विश्वासपात्र
प्रेषक -- ऋचा
एक अंग्रेज सिपाही, जिसकी बीबी बहुत खूबसूरत थी, को अचानक लड़ाई के मैदान से बुलावा आ गया। उसकी गैरमौजूदगी में उसकी बीबी कहीं किसी और से आंखे चार न कर बैठे इस डर से उसने अपनी बीबी को एक कमरे में बन्द किया और चाबी अपने एक विश्वासपात्र मित्र को देकर कहा - मैं युध्द में भाग लेने जा रहा हूं। यदि मैं दस दिनों तक नहीं लौटूं तो तुम इस चाबी से ताला खोलकर उसे आजाद कर देना ।
इतना कहकर वह चल दिया।
अभी वह थोड़ी ही दूर पहुंचा था कि उसने देखा उसका मित्र घोड़े पर सरपट दौड़ता हुआ उसे आवाज देता हुआ चला आ रहा है।
मित्र पास आते ही चिल्लाया - धोखेबाज ! तू मुझे गलत चाबी देकर जा रहा है। इससे तो ताला खुल ही नहीं रहा ......
No comments:
Post a Comment