वो तबस्सुम वो हया,इन अदाओ ने मारा मुझको
छुपके से उनको देखा,इन गुनाहों ने मारा मुझको
लहराते आचल ने लाये सामने,कई राज उस हुस्न के
करके शरारत जो बह गई,उन हवाओ ने मारा मुझको
देख के ख़ुद को आईने में,वो सजते रहे सवरते रहे
दिल थामके जो भरी शीशे ने,उन आहो ने मारा मुझको
जुल्फ जो खुली तो रुक गई,गर्दिश जमी आसमानों की
खाके रश्क जो चली गई,उन घटाओ ने मारा मुझको
शरमाके के करते है वो परदा,और देखते है चुपके से भी
सम्हाल दिल ऐ 'ठाकुर',इन शोख वफाओ ने मारा मुझको
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