Monday, August 17, 2009

फ़िर एक बार लौट आयेंगे हम



१=वो पास नही होती तो तड़पता है दिल
हो जाए उनसे रूबरू तो झिझकता है दिल
नही फर्क दिल को,उनके पास-ओ-दूर होने से
दोनो ही सूरत में कमबख्त बस धड़कता है दिल

२=
मस्ती भरी अदाए उनकी,छलकते जाम से कम नही
शोखी उनके नजरो की,खुबसूरत पैगाम से कम नही
जो भी देखे उनको खो जाए बस राह-ऐ-बेखुदी में
मदहोशी की यह रहगुजर किसी मकाम से कम नही

३=

नजर में पहली ही दिल को मजबूर कर गया कोई

होश से वाकिफ जिंदगी को तसव्वुर कर गया कोई

अब न मिलता वो लम्हा मुझे चैन-ओ-सुकून भरा

अन-छुए दिल को छू के मंजूर कर गया कोई ।



४=
हर सांस आती है सीने में हवा बनके
हर सांस जाती है सीने से नशा बनके
टकराए दिल से जो,कैसे रहे भला बेअसर
छुप के बैठे वो दिल में जो वफ़ा बनके


५=
सारी दुनिया भी हो जाए हासिल,फ़िर भी क्या पाएंगे हम
इतनी बरकत से न होगी तस्कीन,बस उनको ही चाहेंगे हम
एक जिंदगी नही है गर काफी,उनकी आरजू में मिट जाने को
खुशी से होंगे रुखसत जहाँ से,फ़िर एक बार लौट आयेंगे हम













No comments:

Post a Comment

1