Tuesday, June 22, 2010

हिन्दी एस एम् एस-17

HUM KHUD BHI JUDAI KA SABAB THE

USS HI KA QASOOR SARA KAB THA

AB AUR KISI KE SATH HAI TO KYA DUKH

PEHLE BHI KOI HUMARA KAB THA.

Meri saanson se tum shikwa karte ho…

Chup chup ke chahat ka sauda karte ho…

Tum hi socho ye kesi majboori hai…

Mujh main reh kar mujh se hi parda karte ho…

HASNE KO MAN KIAA TAU

HAM KHUD PE HANS DIYE

KISMAT HAMAARI MAANI IK

VAYANG HO GAI

NAFRAT HAI APNE AAP SE

KITNI NAA POOCHHIE

APNI TAU RAAT AAINE SE

ZANG HO GAI

KHUSHIYON KE INTZAAR ME

KHADE HI REH GAYE

RASTAA BADAL KHUSHI BHI

GAIRON KE SANG HO GAYI

...na kati hum se shab[raat-night]judaai ki...

kitni hi taaqt aazmaai ki..

mar gye,pr hai bekhabr saiyaad...[shikari]

ab tavqqo [aas-hope]nahi rihaai ki...

dil pe kis wqt kya guzaarti hai

soch lete hain kah nahi sakte

jaise aansu udaas aankho mein

aa to sakte hai beh nahi sakte

Toot jaye na bharam hont hilaon kaise,

tu meri ankh hai tujhko rulaon kaise,

phool hota to tere dar per saja rehta,

zakhmi hokar teri dehleez per aaon kaise.

Guzarish Humari Wo Maan Na Sake,

Majburi Hamari Wo Jaan Na Sake,

Kehte Hai Marne Ke Baad Bhi Yaad Rakhenge,

Jeete Jee Jo Hame Pehchan Na Sake.

Jalaatey hai hum apne dil ko diye ki tarah,
teri zindagi mein khushiyon ki roshni lane ke liye.
Seh jate hai har chubhan apne pairo taley,
teri raho mein phool bichane ke liye.

Dhalti shaam ka khula ehsaas hai,
mere dil mein teri jagah kuch khas hai,
tu nahi hai ye malum hai mujhe,
par dil ye kehta hai tu yahi aas paas hai......... .

hamne udaasiyon me gujaar di tmaam umar

ab tau dosto ki waffa se bhi dar lagtaa hai

kitnaa snnatta hai is ujade hue ghar men

ab tau hame khud ki parchhai se dar lagtaa hai.

Zaruri Nahi Ki Jeene Ka Sahara Ho,

Jise Chaha Vo Hamara Ho,

Dub Jaye Kashti Hamari Hame Gham Nahi,

Bas Tamanna Hai Ki Dubne Tak Saath Tumhara Ho

laut jati hai duniya gum hamara dekhker,
jaise laut jati hai lahre kinara dekhker,
tu kandha na dena janaje ko mere,
kahi fir jinda na ho jau tera sahara dekhkar.

आहे भर-भर कर जीते है,

आहे भर-भर कर जीते है,

जानते है पहचानते है ,

फिर भी बेइंतिहा मोहब्बत करते हैं,

उनकी एक झलक की ख्वाहिश सदा दिल में रखते हैं.

जब भी झलक दिखती हैं ,

दिल में अजीब सी सिरहन उठती हैं.

आँखे झुक जाती है और

दिल में अरमानो की बंशी बजती हैं.

जब भी वो मुस्काती हैं,

जेहन में शीतल बयार सी आती हैं.

अलहदा हो जब वो चलती हैं,

दिल में पायल की छम-छम सी बजती हैं.

उसकी आँखों की गहराई में,

सपनो की दुनिया पलती हैं और

लफ्जो की सहनाई में

हर तन्हाई सुहानी लगती हैं.

प्रीत की पीर बुरी मगर ,

ये दर्द सुहाना लगता हैं.

उसके संग के हर ख्वाब में,

एक पल में जीवन पूरा लगता हैं.

वो अनजान सही,तन से दूर सही,

पर उम्मीद सदा रहती हैं.

दिल को एसा लगता हैं कि

उसके ख्वाबो में भी मेरी दुनिया बसती हैं.

मरता भी हु और मर -मर कर जीता भी हूँ.

मन के इस समंदर में हर तिनके के संग बहता हूँ.

जिस गुल को सूंघता हूँ बू उसकी पता हूँ.

यादों के साज़ पर सिर्फ उसके तराने गता हूँ.

हर बुलबुल कि जुबान पर गुफ्तगुं उसकी हैं.

उसके दस्त-- दरिया में बहती ये जवानी हैं.

उसके जुल्फो कि छाँव में वो रवानी है कि , विरह में भी मधुर कोई कहानी हैं.

हर पल व्याकुल,उसकी राह में चकोर कोई गाने को हैं.

बाँट जोहते थके,नयन-नीर बरसने को हैं.

पहरा घना ,हद हुई अब,

बेकरार हर पल के संग, "आतिश" अब भुजने को हैं.

--द्वारा

अरुण सुमंत "आतिश"

जब से हम उन से मिले तो

जब से हम उन से मिले तो मिल के ये जाना
वो जब बात भी करते हैं तो ग़ज़ल बन जाती है
वक़्त कुछ सोचता रहता है गुमसुम सा
पलकें झुकती हैं और सजल हो जाती हैं

बात-बेबात बना देना एक तराना नया

राग और साज में यह बात छिड़ जाती है
क्यों छलकता है किसी का दिल इतना
इधर हुयी बात उधर ग़ज़ल बन जाती है

हुस्न को खुद पर हमेशा रहा है नाज़

आशिकी सामने उसके पिघल जाती है
यहाँ तो एक अलाव हमेशा जलता मिले
जरा फूंका
कि चिंगारियां निकल जाती हैं

अब तो लगता है
कि क्या लिखेगा लिखनेवाला
चाँद कदमों में तबियत बहल जाती
है
हुस्न की बानगी जब तक रहेगी बोलती ऐसे
ग़ज़ल बनती रहेगी क़यामत टल
जाती है.



Jab se hum un se mile to mil ke ye jaana
Wo jab baat bhi karte hain to ghazal ban jaati hai
Waqt kuchh sochta rahta hai gumsum sa
Palkein jhukati hain aur sajal ho jati hain

Baat-bebaat bana dena ek naya taraana
Raag aur saaj me yeh baat chhid jati hai
Kyon chhalkataa hai kisi ka dil itanaa
Idhar huyi baat udhar ghazal ban jati hai

Husn ko khud par hamesha raha hai naaz
Aashiqui saamne usake pighal jaati hai
Yahan to ek alaav hamesha jalate mile
Jara funka ki chingariyan nikal jati hain

Ab to lagtaa hai ki kya likhega likhanewala
Chand kadamon me tabiyat bahal jati hai
Husn ki banagi jab tak rahegi bolati aise
Ghazal banati rahegi kayamat tal jati hai.

जीवन के इस मोड़ पर ,

जीवन के इस मोड़ पर ,

सपनो की एक डोर हैं.

पर हर सपने की राह

प्रिया मिलन को और हैं.

पता नहीं ये प्यार हैं,

पर जीवन में अब सार हैं.

उसकी उम्मीदों के बिना ,

लगता सब कुछ निस्सार हैं.

योवन की इस चंचलता में ,

दी को बहती हर मादकता हैं.

विरह की इस अकुलाहट में,

बढ़ती प्रिय -मिलनकी चाहत हैं.

उसकी चुलबुली बातो के संग ,

आता हैं तन्हा रातो में रंग.

रंगों के इस मोहक संगम पर ,

जीवन में हर पल उमंग हैं.

उसकी मंद-मंद मुस्काहट में,

नई उम्मीदों की आहत हैं.

और होंठो के कम्पन में,

मेरे हृदय के स्पंदन हैं.

दिवस -रजनी में हर पल,

ख्वाब सजत रहत हूँ.

उसकी पलकों के तल में ही ,

जीवन का सुख पाता हूँ.

ये भूख नहीं, कोई प्यास नहीं.

हृदय की कोई मांग नहीं,

नयनो के इस मेल में,

इंतज़ार अब मंजूर नहीं.

ये प्रीत महज़ विचार नहीं,

मन का कोई वीकार नहीं,

भावों के इस संगम में

हृदय पर मेरा कोई अधिकार नहीं.

प्रीत की ये राह आसान नहीं.

उम्मीदों का कोई पार नहीं.

प्रिय -मिलन की इस चाहत में.

कुछ भी अब अस्वीकार नहीं.

प्रीत का येही दस्तूर हैं.

लगता इंतज़ार अब नासूर हैं.

प्रिय-मिलन की खातिर ,

" आतीश " को अब भुजना भी मंजूर हैं.

--द्वारा

अरुण सुमंत " आतीश "


तनहा सफ़र

तनहा सफ़र
समझ सके न ये दूरियां क्यों थीं
जबान पे लफ्ज़ फिर मजबूरियन क्यों थीं
दिलों की बात अगरचे हकीकत होती है
हमारे दरमियाँ वो खामोशियाँ क्यों थीं
बुने थे हमने भी कुछ रेशमी धागों के ख्वाब
हमारे हिस्से में वो काली डोरियाँ क्यों थीं
इधर होटों पे अजाब सी जुम्बिश
उदार थे कुछ राज़ दिल के तालों मैं
समझ सके न सरगोशियाँ हवाओं की
हमारे हिस्से में सेहर के आंधियां क्यों थीं
तुम्हे गुरेज़ मेरी चंद बातों से
मै भी परवाज़ का था हामिल
पहुँच के मील के पत्थर पे सोचता हूँ
सफ़र तनहा तो फिर वो दूरियां क्यों थीं

samajh sake na ye doorian kyon thiin
jaban pe lafz phir mazboorian kyon thiin

dilon kii baat agarche haqeeqat hoti hai
hamare darmiyan wo khamosheian kyon thiin

bune the hamne bhe kuch reshmii dhaagon ke khwab
hamare hisse me wo kaalii doriyaan kyon thiin

idhar hoton pe azab sii jumbish
udar the kuch raaz dil ke taalon main

samajh sake na sargosheian hawaon kii
hamare hisse me sehra ke aandheian kyon thiin

tumhe gurez merii chand baaton se
mai bhe parwaz ka tha haamil

pahoonch ke meel ke patthar pe sochta hoon
safar tanha to phir wo doorian kyon thiin

==== Hindi SMS ====16

उनको अपनी जान का सलाम लिखेंगे,

दिल की किताब में अपना अरमान लिखेंगे,

काश हमें मिल जाये आसमान की हुकूमत,

सितारों की जगह उनका नाम लिखेंगे.

Unko apni jaan ka salaam likhenge,

dil ki kitab mein apna armaan likhenge,

kash hamein mil jaye aasman ki hukumat,

sitaron ki jagah unka naam likhenge.

==== Hindi SMS =====

यादों की बरसात लिए

दुओं की सौगात लिए

दिल की गहराई से

चाँद की रौशनी से

फूलों के कागज पर

आप के लिए सिर्फ 3 लफ्ज़

'आइ मिस यू'

Yado ki barsat lye

Duao ki soghat lye

Dil ki gehrae se

Chand ki roshni se

Pholo k kaghaz per

Aap k lye sirf 3 lafz

'I Miss U'

==== Hindi SMS =====

दोस्ती का रिश्ता दो अंजानो को जोड़ देता है,

हर कदम पर जिंदगी को नया मोड़ देता है,

वो साथ देते है तब,

जब अपना साया भी साथ छोड़ देता है..!

Dosti Ka Rishta Do Anjano Ko Jod Deta Hai,

Har Kadam Par Jindagi Ko Naya Mod Deta Hai,

Wo Saath Dete Hai Tab,

Jab Apna Saya Bhi Saath Chod Deta Hai..!

==== Hindi SMS =====

गलती से प्यार कर बैठे नादाँ थे,

उसकी आदत और फितरत से अंजान थे.

वक़्त ने हमें खिलौना बना दिया,

वर्ना हम भी महफिलों की शान थे.

Galti se pyar kar baithe nadan the,

Uski aadat aur fitrat se anjan the.

Waqt ne hame khilona bana diya,

Varna hum v mehfilo ki shaan the.

==== Hindi SMS =====

समय की धारा के साथ चलते हैं,

इसी अदा पे तो लोग मरते है,

SMS की दुनिया के हम बेताज बादशाह हैं,

इसलिए सब हमे SMS करने से डरते है.

Samay ki dhara k sath chalte hai,

Isi ada pe to log marte hai,

SMS ki duniya k hum betaj badshah hai,

isliye sab hume SMS karne se darte hai.

==== Hindi SMS =====

सुबह बनकर जिंदगी सजाते हो,

पहली किरण के साथ मन में चले आते हो,

मुस्कुराकर मेरे प्यार को महकाते हो,

दिल में रहते हो या दिल चुराते हो.

Subah bankar zindgi sajte ho,

Pehli kiran k sath man me chale ate ho,

Muskurakar mere pyar ko mehkate ho,

Dil me rehte ho ya dil churate ho.

==== Hindi SMS =====

आज फिर मज़ार पे दिया जला गया,

मुझको जगाकर जाने कहाँ चला गया.

छोड़ी थी दुनिया कि खुश रहेगा वो,

आंसूं गिरा के कब्र पे मुझको रुला गया.

aaj phir mazaar pe diya jala gayA,

mujko jagakar jane kahan chala gya.

chori thi duniya ki khush rahega wo,

aanso gira k kabr pe mujko rula gaya.

==== Hindi SMS =====

आँखे भी मेरी पलकों से सवाल करती है,
हर वक़्त आपको ही याद करती है,
जब तक देखले आप का मैसेज.
तब तक वो मैसेज आने का इंतज़ार करती है.

Aankhe b meri palko se sawal karti hai,

har waqt aapko hi yaad karti hai,

jab tak na dekhle aap ka msg.

Tab tak wo msg aane ka intezar karti hai.

==== Hindi SMS ====

सूरज से रोशन है सारा जहाँ,
हमें एक दिए की तलाश है,
हमारे पास लोगों की कमी चाहे हो,
पर दूर हमारा भी कोई ख़ास है.

Suraj Se Roshan Hai Sara Jahan,

Hamein Ek Diye Ki Talash Hai,

Hamare Paas Logo Ki Kami Chahe Ho,

Par Door Hamara Bhi Koi KHAAS Hai.

==== Hindi SMS ====

हमें उनकी इबादत से फुर्सत नहीं मिलती ,
लोग जाने किसको खुदा कहते हैं ,
दिल में रखा है उनको,
लोग जाने क्यों जुदा कहते हैं

Humein unki ebadat se fursat nahi milti ,

log na jane kisko khuda kehte hain ,

dil mein rakha hai unko,

log na jane kyon juda kehte hain

==== Hindi SMS ====

हम वो नहीं जो भूल जाया करते हैं,
हम वो है जो निभाया करते हैं

दूर रहके मिलना शायद मुश्किल हो,
पर याद बनके सासों में बस जाया करते हैं

Hum Wo Nai Jo Bhul Jya Krte He,

Hum Wo Hai Jo Nibhaya Krte He,

Dur Rehke Milna $hyad Mushkil Ho,

Par Yad Banke Saso Me Bus Jya Krte He.

==== Hindi SMS ====

वो अपने दर्द रो-रो कर सुनाते रहे
हमारी तनहाइयों से आँखे चुराते रहे

और हमें बेवफा नाम मिला
क्युंकी हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते गए

Vo apne dard ro-ro ker sunate rahe

Hamari tanhaiyo se aankhe churate

Rahe aur hame bewafa naam mila

Kyuki hum har dard muskura ker

Chhupate gaye

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