गरीबों के दिल में लगे आग, इसलिये चिराग जलाते हैं।
मत बहको ऊंचे उनके ठाठ देखकर, हमेशा धोखा खाओगे,
बेचने वाली शयों के, सौदागर ही पहले ग्राहक बन जाते हैं।
दरियादिल दिख रहे है, पर सारा सामान मुफ्त का सजा है
कहीं से चीज का मिला तोहफा, कहीं से पैसा जुटाते हैं।
घी से भरा उनका घर, मिलावटी तेल के कनस्तर बेचकर
मौत के मुख में भेजने पहले, जिंदगी का रास्ता बताते हैं।
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