Wednesday, May 7, 2008

इशक तो ढ़ोग हैं

तुझे इश्क हो ये खुदा करे,
तुझे कोई उससे जुदा करे

तेरे होट हँसना भूल जाए,
तेरी आखे पुरी नम रहा करे

तू जिसे भी देख कर रुका करे,
वो नजर झुकाके चला करे

तू इस की बात सुना करे,
वो किसी और की बाते कहा करे


तुझे दोस्ती भी न आये रास
तू तनहा तनहा रहा करे,

तेरे खवाब बिखरे टूट कर,
तू किरिच किरिच चुना करे

तुझे इश्क पर हो यकीन तब
उसे किताबो में पढ़ा करे

फिर में कहूँ इश्क तो ढोंग हैं,
तू नही नही किया करे



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..............raj.....................

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