आए सामने तेरा चेहरा
तुम क्या गई हो ज़िंदगी से
हो गया हूँ और भी तनहा
तुम्हारी वो हँसी
अब भी याद आती है
वो पहली मुलाक़ात
मुस्कान छोड़ जाती है !
तुम्हारी बातों के वान
दिल में अब तक मचला करते हैं
क्यों दिल की बात न कह सके
अपने आप से शिकायत करते हैं !
बेवफाई का दाग तुम्हे देके
अपने आप को बचाना चाहते हैं
लफ्जों के बानों से हम
मोहोब्बत इन्तेहा जताना चाहतें हैं !
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..............raj.....................
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