Monday, November 23, 2009

आपकी हर बात

आपकी हर बात, हर अंदाज़ लगे मीठी
हवा के जोंको का, सौगात लगे मीठी
छलकती रहती हैं, पनघट की तरह
चाह की हर आह तलबगार लगे मीठी
कभी भोली कभी तेज़ नज़र आए वो
हर बोली गोली सी सौ बार लगे मीठी
बातें करती तो होती है रसधार वर्षा
कीर्ति संवरती रही प्रीति लगे मीठी
नई दुनिया संग जगा दी नई चाह
आप में डूबा रहूँ, कब मिलोगी मीठी.
आवेग सिंह
Aapaki her baat, her andaz lagi mithi
Hawa ki jhonkon ki, saugat lage mithi
Chchalkti rahti hai, panghat ki tarah
Chah ki her aah, talbar lage mithi
Kabhi bholi, kabhi tez mazar aaye o
Her boli goli si sau baat lage mithi
Baatein karti ho to hoti hai radhar varsha
Kirti sanwarti rahi, priti lage mithi
Nayi duniya sang jaga di chah nayi
Aap me dooba rahoon, kab milogi mithi.

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