घूँघट में तुझे देखा तो दीवाना हुआ ,
संगीत का तराना हुआ ,
शमा का परवाना हुआ ,
मस्ती का मस्ताना हुआ,
जैसे ही घूँघट उठाया इस दुनिया से रवाना हुआ
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
दूसरी लड़की को देखा तो वैसा लगा
जब दोनों के जूते पड़े … तो एक जैसा लगा !!!
बेवफा तुम हो तो वफादार हम भी नहीं ,
बेशरम तुम हो तो शर्मीले हम भी नहीं ,
प्यार के मोड़ पर आके कहते हो शादी -शुदा हो
तो क्या हुआ डार्लिंग … कुंवारे हम भी नहीं !
जब जब गिरे बादल ,
तेरी याद आई झूम के बरसा सावन ,
तेरी याद आई भीगा मैं ,
लेकिन फिर भी तेरी याद आई क्यों ना आये तेरी याद ?
तुने जो छतरी अब तक नहीं लौटाई…
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