Monday, March 8, 2010

होली एस एम् एस--2

सबमें मची होली अब तुम भी ये चरचा लो
रखवाओ अबीर ऐ जां और मय को भी मंगवा लो
हम हाथ में लोटा लें तुम हाथ में लुटिया लो
हम तुमको भिगो डालें तुम हमको भिगो डालो
होली में यहीं धूमें लगती हैं बहुत भलियां
इस दम तो मियाँ हम तुम इस ऐश की ठहरावें
फ़िर रंग से हाथों से पिचकारियाँ चमकावें
कपड़ों को भिगो डालें फिर ढंग कई लावें
भीगे हुए कपड़ों से आपस में लिपट जावें
होली में यही धूमें लगती हैं बहुत भलियाँ

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तुम रंग इधर लाओ और हम भी उधर आवें
कर ऐश की तय्यारी धुन होली की बर लावें
और रंग के छीटों की आपस में जो ठहरावें
जब खेल चुकें होली फिर सीनों से लग जावें

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