अगर तू इश्क में बरबाद नहीं हो सकता,
जा तुझे कोई सबक याद नहीं हो सकता।
दिल के सहरा में कोई फूल खिला दीवाने
वर्ना ये शहर तो आबाद नहीं हो सकता ।
टूटना मेरा मुकद्दर है कि मैं शीशा हूं
और शीशा कभी फौलाद नहीं हो सकता।
मेरी आवाज तो मुमकिन है दबा दी जाये,
मेरा लहजा कभी फरियाद नहीं हो सकता।
मैं तुझे भूल भी जाऊं तो यकीं है मुझको,
तू मेरी फिक्र से आजाद नहीं हो सकता।
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