Tuesday, June 22, 2010

जिस्म जब उनके जिस्म से जुदा होता है

जिस्म जब उनके जिस्म से जुदा होता है
दरमियाँ हमेशा खुदा खड़ा होता है
एक चाहत का लपकता है शोला
तड़प खुशियों से जुड़ा होता है

गर्म साँसों और नर्म बाँहों की मांग

दिल, दिल में तड़पते मुड़ा होता है
होंठ चिपक कर करना चाहें बातें
इश्क की डोर में ऊँचा उड़ा होता है

तोड़ कर बंधन लिपटने की तमन्ना लिए

अपनी बेताबी में आँखें मूंदा होता है
संग ले बह जाने का हुनर जिसमे
वक़्त उसपर ही फ़िदा होता है.

Jism jab unake jism se juda hota hai
Darmiyan hamesha khuda khada hota hai
Ek chahat ka lapakta hai shola
Tadap khushiyon se judaa hota hai

Garm saanson aur narm bahon ki maang
Dil, Dil mein tadpate muda hota hai
Honth chipak kar karna chahein baatein
Ishq ki dor mein uncha udaa hota hai

Tod kar bandhan lipatne ki tamanna liye
Apani betabi mein aankhein moonda hota hai
Sang le bah jane ka hunar jisame
Waqt uspar hi fidaa hota hai.

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