Wednesday, January 6, 2010

नया साल

नया साल

कौन कहता है यह नया जमाना है
धरती वही , सूरज वही, चंदा भी पुराना है
आज चारो तरफ छल कपट की दूकान है
आग लगी बाजार में , पैसे वालो की शान है
आसमान को छू रही महंगाई है आज
सब्जी भी महंगा हो गया आलू प्याज
देश में न अकाल हो न कंगाल हो
सभी को पेट भरने के लिए रोटी और दाल हो
मुबारक 2010 नया साल हो

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