Thursday, July 9, 2009

जोकं --भाई फुट गया हो त आधा मेरे तै भी दिए"

जोकं --भाई फुट गया हो त आधा मेरे तै भी दिए"


एक बार की बात सै.....एक बै एक भाई का ब्याह होवे सै.....उसके गाम में एक आंधा रहा करता ...तह गाम आले कहवे सै के इस आंधे ने भी बारात में ले चलो...इसका भी जी लग ज्यागा अर्र धर्म भी हो ज्यागा.....त आंधा चल पड़े सै बारात में....
बारात पहुच जा सै दुसरे गाम में....इब जो छोरी आले थे वे थोड़े माडे ब्योत के थे....उनने खान पीन का program छात पे कर राख्या था....छात पे ए पतल टेक राख्यी थी ...पर दिकत या बनी उस दिन तेज हवा चालन लग रही थी....अर्र हवा में पत्तल न उड़ ज्या न्यू करके पत्तल पे रोडे भी टेक राखे थे......
इब बाराती ऊपर चढ़ ले सै छात पे.....अर्र छात की डोली भी न थी.....नु सोच के ...कदे आंधा निच्चे गाल में न पड़ ज्या...वे उसने बिट्टा दे सै....
आंधा नु सोचे सै..के भाई जिमनवार चालू होगी अर्र तू भी इब रोटी खा ले...आंधा मार सै हाथ अर्र रोडे ने ठा ले सै....आंधा नु सोचे सै यु त लड्डू सै....अर्र पहला इसे की सेवा ले ले.......आंधा कदे बुड्के मारे अर्र कदे उसने दांता गेला खुरचे अर्र आपने कर्मा ने रोवे के आंधा समझ के कई दिन पुराना बासी लड्डू धर दिया मेरे आगे.....
घनी वार होले सै आंधे ने कुस्ती लड़ते रोडे गेला...आखरी में आंधे के छो उठ जा सै अक यु त फूटता ए कोना.....अर्र आंधा उस रोडे ने बगा के मारे सै.....आंधे के स्य्म्ही एक और भाई बैट होवे सै ....रोड़ा उसके मत्थे में जाके लगे सै......अर्र वो भाई भुंडा रुक्का मारे सै...."फुट गया रै" .......आंधा दुखी होके बोले सै " भाई फुट गया हो त आधा मेरे तै भी दिए" .........













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