Wednesday, June 4, 2008

हम जुदा होंगे उस वक्‍त सोचा न था,

हम जुदा होंगे उस वक्‍त सोचा न था,

जब तुझे देखा था पहले पहल और ,

आज जब तुझे देखा तुझे मुमताज़ मेरी,

अश्को मे ढ्ल गया मेरे सपनो का ताजमहल.

 
तुम्हे जब मुझ से ज्यादा गैर प्यारें हैं,

फिर मेरी याद मे तुम तडपती क्यो हो,

तुमने ही पावंदी लगाई है मुलाकातो पर,

फिर अब राहें मेरी तुम तकती क्यों हो.

 
मैने पहले पहल जब देखा था तुम्हे,

तो मह्सूस हुआ था जिंदगी तुम हो,

फिज़ूल भटका फिरा हँ मै आज तक,

हकीकत मे तो मेरी बंदगी तुम हो.

 
तुम रहो उदास् यह मै सह नही सकता,

मज़बूर हँ इसलिए कुछ भी कह नही सकता,

तुमने दामन बचा लिया रस्मे वफा से वरना,

मै एक पल भी तुम बिन रह नही सकता.

 
कोई एक तो वादा निभा दिया होता,

मेरी वफाओ का कुछ तो सिला दिया होता,

तबाह करना था अगर प्यार मे मुझको,

खुद अपने हाथो से मुझे मिटा दिया होता

 
कोई गम नही एक तेरी जुदाई के सिवा,

मेरे हिस्से मे क्या आया तन्हाई के सिवा,

मिलन की रातें मिली, यूँ तो बेशुमार,

प्यार मे सबकुछ मिला शहनाई के सिवा.



--
........raj.........

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