Thursday, June 10, 2010

प्यारे प्यारे हिंदी एस एम् एस

प्यारे प्यारे हिंदी एस एम् एस

बादल गरजा मगर बरसात नहीं आई
दिल धडका मगर आवाज़ नहीं आई
पूरा दिन गुजार गया दोस्त .....
क्या एक बार भी हमारी याद नहीं आई


हमारी जुदाई का गम ना करना,
दूर रहो तो भी याद कम ना करना,
अगर मिले ज़िंदगी के किसी मोड़ पे हम तो,
हमें देख कर अपनी आँखें बंद ना करना।


हकिक़त में जीना जब आदत बन जाती है,
ख्वाबों की दुनिया बेरंग नज़र आती है,
कोई इंतज़ार करता है ज़िंदगी के लिए,
किसी की ज़िंदगी ही इंतज़ार में गुजर जाती है.



सपना ये आँखों में कैसा संजो दिया,
कुछ पाने की चाह में सब कुछ खो दिया,
लोगों ने कहा इलाज है खुदा के पास,
मैंने ज़ख्म दिखाए तो खुदा भी रो दिया.



हमारी दोस्ती को दिल से जुदा ना करना ,
जिंदगी में कभी ना ये गुनाह करना ,
कुछ पल चाहे बीत जाए "आपसे" मिले बिना ,
जिंदगी ना बीत जाये ये दुआ करना .......


हिचकियाँ दिला कर ये कैसे उलझन बढ़ा रहे हो ,
आँखें बंद है फिर भी नज़र आ रहे हो ,
इतना बता दो हमे
याद कर रहे हो या अपनी याद दिला रहे हो.....

अगर जिंदगी में जुदाई ना होती ,
तो कभी किसी की याद आई ना होती ,
साथ ही गुजरते हर लम्हे तो ,
रिश्तों में इतनी गहराई ना होती .........


साहिल से मिलकर भी किनारे नहीं मिलते ,
ढूंढे भी तो सहारे नहीं मिलते ,
क्यों दिल में वोह लोग उतर जाते है अक्सर ,
जिनसे किस्मत के सितारे नहीं मिलते ........


गम ना हो वहाँ जहाँ हो फ़साना तेरा ,
खुशियाँ ढूढती रहे आशियाना तेरा ,
वोह वक्त ही न आये जब तू उदास हो ,
यह दुनिया भी भूलना सके मुस्कुराना तेरा ...........


लम्हे ये सुहाने साथ हो ना हो ,
कल में आज जैसी बात हो न हो ,
आपकी दोस्ती सदा इस दिल में रहेगी चाहे ,
चाहे उम्र भर मुलाकात हो न हो ......


कतरा-कतरा बहते रहे आंसू ,
और हम उन्हें सुखा भी ना पाए ,
इससे बड़ी वफ़ा की सजा क्या होगी ,
वोह रोये हमसे लिपट कर ,किसी और के लिए
और हम उन्हें हटा भी ना पाए ........

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