Wednesday, March 2, 2011

समर्पण

समर्पण

भूखे जन को अन्न दान दो......प्यासे को जल का दान
वस्त्रहीन को वस्त्र दान दो........मानहीन को सच्चा मान 
भय -विकल को शान्ति दान दो.....शरण हीन को आश्रय -दान 
शोक -विकल को शान्ति दान दो.......आतुर जन को सेवा -दान
दुःख पतित को धैर्य दान दो......रोगी जन को औषध दान
पथ भूले को मार्ग दान दो........दो निराशा को आशा दान
ज्ञानहीन को ज्ञान दान दो...........संशयालु को श्रध्हा दान
धर्महीन को धर्म दान दो..........नास्तिक को इश्वर का ज्ञान 

जो,जिसको ,जब आवश्यक हो,करो तभी उसको वह दान!!
जो तुम कर सकते हो करो,पर मत कभी उस पर अहसान !!
मत समझो दाता अपने को, करो न कभी भी तुम अभिमान !!!
सविनय करो समर्पण प्रभु को,प्रभु की वस्तु सहित सम्मान !!!!

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