Thursday, June 16, 2011

उसका चेहरा भी कमल का

उसका चेहरा भी कमल का………..

उसके चेहरे में कुछ न कुछ जरूर था,
बिन पिए मैं नशे में चूर था,
उसका चेहरा भी कमल का एक फूल था,
जिसकी खुशबु से महका मेरा नसीब था|
मेरी ख़ुशी को न समझाने वाले, इंतना तो समझ ज़रा,
साँसों की आहतो को गिन ज़रा, खुश्बू इनकी क्या कहती है|
जिंदगी मेरी तुझसे शुरू और, तुझ पे ही खत्म होती है,
हर सुबह एक आस होती है, दिल में तुझसे मिलने की प्यास होती है|
तू समझता नहीं या, समझना चाहता नहीं,
किसी के बिना ज़िन्दगी अधूरी है मानता नहीं|
या मेरे हालात को जानता नहीं, दिल में तू है अब मान भी ले|
कैसे इज़हार करू बता दे, इस मोह्बत को मान भी ले|

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