी पेय का ब्रांड बल्कि उसके उत्पादक का नाम भी बता सकता है। उस पियक्कड़ की आँख पर पट्टी बाँधी गई और उसके सामने गिलास रखा गया।पहला गिलास पीकर वह बोला : हैवर्ड की ओल्ड टवर्न।दूसरा गिलास : मोहन मीकिन की डिप्लोमेट।तीसरा गिलास : यूबी की किंग फिशर।उसकी बातों से लोग बड़े प्रभावित हुए। अब उसके सामने अंतिम गिलास रखा गया। वह अंतिम गिलास पीकर बोला : अरे ये तो यूरिन है।इस पर एक दर्शक बोला : वो तो हमें भी पता है। आप तो इसके उत्पादक का नाम बताओ।
Tuesday, April 8, 2008
जब कभी गुजरा जमाना याद आता है
जब कभी गुजरा जमाना याद आता है,
बना मिटटी का अपना घर पुराना याद आता है।
वो पापा से चवन्नी रोज मिलती जेब खरचे को,
वो अम्मा से मिला एक आध-आना याद आता है।
वो छोटे भाई का लडना,वो जीजी से मिली झिङकी,
शाम को फिर भूल जाना याद आता है।
वो घर के सामने की अधखुली खिङकी अभी भी है,
वहाँ पर छिप कर किसी का मुस्कुराना याद आता है।
वो उसका रोज मिलना,न मिलना फिर कभी कहना
जरा सी बात पर हँसना हँसाना याद आता
बना मिटटी का अपना घर पुराना याद आता है।
वो पापा से चवन्नी रोज मिलती जेब खरचे को,
वो अम्मा से मिला एक आध-आना याद आता है।
वो छोटे भाई का लडना,वो जीजी से मिली झिङकी,
शाम को फिर भूल जाना याद आता है।
वो घर के सामने की अधखुली खिङकी अभी भी है,
वहाँ पर छिप कर किसी का मुस्कुराना याद आता है।
वो उसका रोज मिलना,न मिलना फिर कभी कहना
जरा सी बात पर हँसना हँसाना याद आता
Funny Shayari
Tumko dekha to yeh khayaal aaya
Ki kal raat ko maine itna kyon khaaya
Teri zulfein hain ya ghana andhera
Katwa de baal, aur kar de savera
Funny Shayari
Juice peene ka maza cup mein nahin, glass mein hota hai
Greeting card dene ka maza gharwali ko nahin, saali ko hota hai
I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u
I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u
Enuff - I luv other alphabets also
Tu mere dil mein aise samaayi hai
Jaise baajre ke khet mein bhains ghus aayi hai
Khush rahe tu sada yeh dua hai meri
Teri premika hi ban jaaye bhabhi teri
Funny Shayari
Tumsa koi dusara zamin par ho to rab se shikayat hogi,
tumsa koi dusara zamin par ho to rabse shikayat hogi,
Ek to jhela nahi jata dusara aa gaya ye kam baat hogi.
Majnu Laila ke baal pakad ke bola
Moya kitne din se sar nahin dhoya
Chand par kaali ghata chaati to hogi,
Sitaron mein Chamak aati to hogi.
Tum lakh chupao Duniya se, magar akeley mein
tumhe apni shakal pe hansi aati to Hogi
Unki Gaali ke chakkar kaat te kaat te,kutte humaare yaar ho gaaye,
Unki Gaali ke chakkar kaat te kaat te,kutte humaare yaar ho gaaye,
Woh to humhe naa mili..................
Magaar hum kutton ke Sardaar ho gaaye!!!
Funny Shayari
Jaayiye aap kahan jaayenge
Hum khud aapko chhod aayenge
Mere Dost Mere Chale Jaane Key Baad Aansu Na Bahana...
Agar Meri Yaad Aaye to Sidhe Upar Chaley Aana ...
Draupadi ka vastraharan Dushasan k o pada bhari
Saari mein saari Parag saari!
socha ttha har modh par tumhara saath denge,
socha ttha har modh par tumhara saath denge,
par kya kare kambakhat sadak hi sidhi nikli
Dil dola re dil dola re dil dola re dil dola re dil dola re dil
dola re dil dola re dil dola re dil dola re dil dola re Arrey chakkar aa gaya
Funny Shayari
Hum aapke dil mein rahate hai
Aur bhaada bhi nahin dete hai
Na mitti ki kami thi na kam lagayi gayi
Na mitti ki kami thi na kam lagayi gayi
Jo bhi bach gayi thi, woh upar lagayi gayi
khud ko kar buland itna ki zamaana ho deewana
khud ko kar buland itna ki zamaana ho deewana
neend se utha to paaya kutton ka dawaakhaana
Maine tujhe pyar kiya abla samajh kar
Tere baap ne mujhe baja dala Tabla samajh kar
Chand par kaali ghata chaati to hogi,
Sitaron mein Chamak aati to hogi.
Tum lakh chupao Duniya se, magar akeley mein
tumhe apni shakal pe hansi aati to Hogi
Funny Shayari
Tumne mere dil se khela
Tumne mere tan se khela
Tumne mere man se khela
Funny Shayari
Wah Wah Well Played
Lohe ko Loha kat ta hai ...
Sone Ko Sona Kat ta hai...
Jaher ko Jaher kat ta hai...
Isliye apko Kutta katega
Funny Shayari
Machchar ne apko kata wo uska Junun tha...
Aapne Khujli ki wo apka Sukun tha .....
Chah kar bhi aapne use nahi mara....
Kyonki uski rago me apka khoon tha
Funny Shayari
Tum kya jano gum kya hota hai.
Tum kya jano gum kisey kehate hai.
Tum kya jano gum kya cheez hoti hai.
Tumne to hamesha fevicol use kiya hai.
Funny Shayari
Teri nazron se nazar milane ko ji chahta hai
kambhakth ye tera chashma beech mein aata hai
Funny Shayari
Ladka apni dilruba se pooch raha hai
Kya pyaar karna paap hai?
Kya pyaar karna paap hai?
Ladke ka dost uske kaan mein bolta hai
Abbey patli gali pakad peeche uska baap hai
fir wahi fasaana afsaana sunaati ho,
dil ke paas hoon keh kar dil jalati ho,
beqaraar hai aatish-e-nazar nazar se milne ko,
to Fir kyon nahi pyaar jataati ho
jabhi dekhti hai mujhe nazre jhuka late wo
khuda ka shukra hai hameiN pehchan to leti woh!
dil ki basti bikhar gayi hoti,
ki rooh ke ye zakhm bhar gaye hote,
yeh zindagi to aap ki amaanat thi warna,
hum to kab ke mar gaye hote!!
Zindagi jaise ek saza si ho gayee hai,
gham ke saagar mein is qadar kho gayee hai,
tum aa jao waapis yeh guzaarish hai meri,
mujhe shayad tumaari aadat si ho gayee hai.
aakhon ki zuban wo samajh nahi pate,
honth hain magar kuch keh nahi pate,
apni bebasi kis tarah kahen,
koi hai jinke bina hum reh nahi paathe.
tujhe chahne wale kum na honge,
waqt ke sath shayad hum na honge,
chahe kisi ko kitna bhi pyaar dena,
lekin teri yaadoN ke haqdar sirf hum hi hoNge
mila nahi koi dilbar aisaa,
jo hamse dil lagaataa,
hum to hain diljale aur,
yu hi koi dil nahi jalaataa.
Haqeeqat karo byaan to mazaak lagta hai,
ibadat karo jab to jhootha khwab lagta hai,
Are ye dil hai dil, aur dil ki hai ye sdaa,
aur tum kehte ho ki tumhe ye haseen ittfak lagta hai
mere jeene ke liye tera armaan hi kaafi hai,
dil ke qalam se likhi ye dastaan hi kafi hai,
teer-e-talwaar ki tujhe kya zaroorate ai nazneen,
qatl karne ke liye teri muskaan hai kafi hai.
agar hum na hote to tujhe ghazal kaun kahta,
tere chehre ko kamaal kaun kahta,
yeh to karishma hai mohabbat ka,
warna pathharoN (stones) ko taj mahal kaun kaheta??
tujhe chahne wale kum na honge,
waqt ke sath shayad hum na honge,
chahe kisi ko kitna bhi pyaar dena,
lekin teri yaadoN ke haqdar sirf hum hi hoNge
roz hota hai tarruf mera teri yAdoN se,
chhalakta hai noor tera meri AnkhoN se,
tadap raha hoon maiN aur ab ye Alam hai,
aur intezaar nahi hota ab meri sasoN se,
naam ki kya baat karte hoo, log chehre tak bhool jate hain
tum samander ki baat karte hoon, log aankhon main doob jate hain
waada app kar gaye ke aaoge khwab meiN
mare khusi ke neend na ayee to hum kya karen!!
ye kaisaa hai ehsaas, tu hi tu hai dil ke paas,
neend hai ki aati nahin, aur badhti jaati hai pyaas!!!
meri dua hai tu sabse nek seerat ho,
teri tarah tera dil bhi khoobsoorat ho,
dua se pahle mile tujhko jo tu chahe,
ke khud dua ko teri haathon ki zaroorat ho!!
chakh liya zaayeka-e-shayari jab se,
lafzon me tarannum si aa gayi hai,
arz-e-zubaan-e-ishq machal hi jati hai
jab bhi tere chehre ki tabssuum yaad aati hai....!!!
jee chaahta hai tumse pyari si baat ho,
khaamosh taare aur lambi si raat ho,
phir saari raat tumse hum kahte raheN,
ki tum meri zindagi tum meri qayenaat ho!!
wo zindagi hi kya jisme pyar nahi,
wo pyar hi kya jisme yaden nahi,
wo yaden he kya jisme tum nahi,
wo tum hi kya jisme hum nahi.
jab bhi main khud ko samjhaooN, tu mera nahi hai,
dil mein koi cheekh uthta hai, nahi aisa nahi hai,
kab utarta hai koi dil mein utar jaane ke baad,
ki is gali ke doosri jaanib koi aur raasta nahi hai.
Kaash aisa ho ki tumko tumse chura loon,
waqt ko rok kar waqt se ek din chura loon,
tum paas ho to is raat se ek raat chura loon,
tum saath ho to is jahan se ye jahan chura loon.
Ki kal raat ko maine itna kyon khaaya
Teri zulfein hain ya ghana andhera
Katwa de baal, aur kar de savera
Funny Shayari
Juice peene ka maza cup mein nahin, glass mein hota hai
Greeting card dene ka maza gharwali ko nahin, saali ko hota hai
I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u
I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u I Luv u
Enuff - I luv other alphabets also
Tu mere dil mein aise samaayi hai
Jaise baajre ke khet mein bhains ghus aayi hai
Khush rahe tu sada yeh dua hai meri
Teri premika hi ban jaaye bhabhi teri
Funny Shayari
Tumsa koi dusara zamin par ho to rab se shikayat hogi,
tumsa koi dusara zamin par ho to rabse shikayat hogi,
Ek to jhela nahi jata dusara aa gaya ye kam baat hogi.
Majnu Laila ke baal pakad ke bola
Moya kitne din se sar nahin dhoya
Chand par kaali ghata chaati to hogi,
Sitaron mein Chamak aati to hogi.
Tum lakh chupao Duniya se, magar akeley mein
tumhe apni shakal pe hansi aati to Hogi
Unki Gaali ke chakkar kaat te kaat te,kutte humaare yaar ho gaaye,
Unki Gaali ke chakkar kaat te kaat te,kutte humaare yaar ho gaaye,
Woh to humhe naa mili..................
Magaar hum kutton ke Sardaar ho gaaye!!!
Funny Shayari
Jaayiye aap kahan jaayenge
Hum khud aapko chhod aayenge
Mere Dost Mere Chale Jaane Key Baad Aansu Na Bahana...
Agar Meri Yaad Aaye to Sidhe Upar Chaley Aana ...
Draupadi ka vastraharan Dushasan k o pada bhari
Saari mein saari Parag saari!
socha ttha har modh par tumhara saath denge,
socha ttha har modh par tumhara saath denge,
par kya kare kambakhat sadak hi sidhi nikli
Dil dola re dil dola re dil dola re dil dola re dil dola re dil
dola re dil dola re dil dola re dil dola re dil dola re Arrey chakkar aa gaya
Funny Shayari
Hum aapke dil mein rahate hai
Aur bhaada bhi nahin dete hai
Na mitti ki kami thi na kam lagayi gayi
Na mitti ki kami thi na kam lagayi gayi
Jo bhi bach gayi thi, woh upar lagayi gayi
khud ko kar buland itna ki zamaana ho deewana
khud ko kar buland itna ki zamaana ho deewana
neend se utha to paaya kutton ka dawaakhaana
Maine tujhe pyar kiya abla samajh kar
Tere baap ne mujhe baja dala Tabla samajh kar
Chand par kaali ghata chaati to hogi,
Sitaron mein Chamak aati to hogi.
Tum lakh chupao Duniya se, magar akeley mein
tumhe apni shakal pe hansi aati to Hogi
Funny Shayari
Tumne mere dil se khela
Tumne mere tan se khela
Tumne mere man se khela
Funny Shayari
Wah Wah Well Played
Lohe ko Loha kat ta hai ...
Sone Ko Sona Kat ta hai...
Jaher ko Jaher kat ta hai...
Isliye apko Kutta katega
Funny Shayari
Machchar ne apko kata wo uska Junun tha...
Aapne Khujli ki wo apka Sukun tha .....
Chah kar bhi aapne use nahi mara....
Kyonki uski rago me apka khoon tha
Funny Shayari
Tum kya jano gum kya hota hai.
Tum kya jano gum kisey kehate hai.
Tum kya jano gum kya cheez hoti hai.
Tumne to hamesha fevicol use kiya hai.
Funny Shayari
Teri nazron se nazar milane ko ji chahta hai
kambhakth ye tera chashma beech mein aata hai
Funny Shayari
Ladka apni dilruba se pooch raha hai
Kya pyaar karna paap hai?
Kya pyaar karna paap hai?
Ladke ka dost uske kaan mein bolta hai
Abbey patli gali pakad peeche uska baap hai
fir wahi fasaana afsaana sunaati ho,
dil ke paas hoon keh kar dil jalati ho,
beqaraar hai aatish-e-nazar nazar se milne ko,
to Fir kyon nahi pyaar jataati ho
jabhi dekhti hai mujhe nazre jhuka late wo
khuda ka shukra hai hameiN pehchan to leti woh!
dil ki basti bikhar gayi hoti,
ki rooh ke ye zakhm bhar gaye hote,
yeh zindagi to aap ki amaanat thi warna,
hum to kab ke mar gaye hote!!
Zindagi jaise ek saza si ho gayee hai,
gham ke saagar mein is qadar kho gayee hai,
tum aa jao waapis yeh guzaarish hai meri,
mujhe shayad tumaari aadat si ho gayee hai.
aakhon ki zuban wo samajh nahi pate,
honth hain magar kuch keh nahi pate,
apni bebasi kis tarah kahen,
koi hai jinke bina hum reh nahi paathe.
tujhe chahne wale kum na honge,
waqt ke sath shayad hum na honge,
chahe kisi ko kitna bhi pyaar dena,
lekin teri yaadoN ke haqdar sirf hum hi hoNge
mila nahi koi dilbar aisaa,
jo hamse dil lagaataa,
hum to hain diljale aur,
yu hi koi dil nahi jalaataa.
Haqeeqat karo byaan to mazaak lagta hai,
ibadat karo jab to jhootha khwab lagta hai,
Are ye dil hai dil, aur dil ki hai ye sdaa,
aur tum kehte ho ki tumhe ye haseen ittfak lagta hai
mere jeene ke liye tera armaan hi kaafi hai,
dil ke qalam se likhi ye dastaan hi kafi hai,
teer-e-talwaar ki tujhe kya zaroorate ai nazneen,
qatl karne ke liye teri muskaan hai kafi hai.
agar hum na hote to tujhe ghazal kaun kahta,
tere chehre ko kamaal kaun kahta,
yeh to karishma hai mohabbat ka,
warna pathharoN (stones) ko taj mahal kaun kaheta??
tujhe chahne wale kum na honge,
waqt ke sath shayad hum na honge,
chahe kisi ko kitna bhi pyaar dena,
lekin teri yaadoN ke haqdar sirf hum hi hoNge
roz hota hai tarruf mera teri yAdoN se,
chhalakta hai noor tera meri AnkhoN se,
tadap raha hoon maiN aur ab ye Alam hai,
aur intezaar nahi hota ab meri sasoN se,
naam ki kya baat karte hoo, log chehre tak bhool jate hain
tum samander ki baat karte hoon, log aankhon main doob jate hain
waada app kar gaye ke aaoge khwab meiN
mare khusi ke neend na ayee to hum kya karen!!
ye kaisaa hai ehsaas, tu hi tu hai dil ke paas,
neend hai ki aati nahin, aur badhti jaati hai pyaas!!!
meri dua hai tu sabse nek seerat ho,
teri tarah tera dil bhi khoobsoorat ho,
dua se pahle mile tujhko jo tu chahe,
ke khud dua ko teri haathon ki zaroorat ho!!
chakh liya zaayeka-e-shayari jab se,
lafzon me tarannum si aa gayi hai,
arz-e-zubaan-e-ishq machal hi jati hai
jab bhi tere chehre ki tabssuum yaad aati hai....!!!
jee chaahta hai tumse pyari si baat ho,
khaamosh taare aur lambi si raat ho,
phir saari raat tumse hum kahte raheN,
ki tum meri zindagi tum meri qayenaat ho!!
wo zindagi hi kya jisme pyar nahi,
wo pyar hi kya jisme yaden nahi,
wo yaden he kya jisme tum nahi,
wo tum hi kya jisme hum nahi.
jab bhi main khud ko samjhaooN, tu mera nahi hai,
dil mein koi cheekh uthta hai, nahi aisa nahi hai,
kab utarta hai koi dil mein utar jaane ke baad,
ki is gali ke doosri jaanib koi aur raasta nahi hai.
Kaash aisa ho ki tumko tumse chura loon,
waqt ko rok kar waqt se ek din chura loon,
tum paas ho to is raat se ek raat chura loon,
tum saath ho to is jahan se ye jahan chura loon.
Dost ek saahil hai tufaano ke liye
Dost ek saahil hai tufaano ke liye,
Dost ek aaina hai armaano ke liye,
Dost ek mehfil hai anjaano ke liye,
Dosti ek khawaahish hai aap jaise dost ko paane ke liye !!
Aye dost teri dosti uss ghadi tadpaayegi,
Jab zindagi kahegi alvida, Aur maut bhi naa aayegi ! .
Dosti toh sirf ek ittefaaq hai,
Yeh toh dilon ki mulaakaat hai,
Dosti nahi dekhti yeh din hai ki raat hai,
Isme toh sirf wafaadaari aur jasbaat hai !
Tujhe dekhe bina teri tasweer bana sakta hoon,
Tujhse mile bina tera haal bata sakta hoon,
Hai meri dosti mein itna dum,
Apni aankh ka aansoon teri aankh se gira sakta hoon !!
Jasbaate ishq naakaam naa hone denge,
Dil ki duniya mein kabhi shaam naa hone denge,
Dosti ka har ilzaam apne sar par le lenge,
Par dost hum tumhe badnaam na hone denge !
Dosti achchi ho toh rang laati hai,
Dosti gehri ho toh sabko bhaati hai,
Dosti naadaan ho toh toot jaati hai,
Par agar dosti apne jaisi ho....
.... Toh itihaas banaati hai !
Tumse doori ka ehsaas sataane lagaa,
Tere saath guzaraa har lamha yaad aane laga,
Jab bhi tujhe bhoolne ki koshish ki aye dost,
Tu dil ke aur bhi kareeb aane laga !
Kaun kehta hai Dost tumse hamari Judaai hogi,
Ye Khabar kissi aur ne Udaai hogi,
Shaan se rahenge aapke Dil mae hum,
Itne shayries mein Humne kuchh toh Jagah banaai hogi.
Jasbaate ishq naakaam naa hone denge,
Dil ki duniya mein kabhi shaam naa hone denge,
Dosti ka har ilzaam apne sar par le lenge,
Par dost hum tumhe badnaam na hone denge
Raatein gumnaam hoti hai,
Din kisike naam hota hai,
Hum zindagi kuch is tarah jeete hai,
Ki har lamha doston ke naam hota hai !
Jaan hai mujhko zindagi se pyaari,
Jaan ke liye kar doon kurbaan yaari,
Jaan ke liye todd doon dosti tumhaari,
Ab tumse kya chhupaana,
Tum hi toh ho jaan hamaari !
Zindagi nahin humein doston se pyaari,
Doston pe haazir hai jaan hamaari,
Aankhon mein hamaari aansoon hai toh kya,
Jaan se bhi pyaari hai muskaan tumhaari !
True friends are like Diamonds.
they are real and rare.
False friends are like leaves.
they are scattered everywhere
Koi ankhon se baat ker leta hai,
koi ankhon me mulakat ker leta hai,
bada mushkil hota hai jawab dena
jab koi khamosh rehker saval ker leta hai.
I must have been born under a lucky star ,
to find a friend as nice as you are.
I will follow the rainbow to the end ,
if you all promise to remain my friend !!!
Zindagi udas hone ka naam nahi,
Dosti sirf paas hone ka naam nahi,
Agar tum dur rehkar bhi hamhe yad karo,
is se bada hamare liye koi inam nahi
Jasbaate ishq naakaam naa hone denge,
Dil ki duniya mein kabhi shaam naa hone denge,
Dosti ka har ilzaam apne sar par le lenge,
Par dost hum tumhe badnaam na hone denge !
dosti mein dil ka tamasha dekha nahi jata,
humse tuta hua sisa dekha nahi jata,
apne hisse ki khusiya bhi de du tujhe,
aye dost tera utra hua chehra dekha nahi jata
dosto ek rishta hai
jo aankho se byan hota hai
Dost ek aaina hai armaano ke liye,
Dost ek mehfil hai anjaano ke liye,
Dosti ek khawaahish hai aap jaise dost ko paane ke liye !!
Aye dost teri dosti uss ghadi tadpaayegi,
Jab zindagi kahegi alvida, Aur maut bhi naa aayegi ! .
Dosti toh sirf ek ittefaaq hai,
Yeh toh dilon ki mulaakaat hai,
Dosti nahi dekhti yeh din hai ki raat hai,
Isme toh sirf wafaadaari aur jasbaat hai !
Tujhe dekhe bina teri tasweer bana sakta hoon,
Tujhse mile bina tera haal bata sakta hoon,
Hai meri dosti mein itna dum,
Apni aankh ka aansoon teri aankh se gira sakta hoon !!
Jasbaate ishq naakaam naa hone denge,
Dil ki duniya mein kabhi shaam naa hone denge,
Dosti ka har ilzaam apne sar par le lenge,
Par dost hum tumhe badnaam na hone denge !
Dosti achchi ho toh rang laati hai,
Dosti gehri ho toh sabko bhaati hai,
Dosti naadaan ho toh toot jaati hai,
Par agar dosti apne jaisi ho....
.... Toh itihaas banaati hai !
Tumse doori ka ehsaas sataane lagaa,
Tere saath guzaraa har lamha yaad aane laga,
Jab bhi tujhe bhoolne ki koshish ki aye dost,
Tu dil ke aur bhi kareeb aane laga !
Kaun kehta hai Dost tumse hamari Judaai hogi,
Ye Khabar kissi aur ne Udaai hogi,
Shaan se rahenge aapke Dil mae hum,
Itne shayries mein Humne kuchh toh Jagah banaai hogi.
Jasbaate ishq naakaam naa hone denge,
Dil ki duniya mein kabhi shaam naa hone denge,
Dosti ka har ilzaam apne sar par le lenge,
Par dost hum tumhe badnaam na hone denge
Raatein gumnaam hoti hai,
Din kisike naam hota hai,
Hum zindagi kuch is tarah jeete hai,
Ki har lamha doston ke naam hota hai !
Jaan hai mujhko zindagi se pyaari,
Jaan ke liye kar doon kurbaan yaari,
Jaan ke liye todd doon dosti tumhaari,
Ab tumse kya chhupaana,
Tum hi toh ho jaan hamaari !
Zindagi nahin humein doston se pyaari,
Doston pe haazir hai jaan hamaari,
Aankhon mein hamaari aansoon hai toh kya,
Jaan se bhi pyaari hai muskaan tumhaari !
True friends are like Diamonds.
they are real and rare.
False friends are like leaves.
they are scattered everywhere
Koi ankhon se baat ker leta hai,
koi ankhon me mulakat ker leta hai,
bada mushkil hota hai jawab dena
jab koi khamosh rehker saval ker leta hai.
I must have been born under a lucky star ,
to find a friend as nice as you are.
I will follow the rainbow to the end ,
if you all promise to remain my friend !!!
Zindagi udas hone ka naam nahi,
Dosti sirf paas hone ka naam nahi,
Agar tum dur rehkar bhi hamhe yad karo,
is se bada hamare liye koi inam nahi
Jasbaate ishq naakaam naa hone denge,
Dil ki duniya mein kabhi shaam naa hone denge,
Dosti ka har ilzaam apne sar par le lenge,
Par dost hum tumhe badnaam na hone denge !
dosti mein dil ka tamasha dekha nahi jata,
humse tuta hua sisa dekha nahi jata,
apne hisse ki khusiya bhi de du tujhe,
aye dost tera utra hua chehra dekha nahi jata
dosto ek rishta hai
jo aankho se byan hota hai
Cool-Serious-Shayari
Kon rakh ta hai yaad naamo ko, logh chaharo ko bhool jatey hai,
tum samader kee baat karti ho, logh ankho mein doob jatey hai,
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Mohabat jisney ker ni ho. wo mohabat kya janey,
Mera dil tumhi ab bhi chahata hai... teray dil ko khuda jaanay!!
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Shareefo mein koyi chor nahi hotha, Kavvo mein koyi mor nahi hotha
Naya patang ko koyi dor nahi hotha, Naya patang ko koyi dor nahi hotha
Arre yaaro... ishq par koyi zor nahi hotha" !
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Mere dil mein mohabbat yaar ki, Aankhon mein chamak pyaar ki
Dil mein dhadkan mehboob ki, Aur yaadon mein yaad aap ki
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Teri Ik jhalak ke liye tarapna, Pyaar mein hadh se guzarna
Har ek ada pe teri marna, Aye dil, yeh mohabbat nahin to kya hai
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Mohabbat sabhi karlete hain, Dilbar ke dil mein dhadakna aasan nahin
Vaade sabhi karlete hain, Unhe Nibhana aasan nahin
Pyar mein dil sabhi jeet lete hain, Magar dil har ke jeetna aasan nahin
Zindagi mein to sabhi pyar karlete hain, Pyaar mein ise qurban karna aasan nahin
--------------------------------------------------------------------------------
Banane mein mazaa hai wo karkhaane jaanthe hai
Pilane mein jo mazaa hai wo meh khaane jaanthe hai
Jalne mein jo mazaa hai wo parwaane jaanthe hai
Arre yaaro pyar mein jo mazaa hai wo deewaane jaanthe hai
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Dil ne jiska naam liya uska daman tham liya, Jab jab dard utha hai dil mein maine to tera naam liya,
Is bhari duniya mein koi bhi hamara nahi hua, Gair to gair the apno ka bhi sahara na hua!!
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ek masoom si gheri khai hai, jisse dil ka nam bhi detey hain
is khai main apnaiat hai, issey log mohabbat kehte hain
apnaiat main ek saya hai, tasweer jissey ham kehte hai......
us saye main jo tasweer hai, wo teri hai sab kehtey hain
--------------------------------------------------------------------------------
tere har nagame me teri mohabaat ka paigaam aaya
tere har khat mei teri chahat ka salaam aaya
dil mei rahi teri hasrat magar labon per inkaar aaya
sakoon bhara dil tha magar aankho mei aansoo ka sailaab aaya
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Do dilo ki dastan, Tumhe kaha kubul thi.......
Mery Wafaye,kasme, Tumhare liye fijul thi...
Koi aas nahi baki, Lekin bata do etna .........
Maine chaha bas tumhi ko, Kya ye meri bhool thi....
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Ai Khuda, apne chand pe itna guroor na kar, ek chand sa dost hum bhi rakhte hai,
Jab taarif tere chand ki hoti hai, log misaal mere chand ki dete hai.
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Aasuon Ko Bahot Samjhaya, Ke Tanhaiyon Main Aaya Karo,
Mehfil Main Humara Mazak Mat Udaya Karo, Is Per Aansoo Tadap Ker Bole,
Itne Logo Main Bhi Aapko Tanha Paate Hai, Isiliye Tumhara Saath Dene Chale Aate Hai....!!!!
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Log apnee kismat badalte hain apnee taqdeer se
kuchh jyotishiyon. ko haath dikhaate rah jaate hain......
Kon rakh ta hai yaad naamo ko,
logh chaharo ko bhool jatey hai,
tum samader kee baat karti ho,
logh ankho mein doob jatey hai,
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Mohabat jisney ker ni ho.
wo mohabat kya janey,
Mera dil tumhi ab bhi chahata hai...
teray dil ko khuda jaanay!!
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Shareefo mein koyi chor nahi hotha
Kavvo mein koyi mor nahi hotha
Naya patang ko koyi dor nahi hotha
Naya patang ko koyi dor nahi hotha
Arre yaaro... ishq par koyi zor nahi hotha" !
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Mere dil mein mohabbat yaar ki
Aankhon mein chamak pyaar ki
Dil mein dhadkan mehboob ki
Aur yaadon mein yaad aap ki
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Teri Ik jhalak ke liye tarapna
Pyaar mein hadh se guzarna
Har ek ada pe teri marna
Aye dil, yeh mohabbat nahin to kya hai
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Mohabbat sabhi karlete hain
Dilbar ke dil mein dhadakna aasan nahin
Vaade sabhi karlete hain
Unhe Nibhana aasan nahin
Pyar mein dil sabhi jeet lete hain
Magar dil har ke jeetna aasan nahin
Zindagi mein to sabhi pyar karlete hain
Pyaar mein ise qurban karna aasan nahin
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Banane mein mazaa hai wo karkhaane jaanthe hai
Pilane mein jo mazaa hai wo meh khaane jaanthe hai
Jalne mein jo mazaa hai wo parwaane jaanthe hai
Arre yaaro pyar mein jo mazaa hai wo deewaane jaanthe hai
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Dil ne jiska naam liya uska daman tham liya,
Jab jab dard utha hai dil mein maine to tera naam liya,
Is bhari duniya mein koi bhi hamara nahi hua,
Gair to gair the apno ka bhi sahara na hua!!
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ek masoom si gheri khai hai
jisse dil ka nam bhi detey hain
is khai main apnaiat hai
issey log mohabbat kehte hain
apnaiat main ek saya hai
tasweer jissey ham kehte hai......
us saye main jo tasweer hai
wo teri hai sab kehtey hain
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tere har nagame me teri mohabaat ka paigaam aaya
tere har khat mei teri chahat ka salaam aaya
dil mei rahi teri hasrat magar labon per inkaar aaya
sakoon bhara dil tha magar aankho mei aansoo ka sailaab aaya
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Do dilo ki dastan, Tumhe kaha kubul thi.......
Mery Wafaye,kasme, Tumhare liye fijul thi...
Koi aas nahi baki, Lekin bata do etna .........
Maine chaha bas tumhi ko, Kya ye meri bhool thi....
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Ai Khuda, apne chand pe itna guroor na kar,
ek chand sa dost hum bhi rakhte hai,
Jab taarif tere chand ki hoti hai,
log misaal mere chand ki dete hai.
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AASUON KO BAHOT SAMJHAYA,
KE TANHAIYON MAIN AAYA KARO,
MEHFIL MAIN HUMARA MAZAK MAT UDAYA KARO,
IS PER AANSOO TADAP KER BOLE,
ITNE LOGO MAIN BHI AAPKO TANHA PAATE HAI,
ISILIYE TUMHARA SAATH DENE CHALE AATE HAI....!!!!
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Log apnee kismat badalte hain apnee tadbeer se
kuchh jyotishiyon. ko haath dikhaate rah jaate hain......
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hum se mohabat ki nomaish na ho saki,
haan magar itna jante hai ke tumhain chahate hai bohat.
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umr ek aysi hoti hai ke jis main dil ko
her baat achi lagti hai haqiqat ke siwa.
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Rom rom mei humarei voh basei hein,
Nazarei humari aur chehra unka hei;
Har saans mei humari voh basei hein,
Dhadkanei humari aur dil unka hei;
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badi asani se dil lagaye jaate hain,
badi mushkil se vaade nibhaye jaate hain,
le jaati hai mohabbat un raahon pe,
jahan diye nahin; dil jalaye jaate hain
Jisko humne samjhatha apna,
Rahegaya voh ek jhuta sapna,
Jisko dil ne pyar se apnayaa,
Nikla vohi sab se parayaa,
Jiski khatir hum huye badnaam,
Ek hai uspar humara ehsaan,
Ke chalo, humne to dil ki chot khaayee,
Lekin usko mohobaat hum hi ne sikhaayee.
Haanstay Haanstay Shayari
*Haanstay Haanstay Roo Perhty Thi***
*Kitny Pagal Wo Larki Thi***
*Us K Hoont To Chup Rehtay Thay***
*Aankho Se Baatain Karty Thi***
*Chat Per Dhoop Mian Baithay Baithay***
*Din Bhar Wo Sapnay Bunty Thi***
*Uljhi Yaadain Suljhanay Main***
*Saari Raat Ganwa Dete Thi***
*Kitna Tha Thehraoo Us Main***
*Lekin Wo Kitny Gehri Thi***
*Ek Din Chaltay Chaltay US Nai***
*Mujh Se Koi Baat Kahi Thi***
*Aur Phir Raasta Ek Nahy Tha***
*Us Ki Manzil Aur Koi Thi***
*Bilkul Waisay Phool Khilay Hain***
*Jaisay Wo Haansty Rehty Thi***
*Aab To Bhool Giya Houn Shaid***
*Us Per Ek Ghazal Likhi Thi***
Yeh chaandni raatein.. Shayari
Dekh Meri Aankhon Me Khawab Kiske Hai
Dil Me Mere Sulagte Toofan Kiske Hai,
Nahi Koi gujrah In Raasto Se Ho Kar,
Phir Ye Kadmo Ke Nishan Kiske hai.
apni palko pe umeedon ko sazaa kar rakhna,
dil ki dahleez par ek deep jalaa kae rakhna
hain muntjir yahaa sab ek hasi ki khaatir..
rishta hotho ka hasi se bhi banaa kar rakhna
je yaar hi yaar to pada rakhe, ki fayada yari laun da.
j kadar nahi jazbataan di, ki fayda pyar paun da.
j poore karne na kol-krara, ki haqq a laare laun da.
Dil kach de saman ehnu todi naa, Sadde naal kita pyar muhu modi na..
jihna kitta tenu pyar, Us nu rauri na...
Dil kach de saman ehnu todi naa, Sadde naal kita pyar muhu modi na..
Kaun kehta hai mohabbat ki zuban hoti hain... Yeh
haqeeqat to nigahon say bayan hoti hain Woh na aaye
tou satati hai khalish see dil ko... Woh jo aaye to
khalish aur jawan hoti hain
Faasle Jism Ko To Dour Le Jaate Hain Par Dilon Ke
Shahar To Ujarte Nahi Aankhon Se Aankhon Ka Rishta Tut
Jaye Bhi To Saath Dekhe Hue Khwab To Mit Te nahi
Meri dua.. Shayari
har khushi humne aapki nazar kar di
saara gham aanchal me samet liya
roshni ko aapka pata de diya humne
andhere se ek pal me rishta jod liya
Khuda kare gulshan ka har phool aapka ho
kismat ke kaanto par apna naam likh liya
hothon par muskaan aapke sada rahe
humne toh aansuon se pyar kar liya
jhilmilati har shaam pe aapka hakk ho
humne toh tapti reth me apna basera kar liya
lehron ko niharo aap door kinare se
humne toh apni kashti toofan ke naam kar diya
Kuch Loog Baddal Gaye Hai Shayari
*Is raat ki.. Tanhaeeyo ke
Sab rang badal Gaye hai***
*Chand nikla hai waise hi **
Andhere badal Gaye hai***
*Jinke bharose thi khusiyan **
Wo badal Gaye hain***
*Manzile to abb bhi WO hi hain **
Kuch rastay badal Gaye hain***
*Jinpe kiya tha bharosa humne **
Wo dost bicharr Gaye hain***
*Dakhe thay kabhi jo humne **
Wo kahwab badal Gaye hain***
*Jo banay thay kabhi hamsafar **
Aaj WO hi mukarr Gaye hain***
*Ais tutay huye dil kay saray.. **
Jazbaat badal Gaye hain***
*Na badle kabhi hum **
Na badle hamaray khayalat***
*Bas rona hai yahi...... **
KUCHH LOG BADAL GAYE HAIN***
Gunah - Shayari
Dil mein gul khilaye thay, umeed mein baahaar ke,
Baahaar na aayi hum ko khiza mili,
Gulistaan ujad gaya, na jaane koun se,
Gunahon ki hum ko yeh saza mili.
Dillagi - Shayari
koi hanse to tujhe gham lage
khushi na lage
ke yeh dil lagi bhi tujhe
dil lagi na lage
tu roz roya kare uth ke chand raton me
khuda kare tera mera bagair dil na lage
Tujh bin har din kaise niglun, bina namak ka saag
Kab aavoge, thakya chhat pe bol bol ke kaag
Kab ghar par sovoge sajan, kab jagenge bhaag
Sukha patta joban mera, yaad tumhari aag
Raat huyi hai karwat karwat, bistar kala naag
Kaisa jetha, kaisa kattik, kaise pus or maagh
Bin baati ke bale diwali, sookha ghoome faag
Kab tak bairan neend banegi, kab tak hogi jaag
Kab tak jogan aankh japegi vahi purana raag
Gaon ko bhooli, des bhi bisra, aisi laagi laag
Bas ve chunri od ke raakhun, jismein laaga daag
Tujh bin har din kaise niglun, bina namak ka saag
tum samader kee baat karti ho, logh ankho mein doob jatey hai,
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Mohabat jisney ker ni ho. wo mohabat kya janey,
Mera dil tumhi ab bhi chahata hai... teray dil ko khuda jaanay!!
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Shareefo mein koyi chor nahi hotha, Kavvo mein koyi mor nahi hotha
Naya patang ko koyi dor nahi hotha, Naya patang ko koyi dor nahi hotha
Arre yaaro... ishq par koyi zor nahi hotha" !
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Mere dil mein mohabbat yaar ki, Aankhon mein chamak pyaar ki
Dil mein dhadkan mehboob ki, Aur yaadon mein yaad aap ki
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Teri Ik jhalak ke liye tarapna, Pyaar mein hadh se guzarna
Har ek ada pe teri marna, Aye dil, yeh mohabbat nahin to kya hai
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Mohabbat sabhi karlete hain, Dilbar ke dil mein dhadakna aasan nahin
Vaade sabhi karlete hain, Unhe Nibhana aasan nahin
Pyar mein dil sabhi jeet lete hain, Magar dil har ke jeetna aasan nahin
Zindagi mein to sabhi pyar karlete hain, Pyaar mein ise qurban karna aasan nahin
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Banane mein mazaa hai wo karkhaane jaanthe hai
Pilane mein jo mazaa hai wo meh khaane jaanthe hai
Jalne mein jo mazaa hai wo parwaane jaanthe hai
Arre yaaro pyar mein jo mazaa hai wo deewaane jaanthe hai
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Dil ne jiska naam liya uska daman tham liya, Jab jab dard utha hai dil mein maine to tera naam liya,
Is bhari duniya mein koi bhi hamara nahi hua, Gair to gair the apno ka bhi sahara na hua!!
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ek masoom si gheri khai hai, jisse dil ka nam bhi detey hain
is khai main apnaiat hai, issey log mohabbat kehte hain
apnaiat main ek saya hai, tasweer jissey ham kehte hai......
us saye main jo tasweer hai, wo teri hai sab kehtey hain
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tere har nagame me teri mohabaat ka paigaam aaya
tere har khat mei teri chahat ka salaam aaya
dil mei rahi teri hasrat magar labon per inkaar aaya
sakoon bhara dil tha magar aankho mei aansoo ka sailaab aaya
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Do dilo ki dastan, Tumhe kaha kubul thi.......
Mery Wafaye,kasme, Tumhare liye fijul thi...
Koi aas nahi baki, Lekin bata do etna .........
Maine chaha bas tumhi ko, Kya ye meri bhool thi....
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Ai Khuda, apne chand pe itna guroor na kar, ek chand sa dost hum bhi rakhte hai,
Jab taarif tere chand ki hoti hai, log misaal mere chand ki dete hai.
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Aasuon Ko Bahot Samjhaya, Ke Tanhaiyon Main Aaya Karo,
Mehfil Main Humara Mazak Mat Udaya Karo, Is Per Aansoo Tadap Ker Bole,
Itne Logo Main Bhi Aapko Tanha Paate Hai, Isiliye Tumhara Saath Dene Chale Aate Hai....!!!!
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Log apnee kismat badalte hain apnee taqdeer se
kuchh jyotishiyon. ko haath dikhaate rah jaate hain......
Kon rakh ta hai yaad naamo ko,
logh chaharo ko bhool jatey hai,
tum samader kee baat karti ho,
logh ankho mein doob jatey hai,
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Mohabat jisney ker ni ho.
wo mohabat kya janey,
Mera dil tumhi ab bhi chahata hai...
teray dil ko khuda jaanay!!
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Shareefo mein koyi chor nahi hotha
Kavvo mein koyi mor nahi hotha
Naya patang ko koyi dor nahi hotha
Naya patang ko koyi dor nahi hotha
Arre yaaro... ishq par koyi zor nahi hotha" !
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Mere dil mein mohabbat yaar ki
Aankhon mein chamak pyaar ki
Dil mein dhadkan mehboob ki
Aur yaadon mein yaad aap ki
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Teri Ik jhalak ke liye tarapna
Pyaar mein hadh se guzarna
Har ek ada pe teri marna
Aye dil, yeh mohabbat nahin to kya hai
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Mohabbat sabhi karlete hain
Dilbar ke dil mein dhadakna aasan nahin
Vaade sabhi karlete hain
Unhe Nibhana aasan nahin
Pyar mein dil sabhi jeet lete hain
Magar dil har ke jeetna aasan nahin
Zindagi mein to sabhi pyar karlete hain
Pyaar mein ise qurban karna aasan nahin
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Banane mein mazaa hai wo karkhaane jaanthe hai
Pilane mein jo mazaa hai wo meh khaane jaanthe hai
Jalne mein jo mazaa hai wo parwaane jaanthe hai
Arre yaaro pyar mein jo mazaa hai wo deewaane jaanthe hai
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Dil ne jiska naam liya uska daman tham liya,
Jab jab dard utha hai dil mein maine to tera naam liya,
Is bhari duniya mein koi bhi hamara nahi hua,
Gair to gair the apno ka bhi sahara na hua!!
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ek masoom si gheri khai hai
jisse dil ka nam bhi detey hain
is khai main apnaiat hai
issey log mohabbat kehte hain
apnaiat main ek saya hai
tasweer jissey ham kehte hai......
us saye main jo tasweer hai
wo teri hai sab kehtey hain
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tere har nagame me teri mohabaat ka paigaam aaya
tere har khat mei teri chahat ka salaam aaya
dil mei rahi teri hasrat magar labon per inkaar aaya
sakoon bhara dil tha magar aankho mei aansoo ka sailaab aaya
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Do dilo ki dastan, Tumhe kaha kubul thi.......
Mery Wafaye,kasme, Tumhare liye fijul thi...
Koi aas nahi baki, Lekin bata do etna .........
Maine chaha bas tumhi ko, Kya ye meri bhool thi....
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Ai Khuda, apne chand pe itna guroor na kar,
ek chand sa dost hum bhi rakhte hai,
Jab taarif tere chand ki hoti hai,
log misaal mere chand ki dete hai.
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AASUON KO BAHOT SAMJHAYA,
KE TANHAIYON MAIN AAYA KARO,
MEHFIL MAIN HUMARA MAZAK MAT UDAYA KARO,
IS PER AANSOO TADAP KER BOLE,
ITNE LOGO MAIN BHI AAPKO TANHA PAATE HAI,
ISILIYE TUMHARA SAATH DENE CHALE AATE HAI....!!!!
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Log apnee kismat badalte hain apnee tadbeer se
kuchh jyotishiyon. ko haath dikhaate rah jaate hain......
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hum se mohabat ki nomaish na ho saki,
haan magar itna jante hai ke tumhain chahate hai bohat.
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umr ek aysi hoti hai ke jis main dil ko
her baat achi lagti hai haqiqat ke siwa.
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Rom rom mei humarei voh basei hein,
Nazarei humari aur chehra unka hei;
Har saans mei humari voh basei hein,
Dhadkanei humari aur dil unka hei;
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badi asani se dil lagaye jaate hain,
badi mushkil se vaade nibhaye jaate hain,
le jaati hai mohabbat un raahon pe,
jahan diye nahin; dil jalaye jaate hain
Jisko humne samjhatha apna,
Rahegaya voh ek jhuta sapna,
Jisko dil ne pyar se apnayaa,
Nikla vohi sab se parayaa,
Jiski khatir hum huye badnaam,
Ek hai uspar humara ehsaan,
Ke chalo, humne to dil ki chot khaayee,
Lekin usko mohobaat hum hi ne sikhaayee.
Haanstay Haanstay Shayari
*Haanstay Haanstay Roo Perhty Thi***
*Kitny Pagal Wo Larki Thi***
*Us K Hoont To Chup Rehtay Thay***
*Aankho Se Baatain Karty Thi***
*Chat Per Dhoop Mian Baithay Baithay***
*Din Bhar Wo Sapnay Bunty Thi***
*Uljhi Yaadain Suljhanay Main***
*Saari Raat Ganwa Dete Thi***
*Kitna Tha Thehraoo Us Main***
*Lekin Wo Kitny Gehri Thi***
*Ek Din Chaltay Chaltay US Nai***
*Mujh Se Koi Baat Kahi Thi***
*Aur Phir Raasta Ek Nahy Tha***
*Us Ki Manzil Aur Koi Thi***
*Bilkul Waisay Phool Khilay Hain***
*Jaisay Wo Haansty Rehty Thi***
*Aab To Bhool Giya Houn Shaid***
*Us Per Ek Ghazal Likhi Thi***
Yeh chaandni raatein.. Shayari
Dekh Meri Aankhon Me Khawab Kiske Hai
Dil Me Mere Sulagte Toofan Kiske Hai,
Nahi Koi gujrah In Raasto Se Ho Kar,
Phir Ye Kadmo Ke Nishan Kiske hai.
apni palko pe umeedon ko sazaa kar rakhna,
dil ki dahleez par ek deep jalaa kae rakhna
hain muntjir yahaa sab ek hasi ki khaatir..
rishta hotho ka hasi se bhi banaa kar rakhna
je yaar hi yaar to pada rakhe, ki fayada yari laun da.
j kadar nahi jazbataan di, ki fayda pyar paun da.
j poore karne na kol-krara, ki haqq a laare laun da.
Dil kach de saman ehnu todi naa, Sadde naal kita pyar muhu modi na..
jihna kitta tenu pyar, Us nu rauri na...
Dil kach de saman ehnu todi naa, Sadde naal kita pyar muhu modi na..
Kaun kehta hai mohabbat ki zuban hoti hain... Yeh
haqeeqat to nigahon say bayan hoti hain Woh na aaye
tou satati hai khalish see dil ko... Woh jo aaye to
khalish aur jawan hoti hain
Faasle Jism Ko To Dour Le Jaate Hain Par Dilon Ke
Shahar To Ujarte Nahi Aankhon Se Aankhon Ka Rishta Tut
Jaye Bhi To Saath Dekhe Hue Khwab To Mit Te nahi
Meri dua.. Shayari
har khushi humne aapki nazar kar di
saara gham aanchal me samet liya
roshni ko aapka pata de diya humne
andhere se ek pal me rishta jod liya
Khuda kare gulshan ka har phool aapka ho
kismat ke kaanto par apna naam likh liya
hothon par muskaan aapke sada rahe
humne toh aansuon se pyar kar liya
jhilmilati har shaam pe aapka hakk ho
humne toh tapti reth me apna basera kar liya
lehron ko niharo aap door kinare se
humne toh apni kashti toofan ke naam kar diya
Kuch Loog Baddal Gaye Hai Shayari
*Is raat ki.. Tanhaeeyo ke
Sab rang badal Gaye hai***
*Chand nikla hai waise hi **
Andhere badal Gaye hai***
*Jinke bharose thi khusiyan **
Wo badal Gaye hain***
*Manzile to abb bhi WO hi hain **
Kuch rastay badal Gaye hain***
*Jinpe kiya tha bharosa humne **
Wo dost bicharr Gaye hain***
*Dakhe thay kabhi jo humne **
Wo kahwab badal Gaye hain***
*Jo banay thay kabhi hamsafar **
Aaj WO hi mukarr Gaye hain***
*Ais tutay huye dil kay saray.. **
Jazbaat badal Gaye hain***
*Na badle kabhi hum **
Na badle hamaray khayalat***
*Bas rona hai yahi...... **
KUCHH LOG BADAL GAYE HAIN***
Gunah - Shayari
Dil mein gul khilaye thay, umeed mein baahaar ke,
Baahaar na aayi hum ko khiza mili,
Gulistaan ujad gaya, na jaane koun se,
Gunahon ki hum ko yeh saza mili.
Dillagi - Shayari
koi hanse to tujhe gham lage
khushi na lage
ke yeh dil lagi bhi tujhe
dil lagi na lage
tu roz roya kare uth ke chand raton me
khuda kare tera mera bagair dil na lage
Tujh bin har din kaise niglun, bina namak ka saag
Kab aavoge, thakya chhat pe bol bol ke kaag
Kab ghar par sovoge sajan, kab jagenge bhaag
Sukha patta joban mera, yaad tumhari aag
Raat huyi hai karwat karwat, bistar kala naag
Kaisa jetha, kaisa kattik, kaise pus or maagh
Bin baati ke bale diwali, sookha ghoome faag
Kab tak bairan neend banegi, kab tak hogi jaag
Kab tak jogan aankh japegi vahi purana raag
Gaon ko bhooli, des bhi bisra, aisi laagi laag
Bas ve chunri od ke raakhun, jismein laaga daag
Tujh bin har din kaise niglun, bina namak ka saag
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