१. शादी से पहले एक-दूसरे को बेवकूफ़ बना देने को लेकरपति-पत्नी संता सिंह और श्रीमती संता सिंह में बहस हो रहीथी
-श्रीमती संता सिंह ने कहा, दरअसल मैं जानना चाहती थी कितुम कितने मूर्ख हो, इसीलिए मैंने तुम से शादी की थी।
संता सिंह धीरे से बोला, लेकिन यह बात तो तुम तभी समझसकती थीं, जब मैंने तुम्हारे सामने शादी का प्रस्ताव रखा था।
२. छात्रा संता नैनी बहुत देर से अपनी बेंच पर सिर टिकाकरबैठी थी। लेडी प्रोफेसर बंता जाफ़री ने उसे देखा और उससे कहा- मैं तुम्हें बहुत देर से देख रही हूं। तुमनीचे गर्दन कर नीरा से बात बात कर रही हो और उसका भी ध्यान बांट रही हो। क्या मेरे पीरियड मेंतुम्हारा पढ़ने में मन नहीं लगता? संता नैनी बोली- सॉरी मैडम! लेकिन, क्या मैं नींद में बात कर रहीथी ..?
३. संता सिंह, पिता के रूप में मुझे गर्व है कि मेरा पुत्र मेडिकल कॉलेज में है। बंता मिंदर, अरे वाह! वहांक्या पढ़ाई कर रहा है वह? संता सिंह, वह पढ़ नहीं रहा है, वहां उसे पढ़ा जा रहा है।
४. चपरासी बंता नारायण, सर, मेरी पत्नी स़ख्त बीमार है। मुझे दस दिन की छुट्टी चाहिए। अधिकारीविलोक संता ने पूछा, लेकिन अभी तुम सीट पर नहीं थे। तुम्हारी पत्नी का फोन आया था। वह तोबिल्कुल ठीक लग रही थी। संता नारायण, सर, मैं तो झूठ बोल रहा था, मगर आप भी झूठ बोलते हैं।
अधिकारी क्रोध में बोला, क्यों, वह कैसे?
संता नारायण, सर, मेरी अभी शादी ही नहीं हुई है।
१. हेड मास्टर संता कुमार- बंता टोनी, तुम्हारे सभी टीचर्स से मुझेतुम्हारी शिकायतें मिली हैं। क्या बात है, अख़िर तुम करते क्या हो? बंता टोनी आश्चर्यचकित होकर बोला-
सर, मैं तो कुछ करता ही नहीं। हेड मास्टर संता कुमार- एकदम ठीक! बस, यही तो शिकायत है।
२. संता सिंह ने मित्र बंता वर्मा से कहा- यार, गुप्ता कहता है मैंबढ़िया हूं, और चौहान कहता है मैं बुरा हूं। इस बारे में तुम्हारी क्या रायहै?
बंता वर्मा बोला- मेरी समझ से तुम बढ़िया बुरे हो!
३. पुत्री संता रिया द्वारा फोन पर आधा घंटे बात कर फोन रख देने पर पिता बंता दास बड़ी हैरत में बोले- अरे, क्या हुआ? आज तो तुमने फोन बहुत जल्दी रख दिया, तुम्हारी तो लंबी बातें चलती हैं?
पुत्री संता रिया बोली- डैड, वो तो रॉन्ग नंबर था।
. संता बंटू ने डॉ. बंता जैन से पूछा- डॉ. साहब, जब मैं सिर के बल खड़ा होता हूं, तो खून सिर की तरफ दौड़ता है, लेकिन जब मैं पैरों के बल खड़ा होता हूं, तो खून पैरों की तरफ नहीं दौड़ता। ऐसा क्यों है? डॉ. बंता जैन- ऐसाइसलिए, क्योंकि तुम्हारे पैर खाली नहीं हैं।
५. संता राय ने बॉब कट बाल वाले, जींस पहने एक युवा के पास खड़े व्यक्ति से पूछा- यह लड़का है या लड़की?
पास खड़े बंता राइट ने बताया- यह लड़की है। और मेरी पुत्री है। संता राय बोला- ओह! क्षमा कीजिए सर, मुझेपता नहीं था कि आप उसके फादर हैं। बंता राइट- फादर नहीं, मैं उसकी मदर हूं।
बच्ची
एक व्यक्ति रेलगाड़ी में सफर कर रहा था। दोपहर को जब उसे भूख लगी तो उसने अपना खाने का डिब्बा बाहर निकाला और खाना खाने लगा। खाने के साथ प्याज भी रखा था। प्याज काटने के लिए उस व्यक्ति के पास चाकू वग़ैरा तो था नहीं इसलिए प्याज को सीट पर रखकर मुक्का मारकर उसे तोड़ने लगा। प्याज पर मुक्का लगना था कि प्याज के बीच का हिस्सा जिसे बच्ची कहते हैं छिटककर रेलगाड़ी के डिब्बे की खिड़की से बाहर जा गिरा। इस व्यक्ति ने शोर मचा दिया कि उसकी बच्ची गाड़ी से बाहर गिर गई। लोगों ने सुना तो उन्होंने जंजीर खींच दी और रेलगाड़ी रुक गई। वह व्यक्ति फुर्ती से रेलगाड़ी से नीचे उतरा और ढूँढ़कर बच्ची को उठा लाया। गाड़ी रुकने पर दूसरे डिब्बों के यात्राी भी आ गए और पूछने लगे कि क्या हुआ? लोगों ने बताया कि किसी की बच्ची गिर गई थी।
''किस की बच्ची गिर गई थी? क्या बच्ची मिल गई?'' ये पूछने पर उस आदमी ने जो रोटी खा रहा था कहा, ''हाँ, बच्ची मिल गई।'' जब लोगों ने ये पूछा कि बच्ची को चोट तो नहीं लगी तो उस आदमी ने जवाब दिया, ''चोट तो नहीं लगी पर मिट्टी में गिरने से जरा किरकिरी हो गई।''
जबान के पक्के
सुरजे अपनी बड़ी लड़की की शादी के लिए लड़के की तलाश में एक दूसरे गाँव में अपने एक परिचित दलीप के पास गया और उससे कोई ठीक सा लड़का दिखाने के लिए कहा। दलीप ने अपने पड़ौस में एक लड़का दिखाया और उसके माँ-बाप से बातचीत भी करवाई। लड़का खेती-बाड़ी करता था और उसकी उम्र बताई गई थी पच्चीस साल। किन्हीं कारणों से यहाँ रिश्ते की बात पक्की न हो सकी। सुरजे की लड़की की शादी कहीं और हो गई।
सुरजे की एक और लड़की भी थी जो बड़ी लड़की से पाँच साल छोटी थी। पाँच साल बाद सुरजे छोटी लड़की की शादी के लिए लड़के की तलाश में फिर उसी गाँव में अपने परिचित दलीप के पास जा पहुँचा जहाँ बड़ी लड़की के लिए लड़का देखने गया था लेकिन बात नहीं बनी थी। सुरजे उस बात को भूल चुका था। इस बार फिर दलीप सुरजे को लड़का दिखाने ले गया और संयोग से उसी घर में जा पहुँचे जहाँ पाँच साल पहले भी गए थे। वहाँ जाकर सुरजे को याद आया कि ये तो वही लड़का है जिसे पाँच साल पहले बड़ी लड़की के लिए देखने आया था। बातचीत का दौर शुरू हुआ और लड़के के माँ-बाप ने बताया कि लड़का खेती-बाड़ी करता है और उम्र है पच्चीस साल।
सुरजे ने कहा, ''भई क्या माजरा है? मैं पाँच साल पहले आया था तब भी आपने लड़के की उम्र पच्चीस साल बताई थी और आज भी पच्चीस साल बता रहे हो।''
लड़के के बाप ने कहा, ''देखो भाई हम इस किस्म के आदमी नहीं है जो आज कुछ कहें और कल कुछ कहें। हम अपनी जबान के पक्के हैं और आप पाँच साल बाद भी पूछोगे तो भी लड़के की उम्र पच्चीस साल ही बताएँगे।''
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