Wednesday, June 4, 2008

जब भी तेरी यादों को आसपास पाता हूँ,

जब भी तेरी यादों को आसपास पाता हूँ,
खुद को हद दर्जा तक उदास पाता हूँ,
तुझे तो मिल गई खुशियां जहां भर की,
मै अब भी दिल मे वही प्यास पाता हूँ.



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अपने बेगाने हुए दुशमन जमाना हो गया,
ज़रा सी बात पर रुसवा फसाना हो गया,
मुझे सज़ा के तौर पर मिला काटों का बिस्तर,
उसका अंगन फूलो का अशियाना हो गया.



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निभाया वादा हमने शिकवा न किया,
दर्द सहे मगर तुझे रुसवा न किया,
जल गया नशेमन मेरा, खाक अरमां हुए,
सब तुने किया मगर मैने चर्चा न किया.



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निगाहों मे सुरत तेरी दिल मे याद,
प्यार मे हो गई मेरी जिंदगी बरबाद,
बहुत चाहा मगर किस्मत खराब थी,
दुआ मांगी, न हुआ दिल मेरा शाद.



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मुरझा गए फूल खिलकर हसरतों के,
नाकाम हुए सपने हमारी मुहब्बतों के,
दुनियां ने छिन लिया मुझसे यार मेरा,
मुझे याद आ रहे हैं दिन कुरबतों के.



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मैने एक पत्थर से दिल लगाया था,
एक बेवफा पर सब कुछ लुटाया था,
उसी ने पिठ में घोंप दिया खंजर,
दोस्त समझ जिसे गले लगाया था.

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