Saturday, July 16, 2011

आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं

आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं
झांकी घपलिस्तान की
इस मिट्टी पे सर पटको
ये धरती है बेईमान की
बंदों में है दम,
राडिया-विनायकम्
बंदों में है दम, राडिया-विनायकम्
उत्तर में घोटाले करती
मायावती महान है
दक्षिण में राजा-कनिमोझी
करुणा की संतान हैं
जमुना जी के तट को देखो
कलमाडी की शान है
घाट-घाट का पानी पीते
चावला की मुस्कान है.
देखो ये जागीर बनी है
बरखा-वीर महान की
इस मिट्टी पे सर पटको
ये धरती है बेईमान की
बन्दों में है दम...राडिया-विनायकम्.
ये है अपना जयचंदाना
नाज़ इसे गद्दारी पे
इसने केवल मूंग दला है
मजलूमों की छाती पे
ये समाज का कोढ़ पल रहा
साम्यवाद के नारों पे
बदल गए हैं सभी
अधर्मी भाडे के हत्यारे में
हिंसा-मक्कारी ही अब
पहचान है हिन्दुस्तान की
इस मिट्टी पे सर पटको
ये धरती है हैवान की
बन्दों में है दम...राडिया-विनायकम्.
देखो मुल्क दलालों का,
ईमान जहां पे डोला था.
सत्ता की ताकत को
चांदी के जूतों से तोला था.
हर विभाग बाज़ार बना था,
हर वजीर इक प्यादा था.
बोली लगी यहाँ
सारे मंत्री और अफसरान की.
इस मिट्टी पे सर पटको
ये धरती है शैतान की.
बन्दों में है दम... नंगे-बेशरम....

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