दर्द का रिश्ता है हमारे बीच, एक बंधन आंसू का जुड़ता हमारे बीच, बंद आँखों से दीखता है जो वो चेहरा है महबूब का, बस एक वोह पल पनपता है हमारे बीच, यह खामोशी इतना बोलती है की दिल, धडकनों की जुबान समझता है हमारे बीच, दो जिस्म एक जान है हम, आधा तेरा आधा मेरा मिलकर एक दिल धड़कता है हमारे बीच, किसी को मोहब्बत ज्यादा है शायद, तभी तो कोई एक तरसता है हमारे बीच, दोनों एक दूजे से खफा हो जाते है, तो जस्बातों का सवान बरसता है हमारे बीच, जुदाई ले आती है पास इश्क को हुसन के, तभी तो मोहब्बत का रूप बिकता है हमारे बीच. |
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