रफ्ता रफ्ता मैं तुम्हें अच्छी लगूंगी
अजनबी हूँ आज कल अपनी लगूंगी ,
रेत जीतनी प्यास लेकर जब छुओगे,
मैं हूँ तो साहिल पर तुम्हे दरिया लगूंगी ...
सल्तनत एहसास की तुमको मिली तो,
मैं तुम्हे जागीर का हिस्सा लगूंगी ,
बंद करके आँख जब देखोगे मुझको,
कल सुबह देखा हुआ सपना लगूंगी ..........
गर महसूस मुझको दिल से कर सकोगे,
प्यार का बहता हुआ झरना लगूंगी ,
मेरे होठों की अजब तासीर है ये,
में हूँ समंदर पर तुम्हें प्यासा लगूंगी.......
मुझको खोकर जिंदगी में जब मिलोगे,
क्या पता मैं उस समय कैसी लगूंगी,
रफ्ता रफ्ता मैं तुम्हे अच्छी लगूंगी,
अजनबी हूँ आज कल अपनी लगूंगी ..
अजनबी हूँ आज कल अपनी लगूंगी ,
रेत जीतनी प्यास लेकर जब छुओगे,
मैं हूँ तो साहिल पर तुम्हे दरिया लगूंगी ...
सल्तनत एहसास की तुमको मिली तो,
मैं तुम्हे जागीर का हिस्सा लगूंगी ,
बंद करके आँख जब देखोगे मुझको,
कल सुबह देखा हुआ सपना लगूंगी ..........
गर महसूस मुझको दिल से कर सकोगे,
प्यार का बहता हुआ झरना लगूंगी ,
मेरे होठों की अजब तासीर है ये,
में हूँ समंदर पर तुम्हें प्यासा लगूंगी.......
मुझको खोकर जिंदगी में जब मिलोगे,
क्या पता मैं उस समय कैसी लगूंगी,
रफ्ता रफ्ता मैं तुम्हे अच्छी लगूंगी,
अजनबी हूँ आज कल अपनी लगूंगी ..
Rafta rafta main tumhen achchhi lagungi
ajanabi hun aj kal apani lagungi ,
ret jitni pyas lekar jab chhuoge,
main hun to sahil par tumhe dariya lagungi ...
saltanat ehsas ki tumko mili to,
main tumhe jagir ka hissa lagungi ,
band karke ankh jab dekhoge mujhako,
kal subah dekha hua sapna lagungi ...........
gar mehsus mujhko dil se kar sakoge,
pyar ka bahata hua jharna lagungi ,
mere hothon ki ajab tasir hai ye,
main hun samandar par tumhen pyasa lagungi.......
mujhko kho kar zindagi mein jab miloge,
kya pata main us samay kaisi lagungi,
rafta rafta main tumhe achchhi lagungi,
ajnabi hun aj kal apani lagungi ..
ajanabi hun aj kal apani lagungi ,
ret jitni pyas lekar jab chhuoge,
main hun to sahil par tumhe dariya lagungi ...
saltanat ehsas ki tumko mili to,
main tumhe jagir ka hissa lagungi ,
band karke ankh jab dekhoge mujhako,
kal subah dekha hua sapna lagungi ...........
gar mehsus mujhko dil se kar sakoge,
pyar ka bahata hua jharna lagungi ,
mere hothon ki ajab tasir hai ye,
main hun samandar par tumhen pyasa lagungi.......
mujhko kho kar zindagi mein jab miloge,
kya pata main us samay kaisi lagungi,
rafta rafta main tumhe achchhi lagungi,
ajnabi hun aj kal apani lagungi ..
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