बरबाद कर गया जिन्दगी प्यार के नाम पे
बेवफाई मिल गई वफ़ा के नाम पे,
जख्म ही जख्म दे गया दवा के नाम पे
खुदा भी रो पड़ा मेरे मोहब्बत के नाम पे!
आपकी मोहब्बत में हम हद से गुजर जायेंगे
वादा रहा आपसे उमर भर चाहत निभायेंगे,
मत रूठना आप हमसे कभी भी,वरना
हम जान देकर आप को मनायेंगे!
इस कदर ना हर बात यारों से पुछो
जो बात राज की है इशारों से पुछो,
लहर से खेलना समंदर का शौक है
लगाती है चोट कैसे किनारों से पुछो!
हैरान है वो की हम महफ़िल में उनकी बात हजारों में करते है,
क्या खबर उन्हें की हम तन्हाई में भी उनकी तारीफ़ सितारों से करते है!
हर रात एक नाम याद आता है
कभी सुबह कभी शाम याद आता है,
जब सोचता हूँ कर लू दूसरी मोहब्बत
फ़िर पहली मोहब्बत का अंजाम याद आता है!
सजा मिली है उनसें दूर रहने की
ये बात नही है किसी और से कहने की,
हम तो रह लेंगे उनके बिना भी,पर
इन आशुओ को आदत है,उनकी याद में बहने की!
साथ छोड़ के कभी हमसे जुदा मत होना
वफ़ा चाहिए तुमसे,बेवफा मत होना,
रूठे चाहे सारी दुनियाँ हमसे,पर
दोस्त तुम कभी खफ़ा मत होना!
रोयेंगी ये आँखे मुस्कराने के बाद
आएगी रात दिन ढल जाने के बाद,
कभी रूठना ना मुझसे मेरे दोस्त
शायद ये जिन्दगी ना रहे तेरे रूठ जाने के बाद!
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