Monday, November 8, 2010

तन्हाई

तू नही तो तेरे खयालो से बज्म सजा लेता हूँ
दिल के खाली पैमाने होठो से लगा लेता हूँ
अब तो तेरे ना आने पे यकीन हो चला है
तेरे गम में बहे अश्को से प्यास बुझा लेता हूँ

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