Wednesday, May 7, 2008

हर पल आती रह तेरी याद


एक मुद्दत हुई दिल को सताती रही तेरी याद
आंसू बन लहू में घुल जाती रही तेरी याद

सुबह को लालिमअ बन छा जाती रही तेरी याद
धुप में साया बन साथ चलती रहi तेरी याद

दोपहर छाया बन तासीर दिलाती रही तेरी याद
शाम को हवा का झोन बन लुभाती रही तेरी याद

रात के अँधेरे में जुगनू बन चमकती रही तेरी याद
आसमान में तारों संग टीम टीम आती रही तेरी याद

चांदनी बन ज़मीं को नहलाती रही तेरी याद
रोज़ ख्वाब बन तेरी दीद कराती रही तेरी याद

गर्मी में हवा का झोंका बन आ जाती रही तेरी याद
इन्द्रधनुष के रंगों में रंग जाती रही तेरी याद

सर्दी में खिली धुप सी चमकती रही तेरी याद
पहाडों पर बर्फ बन बिछ जाती रही तेरी याद

फूलों पर तितली बन मंडराती रही तेरी याद
हवा को खुशबू बन महकाती रही तेरी याद

बेलों को सहारा बन बढाती रही तेरी याद
बागों को बहार बन सजाती रही तेरी याद

होली में गुलाल बन रंग उडाती रही तेरी याद
दिवाली में चिराज बन उजाले फैलाती रही तेरी याद

ईद में चाँद बन खुशियाँ लुटती रही तेरी याद
च्रिस्त्मस में संता बन तोहफे बांटी रही तेरी याद

थक गया तो दिल बहलाने आ जाती रही तेरी याद
चोट खाई तो सहलाने आ जाती रही तेरी याद

रूठ गया तो मनाने आ जाती रही तेरी याद
गिर गया तो उठाने आ जाती रही तेरी याद

सोने चला तो लोरी सुनाने आ जाती रही तेरी याद
रोने लगा तो हँसाने आ जाती रही तेरी याद

जीत गया तो जश्न मनाने आ जाती रही तेरी याद
हार गया तो समझाने आ जाती रही तेरी याद

महफ़िल में रौनक बन छा जाती रही तेरी याद
तन्हाई में साथ निभाने आ जाती रही तेरी याद

मेरे हर ज़र्रा -ओ -कतरे में बसी हुई हुई तेरी याद
मेरी ग़ज़ल से रूह तक उतर रही है तेरी याद

मौत के बाद भी "खाक " से न जुदा होगी तेरी याद
ख्श्बू बन हर तरफ फिजा में महका करेगी तेरी याद


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..............raj.....................

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