Wednesday, November 4, 2009

रसगुल्ला/Rasgulla

रसगुल्ला/Rasgulla



यूँ ही बन-ठन कर हँसिए, इठलाईए
ज़िंदगी रसगुल्ला है खाईए, खिलाईए
हॉथ में या दॉत में फंसे जहॉ भी
धीरे-धीरे चूसिए, कमसिन है ना चटकाईए.
नर्म मुलायम गोल-गोल होता गुल्ला
सजाकर-सवॉकर मिलता खुल्लम खुल्ला
तरसिए ना, एक को तो दिल से उठाईए
नाज़ुक है रस निकल जाएगा, ना दबाईए.
चाशनी में डूबकर, खिलकर निखर जाए
गोल-गोल दूर से, सबको है तरसाए
किस्मत नही हिम्मत है, प्यार से बुलाईए
नर्म-नर्म चिकना-चिकना, प्यार से उठाईए.
रस भरे होठों ने कहा, कुछ हास्य लिख जाईए
हर रसगुल्ले में, मेरी ही मिठास पाईए
चाशनी में उछलते, छलकते यह बिन्दास मिज़ाज
मैं चला रसगुल्ले की और, आप भी फरमाईए.

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