Friday, July 10, 2009
जोक --पीटें तो सब की घर आली सें
जोक --पीटें तो सब की घर आली सें
म्हारे गाम में एक बाणिया था... सतनारायण नाम था ....उसके घर में इ दूकान थी... तो एक दिन वो बाणिया अपनी घर आली धोरे "पिटन" लाग रा ...... एर गाम के एक जाट ने देख लिया जो किमे सौदा लेवन आया था .....
इब जाट तो रह्या जाट ..... किलकी मार की बोल्या ..." रे देखो बाणीये ने उसकी घर आली पीटन लाग री...." ....आर दो चार और कठे कर लिए....
बाणिया फट देनी सी बाहर लिकड़ की आया एर बोल्या ..... " अड़ आडू जाटो... पीटें तो सब की घर आली सें ..... मेरा बस बेरा पाट गया"
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एक बारएक जाट अपनी नई रिश्तेदारी में गया। साथ में उसका नाई भी था। नई रिश्तेदारी थी, तो खातिरदारी में फटाफट गरमा-गरम हलवा हाजिर कियागया। दोनों सफर में थक गए थे, भूख भी बड़ी लग रही थी। हलवा आते ही दोनों ने चम्मच भरकर गरमा-गरम हलवामुंह में धर लिया। अब इतनागरम हलवा ना निगला जाए और न उगला जाए। बुरा हाल हो गया। दोनों की आंखों में आंसू आ गए।नाई ने हिम्मत करके चौधरी से पूछा: चौधरी, के हुया?जाट बोला: भाई, जब घर तैं चाल्या था, तै थारी चौधरण बीमार सी थी, बस उस की याद आगी।नाई की आंखों में भी पानी देख कर जाट ने पूछा: र, तेरैके हुया?नाई बोला: चौधरी, मन्नै तै लाग्गै सै चौधरण मर ली!
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