चंचल लहरें ,
बिलकुल जीवन सी ....
कभी शांत
अँधेरी रात के जैसे .....
कभी ऐसी मची हलचल .....
कि सब बिखेर गया ..
मेरे जीवन के जैसे ..
चाह कर भी कुछ कर नहीं पाती अपने मन का ..
सब होता है उसी के मन का ......
क्या करूँ .....???????
कोई तो बताओ .......
इस अनजान राहों में कोई तो आओ .....
साथ न चलना चाहो मेरे कोई बात नहीं ....
खुशी तुम्हारी !!!!!
एक झलक रोशनी की तो दिखा जाओ .........
और न चाहिए कुछ भी .....
इक बार राह तो दिखा जाओ...........
बिलकुल जीवन सी ....
कभी शांत
अँधेरी रात के जैसे .....
कभी ऐसी मची हलचल .....
कि सब बिखेर गया ..
मेरे जीवन के जैसे ..
चाह कर भी कुछ कर नहीं पाती अपने मन का ..
सब होता है उसी के मन का ......
क्या करूँ .....???????
कोई तो बताओ .......
इस अनजान राहों में कोई तो आओ .....
साथ न चलना चाहो मेरे कोई बात नहीं ....
खुशी तुम्हारी !!!!!
एक झलक रोशनी की तो दिखा जाओ .........
और न चाहिए कुछ भी .....
इक बार राह तो दिखा जाओ...........
.
.
.
.
.
.
.
Chanchal lahrein ,Bilkul jivan si ....
Kabhi shant
Andheri rat ke jaise .....
Kabhi aisi machi halchal ....
Ki sab bikher gaya ..
Mere jivan ke jaise ..
Chah kar bhi kuchh kar nahin pati apne man ka ..
Sab hota hai usi ke man ka .....
Kya karun .....???????
Koi to batao ........
Is anjan raahon mein koi to aao .....
Sath na chalna chaho mere koi bat nahin ....
Khushi tumhari !!!!!
Ek jhalak roshni ki to dikha jao .........
Aur na chahiye kuchh bhi .....
Ik bar rah to dikha jao......... ..
No comments:
Post a Comment