बेताब तमन्नावो की कसक रहने दो,
मंजिल को पाने की ललक रहने दो,
आप रहे भले नजरो से दूर,
पर इन बंद आंखो मे अपनी झलक रहने दो.
सफर बहुत लम्बा है दोस्त बनाते चलो,
दिल मिले ना मिले हाथ मिलाते चलो.
ताजमहल मत बनाना,हो सके तो,
हर जगह मुमताज बनाते चलो.
करोगे याद गुजरे ज़माने को,
तरसोगे हमारे साथ एक पल बिताने को,
फिर आवाज दोगे हमे वापस आने को,
और हम कहेगे दरवाजा नही है,कब्र से बाहर आने को.
हसरत है सिर्फ उन्हें पाने की,
और कोई ख्वाईस नही है इस दीवाने की.
शिकवा मुझे तुमसे नही किसी और से है,
क्या जरूरत थी इतना खूबसूरत बनाने की.
बोलती है दोस्ती,चुप रहते है प्यार!
हंसती है दोस्ती,रुलाते है प्यार !
मिलती है दोस्ती,जुदा करता है प्यार,
फिर भी क्यो दोस्ती छोड़कर लोग करते है प्यार.
बन कर किसी का प्यार ना खुद पर इतराओ,
खुद वफ़ा करो इतनी किसी का गूरुर बन जाओ,
ऐसा ना हो की वक्त हो जाये बेवफा,
और तुम अपनों से दूर हो जाओ.
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