Tuesday, December 21, 2010

ताऊ ने करवाया ताई और भैंस का बीमा

ताऊ ने करवाया ताई और भैंस का बीमा



बीमा एजेंट बड़ा मायूस हो गया , जब ताऊ से उसका बीमा का काम नही बना ! पर ताऊ के दिमाग म्ह तो खुराफात ही चल री थी ! इब ताऊ उस एजेंट तैं बोल्या   -- अरे तू एक काम कर ! मेरा बीमा करना तो छोड़ और तू मेरी लुगाई का और भैंस का बीमा करदे ! इब एजेंट तो हो गया बिल्कुल खुश ! और जितना भी बड़ा बीमा हो सकता था ! उतना बड़ा बीमा ताई का और ताऊ की भैंस का करके चला गया ! इधर ताऊ ने प्लान बना रक्खा था ! उसी के अनुसार उसने इतने बड़े २ बीमे करवाए थे !



इब ताऊ के चैन तैं बैठण आला था ? दो तीन महीने हुए भी नही थे की ताऊ ने अपनी लुगाई और भैंस को अपनी ससुराल यानी ताई के मायके भेज दिया और ख़ुद पहुँच लिया पुलिस थाने में !



थाने में जाकै ताऊ बोला - थानेदार साब ! मेरी लुगाई और भैंस मर गी सै ! रपोर्ट लिख ल्यो ! इब थानेदार नै पूछी की ताऊ क्यूँकर मर गी ? के बेमारी हुई थी ? ताऊ बोल्या -- जी ये तो मन्नै मालुम नही , पर बस  उनकी उम्र पुरी हो ली थी सो वो दोनु एक ही साथ मर ली !  थानेदार को बड़ा आश्चर्य हुवा और उसको कुछ शक पड़ गया ! इधर ताऊ भी दुनियादारी के धक्के खा खा के होशियार हो चुका था ! सो थानेदार के साथ गाम आली भाषा में तोड़ कर लिया ! यानी दान-दक्षिणा दे के रपोर्ट लिखवा कर आगया ! और बीमा कम्पनी म्ह क्लेम लगा दिया !

थोड़े दिन में ताऊ का क्लेम पास हो गया और ताऊ ने सारे रुपये क्लेम के हथिया लिए ! और थोड़े दिनों बाद ताई को और भैंस को वापस बुलवा लिया !  उसने पहचान छुपाने को भैंस के सींग तोड़ डाले और उसकी पूंछ काट डाली ! लेकिन गाम में ताऊ से जलने वाले भी कई थे ! उनसे ये सहन ही ना हो री थी की ताऊ जिंदा बैठी ताई के नाम से क्लेम लेके मजे करण लाग रया सै !



उन लोगो ने बीमा कम्पनी म्ह जाकै शिकायत दर्ज करवा दी ! और बीमे कम्पनी वालो ने पुलिस थाने में रपोर्ट कर दी ! और वो पुलिस लेके ताऊ के घर तफ्तीश करने आ धमके ! इब पुलिस वालो ने बड़े ध्यान से भैंस को देखा और बोले -- ताऊ ये भैंस तो वो नही सै  जिसका बीमा करवाया था ! सो इसका क्लेम तो ठीक सै ! इब ताई नै बुला !  ताई को देख कर पुलिस आले बोले -- अरे ताऊ ये तो वो की वो ताई सै ! ये तूने बहुत बड़ा जुल्म करया सै !  बोगस क्लेम और धोखाधडी का केस बनेगा !



इब ताऊ बोल्या -- भाई मैं तो थारी ताई को भी इस भैंस जैसी ही बना देता , पर क्या करूँ ? ना तो थारी ताई के सींग सै और ना ही पूंछ सै !

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