इन फूलों की बारिश में
भीग लेते है हम भी
मोहब्बत के इत्र की महक
जरा बदन पर चढा लूँ
अगले मौसम तक फिर
ये ताजगी रहेगी मन में .
भीग लेते है हम भी
मोहब्बत के इत्र की महक
जरा बदन पर चढा लूँ
अगले मौसम तक फिर
ये ताजगी रहेगी मन में .
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In phulon ki barish mein
Bheeg lete hain ham bhi
Mohabbat ke itra ki mahak
Zara badan par chadha loon
Agle mausam tak phir
Ye tazgi rahegi man mein .
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